सी हॉर्स’ (sea horse)बच्चों को मादा नही नर जन्म देता है
प्रस्तुतीकरण
ओम प्रकाश पाटीदार
शाजापुर
सी-हॉर्स’ अंग्रेजी के शब्द का अर्थ भले ही ‘समुद्री घोड़ा’ हो किन्तु वास्तव में यह कोई समुद्री घोड़ा नहीं एक सुंदर-सी मछली है जिसका वैज्ञानिक नाम ‘हिप्पोकैम्पस’ है ।
इस मछली को ‘सी हॉर्स’ नाम इसलिए दिया गया क्योंकि इसका थूथन लंबा होता है, जिसके कारण यह मछली एक छोटे जलीय घोड़े जैसी ही लगती है । वैसे यह एक विचित्र जीव है जिसके विभिन्न अंग अलग-अलग किस्म के जीवों के समान लगते हैं । जैसे ‘सी हॉर्स’ का सिर तथा गर्दन घोड़े के समान, पूंछ बंदर जैसी, शरीर कवच आर्माडीलो जैसा, आंखें गिरगिट की भांति तथा थैली कंगारू जैसी होती है ।
इसकी आंखें एक ही समय में अलग-अलग दिशाओं में काम कर सकती हैं तथा इच्छानुकूल रंग परिवर्तन करने में भी सक्षम होती हैं जिस कारण शत्रुओं से इसकी रक्षा करने में ये सहायक होती हैं । इसके शरीर में हड्डियां भी होती हैं किन्तु इसके डैने नहीं होते, जिस कारण यह अन्य मछलियों के मुकाबले धीमी गति से तैरती है । यह शरीर के दोनों ओर मौजूद पंखों की मदद से तैरती है और तैरते समय अपनी पूंछ को इधर-उधर पलटती रहती है ।
इसके दांत भी नहीं होते । इसकी दुनियाभर में करीब 3 दर्जन प्रजातियां हैं जिनकी अलग-अलग प्रजातियों की औसत आयु 1-5 वर्ष तक होती है । 15 से 35 सैंटीमीटर तक लंबी यह मछली दुनिया भर के सभी समुद्रों में एक से पन्द्रह मीटर तक की गहराई में गर्म और छिछले पानी में पाई जाती है ।
दिलचस्प है कि बच्चों को नर सी हॉर्स जन्म देता है। असल में मादा सी हॉर्स अपने अंडे पुरुष सी हॉर्स की थैली में डाल देती है और उसी थैली में से 10 दिनों से लेकर 6 महीने की अवधि में बच्चे का जन्म होता है । कुछ गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दवाएं बनाने हेतु सी-हॉर्स का शिकार बड़ी तादाद में किया जाता है, जिससे इनके अस्तित्व पर खतरा मंडराने की आशंका है ।
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