प्रतिरोधक घोल या बफर को इस प्रकार परिभाषित किया जाता है– एक ऐसा घोल जिसमें थोड़ा मात्रा में अम्ल या क्षार के मिलाए जाने से उसके पीएच (pH) में कोई अंतर न आए | इसका प्रयोग केमिकल एप्लीकेशनों के व्यापक प्रकार में पीएच (pH) को स्थिर मान के करीब बनाए रखने में किया जाता है | कई जीवन अपेक्षाकृत कम पीएच (pH) रेंज में ही विकसित होते हैं इसलिए वे बफर घोल का प्रयोग पीएच (pH) को स्थिर बनाए रखने में करते हैं | प्रकृति में, रक्त के पीएच (pH) को नियमित करने के लिए बाईकार्बोनेट बफरिंग प्रणाली का प्रयोग किया जाता है | सोडियम एसीटेट और एसिटिक एसिड का घोल प्रभावी बफर घोल का एक उदाहरण है | घोल जिसमें बफर घोल मिलाया जाता है वह बेहद धीमे अम्ल के तौर पर काम करता है ।