टेलीफोन पर बातचीत हमेशा हेलो से क्यों शुरू होती है?
Om Prakash Patidar
हमारे फोन की घंटी घनघनाये या मोबाइल की रिंगटोन बजी और आपने फोन उठाया. दूसरी तरफ से आई आवाज ‘हैलो’ और यहां से आपने भी कहा ‘हैलो’. अब इस हैलो के बाद शुरू होती है बाकी की बातें. लेकिन क्या आपने सोचा है कि हर बार फोन उठाते ही ज्यादातर लोग 'हैलो' क्यों बोलते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें खास बात क्या है. सभी लोग हैलो बोलते हैं और क्या पता ये हाय-हैलो वाला हैलो हो. चलिए, अब अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाना बंद कीजिए, हम आपको बताते हैं फोन पर 'हैलो' बोलने की पूरी कहानी.
ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम था ‘मारग्रेट हैलो’
टेलीफोन के अविष्कार के लिए ग्राहम बेल का नाम हमेशा से याद किया जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम मारग्रेट हैलो था और जब सालों की मेहनत के बाद बेल ने टेलीफोन का अविष्कार किया, तो उन्होंने एक ही तरह के दो टेलीफोन बनाए, एक टेलीफोन ग्राहम ने अपनी गर्लफ्रेंड को दे दिया. इसके बाद सभी तकनीकी कमियां दूर करने के बाद बेल ने सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड को फोन लगाया. फोन उठाते ही ग्राहम बेल ने सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड का नाम बड़े प्यार से 'हैलो' पुकारा. वो जब भी मारग्रेट को फोन करते ‘हैलो’ कहकर पुकारते थे. इस तरह फोन उठाते ही हैलो कहना एक सम्बोधन के शब्द के रूप में प्रचलित हो गया.
Tags:
ऐसा क्यों? सामान्य विषय