अल्बर्ट आइंसटीन ने कहा था कि अगर मधुमिक्खयां पृथ्वी से समाप्त हो जायें तो चार साल में मानव जाति का अस्तित्व दुनिया से मिट जायेगा। संभवत: उन्होंने यह बात मधुमक्खियों के द्वारा किये जाने वाले पर परागण को लेकर कही थी, जो खाद्यान्न उत्पादन के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। परागण का काम हवा के जरिये भी होती है, पानी के द्वारा भी, लेकिन इसमें सबसे बड़ी भूमिका मधुमक्खियां की होती हैं। आइये आज हम इस लेख द्वारा मधुमिक्खयों के बारे में चर्चा करेंगे
विश्व मधुमक्खी दिवस क्यों मनाते है?
मधुमक्खियां हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम जो कुछ भी फल, सब्जियां या अनाज खाते हैं उन्हें उगाने के लिए केवल धूप, मिट्टी और पानी ही जरूरी नहीं हैं बल्कि कीट पतंगों का भी विशेष योगदान है। धरती पर कृषि का एक बड़ा भाग इन्हीं कीट पतंगों पर निर्भर है। ऐसे में मधुमक्खियों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए और उन्हें खतरों से बचाने के लिए हर साल 20 मई को मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) मनाया जाता है।आज के ही दिन यानि 20 मई को, आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक के जनक एंटोन जान्सा का जन्म 1734 में स्लोवेनिया में हुआ था।
विश्व मधुमक्खी दिवस मनाने का उद्देश्य:
विश्व मधुमक्खी दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व, योगदान और उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। दुनिया के खाद्य उत्पादन का लगभग 33% मधुमक्खियों पर निर्भर करता है, इस प्रकार वे जैव विविधता के संरक्षण, प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक हैं। उल्लेखनीय है कि यह दिवस हमारे अस्तित्व हेतु मधुमक्खियों एवं परागणकों के महत्व, सतत विकास में उनके योगदान तथा उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
विश्व मधुमक्खी दिवस का इतिहास:
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने दिसंबर 2017 में स्लोवेनिया के 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस प्रस्ताव ने विशिष्ट संरक्षण उपायों को अपनाने और मधुमक्खियों के संरक्षण और मानवता के लिए उनके महत्व पर प्रकाश डाला। पहला विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई 2018 को मनाया गया था।
मधुमक्खी से जुड़े रोचक
- पृथ्वी पर 20,000 से ज्यादा प्रकार की मधुमक्खी पाई जाती हैं लेकिन इनमें से सिर्फ चार ही प्रकार की मधुमक्खी शहद बना सकती हैं |
- केवल मादा मधुमक्खी ही शहद बना सकती है और डंक मार सकती है नर मधुमक्खी तो केवल रानी मधुमक्खी के साथ मिलकर अपने बच्चो को
जन्म देती है.
