ओम प्रकाश पाटीदार
जिला समन्वयक
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस शाजापुर
पानी की कमी वाले क्षैत्रों में अच्छी फसल केसे ली जा सकेगी अपना शोध पढकर बताया नन्हें वैज्ञानिकों ने
शाजापुर में जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन सिओमा पब्लिक स्कूल शाजापुर में किया गया इस दौरान नन्हे बाल वैज्ञानिको ने स्थानीय समस्याओं पर तैयार अपने शोघ पत्रों का वाचन पावर प्वाइन्ट द्वारा किया गया राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए शाजापुर जिले के 100 से अधिक विद्यालयों के 250 से अधिक बाल वैज्ञानिकों का पंजीयन भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की वेबसाइट पर करवाया गया है, इन पंजीकृत बाल वैज्ञानिकों में से जिला स्तर हेतु चयनित15 शोधपत्रों का प्रस्तुतीकरण जिला स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राधावल्लभ कारपेन्टर ने बताया कि भारत को विष्व में अग्रणी स्थान दिलाने के लिए हमे विज्ञान शोध पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। प्रस्तुत परियोजनाओं का मूल्यांकन ,रविकान्त त्रिपाठी,अवनीष श्रीवास्तव तथा सज्जाद कुरेषी ने किया कार्यक्रम उपरान्त आभार सिओमा पब्लिक स्कूल के प्राचार्य प्रवीण सोनी ने माना कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता रितेष शर्मा ने किया,
रा.बा.वि.कां शाजापुर जिले से 5 सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओ का प्रस्तुतीकरण 28-29-30 नवम्बर को देवास में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय आयोजन मे किया जावेगा। इस वर्ष यह परियोजनाए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्यागिकी विभाग द्वारा घोषित मुख्य कथानक ‘‘ संपोषणीय विकास के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार‘‘‘ अन्तर्गत उप-कथानक1.प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, 2.खाद्य एवं कृषि, 3.ऊर्जा, 4. स्वास्थ्य,स्वच्छता एवं पोषण, 5.जीवन शैली एवं जीविका 6. आपदा प्रबंधन तथा7.प्राचीन ज्ञान प्रणाली। के अन्तर्गत विभिन्न शीर्षको पर तैयार की गयी है।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस जिला समन्वयक ओ.पी.पाटीदार के अनुसार विद्यालयीन छात्र-छात्राओं को भविष्य में वैज्ञानिक शोधकायो हेतु पृष्ठभूमी तैयार करने तथा उनकी वैज्ञानिक चेतना को जागृत कर उनकी वैज्ञानिक अभिरूचि को उजागर करने उसे पहचानने तथा उनकी वैज्ञानिक संकल्पनाओं को एक सशक्त मंच प्रदान करने के लिए भारत सरकार के विज्ञान एंव प्रोद्योगिकी विभाग एंव राष्ट्रीय विज्ञान एंव प्रोद्योगिकी एंव संचार परिषद नई दिल्ली द्वारा ब्लाक स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांफ्रेस का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में 10 से 17 वर्ष के बालक बालिकाए (बाल वैज्ञानिक) भारत सरकार के विज्ञान एंव प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा दिये गये मुख्य कथानक अन्तर्गत विभिन्न उप- कथानको के अनुरूप स्थानिय समस्या पर अपने लद्यु शौध पत्र तैयार कर उसका प्रस्तुतीकरण करते हैं। इस कार्यक्रम की प्रमु£ विषेषता यह हैं कि इसमे किसी प्रकार के माॅड़ल नही बनाये जाते हे तथा सिर्फ स्थानिय समस्याओं पर ही कार्य किया जाकर किये गये कार्य पर आधारित लद्युशोघ पत्र तैयार कर उसका प्रस्तुतीकरण पोस्टर,चार्ट,ट्रान्सपेरेन्सी अथवा पावर प्वाइन्ट द्वारा किया जाता है।
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