प्रस्तुतीकरण
ओम प्रकाश पाटीदार
शाजापुर (म.प्र.)
क्या आपने रात में कभी काली बिल्ली देखी है? अंधेरे में काली बिल्ली का शरीर तो दिखाई नहीं देता है लेकिन उसकी जुगनू-सी चमकती हुई आंखों को देखकर हर कोई पहली बार में तो डर ही जाता है. बिल्ली की तरह ही शेर, चीता, तेंदुआ समेत कई अन्य जानवरों की आखें रात में चमकती हैं.
क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
जिन जानवरों की आंखें चमकती है, उनकी आंखों में एक विशेष प्रकार के मणिभीय पदार्थ (Crystalline Sbstance) की पतली परत होती है. यह पतली परत आंखों पर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित कर देती है. यह ठीक उसी तरह की क्रिया है, जैसे किसी दर्पण पर सूर्य की किरण पड़ते ही चमकने लगती है.
जिन जानवरों की आंखें चमकती है, उनकी आंखों में एक विशेष प्रकार के मणिभीय पदार्थ (Crystalline Sbstance) की पतली परत होती है. यह पतली परत आंखों पर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित कर देती है. यह ठीक उसी तरह की क्रिया है, जैसे किसी दर्पण पर सूर्य की किरण पड़ते ही चमकने लगती है.
वहीं, बिल्ली की आंखों पर किए गए एक प्रयोग से पता चलता है कि उसकी आंखों के पर्दे के पीछे एक चमकदार पदार्थ की परत होती है, जिसे ल्यूमिनियस टेपटम (Luminous tepetum) कहते हैं. यह पदार्थ प्रकाश को परावर्तित करता है. इस परत के कारण बहुत कम रोशनी में भी बिल्ली आसानी से चीजों को देख लेती है. वे सभी जानवर जिनकी आंखें रात में चमकती है, वे अंधेरे में भलीभांति देख सकते हैं.
इसके अलावा एक और बात गौर करने लायक है कि जिन जानवरों की आंखें रात में चमकती है, उन सबकी चमक का रंग एक जैसा नहीं होता है. इसका कारण यह है कि जिन जानवरों की आंखों में खून की नसें अधिक होती हैं, उनकी आंखों की चमक लाल रंग की होती है. वहीं, जिन जानवरों की आंखों में खून की नसें कम होती हैं, उनकी आंखों की चमक सफेद या हल्का पीलापन लिए हुए होती है.
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Very nice post
जवाब देंहटाएंPragya sahu