- मधुमक्खी 24 किलोमीटर प्रति आवर की रफ्तार से उड़ती है और 1 सेकंड में 200 बार पंख हिलाती है मतलब हर मिनट में एक मधुमक्खी 12,000 बार पंख हिलाती है |
- मधुमक्खी फूलों की तलाश में छत्ते से 10 किलोमीटर दूर तक चली जाती है इनके पास एक एंटीना टाइप छड़ी होती है जिसके जरिए यह फूलों से रस चूस लेती है |
- शहद
में 80% पानी होता है मगर जो उल्टी करके निकालती है उसमें 14 से 18% पानी होता है
|
- मधुमक्खियों को 1 किलो शहद बनाने के लिए पूरे छत्ते को लगभग 40 लाख फूलों का रस चूसना पड़ता है और 90, हजार मील उड़ना पड़ता है यह पूरी धरती के 3 चक्कर के बराबर माना जाता है |
- एक मधुमक्खी अपनी पूरी जिंदगी में एक चम्मच के 12वे हिस्से जितना ही शहद बना पाती है |
- नर मधुमक्खी यानी ‘DRONES’ का कोई पिता नहीं होता बल्कि सीधे दादा या
माता होती है क्योंकि यह अनफर्टिलाइज्ड एग से पैदा होते हैं यह वह अंडे होते हैं जो रानी मधुमक्खी बिना किसी नर मधुमक्खी की
सहायता के स्वयं अकेले पैदा करती है इसलिए इनका पिता नहीं होता केवल माता होती है |
- शहद के
अंदर फ्रुक्टोज की मात्रा ज्यादा होने के कारण यह चीनी से भी 25% ज्यादा मीठा होता है |
- शहद हजारों सालों तक
भी खराब नहीं होता यह एकमात्र ऐसा फूड है जिसके अंदर जिंदगी जीने के लिए आवश्यक सभी चीजें पाई जाती हैं इसका एक उदाहरण यह भी है जब गीजा के पिरामिड के अंदर पाया गया शहद खोजी वैज्ञानिकों द्वारा गर्म करके चला गया था तो वह उतना ही स्वादिष्ट था जितने कि आज के शहद होते हैं |
- धरती पर मौजूद सभी जीव जंतुओं में से मधुमक्खियों की भाषा सबसे कठिन मानी जाती है और इसे 1973 में ‘KARL VON FRISCH’ नाम के व्यक्ति ने इनकी भाषा ‘THE
WAGGLE DANCE’ को समझाने के लिए नोबेल पुरस्कार भी
मिल चुका है
|
- एक छत्ते में दो रानी मधुमक्खी नहीं रह सकती अगर रहेंगी भी तो केवल थोड़े समय के लिए क्योंकि जब दो
रानी मधुमक्खी आपस में मिलती है तो वह दोस्ती करने की बजाय एक-दूसरे पर हमला करना ज्यादा पसंद करती हैं और यह तब तक हमला जारी रहता है जब तक एक रानी मधुमक्खी की
मौत ना
हो जाए इसीलिए एक छत्ते में दो रानी मधुमक्खी नहीं रह सकती |
- अगर किसी कारण बस
किसी छत्ते की
रानी मधुमक्खी मर
जाती है तो वह छत्ता बर्बाद हो जाता है या तो फिर उसकी सारी मधुमक्खियां उड़कर कहीं दूसरे छत्ते पर चली जाती है या फिर वह 2 से 3 दिन के अंदर रानी मधुमक्खी को
ढूंढ कर
लेकर आती है
|
- वर्कर मधुमक्खियां मौजूदा कीन के अंडे को फर्टिलाइज करके मोम की 20 कोशिकाएं तैयार करती हैं और फिर नर्स मधुमक्खियां रानी मधुमक्खी के लारवा से तैयार एक विशेष भोजन जिसे रॉयल जेली कहा जाता है की मदद से मोम के
अंदर कोशिकाएं निर्मित करती है यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कोशिकाओं की लंबाई 25MM तक ना हो जाए निर्माण की प्रक्रिया के 9 दिन बाद यह कोशिकाएं मॉम की परत से पूरी तरह ढक दी जाती है आगे चलकर इसी से रानी मधुमक्खी तैयार होती है |
- मधुमक्खियों के शहद से विभिन्न प्रकार की औषधियां भी
बनाई जाती हैं |
Very nice and detail information
जवाब देंहटाएंमुझे विश्व मधु मक्खी दिवस के बारे में नहीं पता था लेकिन शायद मधुमक्खी को पता था ।दो मधुमक्खियों ने मुझे काट कर आज से ही अपना डे सेलिब्रेट करना शुरू कर दिया है।
Very nice mujhe nahi malum thi par madhumakhi day ki vajah se me samaj Pai
हटाएंMujhe pure chatte about thousands bees ne hamla karke dunk mare ,mere ghar walo &Lbs me drs ne hajaro dunk nikale ,Ishwar ne mujhe naya jivan diya hai ,dr bhi wonder kar rahe ki kaise bache. Aap sabhi se request hai ki kabhi bhi hony bee ke pass bhi na jave.Happy hony day.
जवाब देंहटाएंExcellent information. Got to know about so many things!
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