इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में मालवा क्षेत्र के शिक्षक ओम प्रकाश पाटीदार और शैलेंद्र कसेरा करेंगे नवाचार का प्रदर्शन
देश में विज्ञान , प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष देश के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) वार्षिक उत्सव का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा विज्ञान भारती के सहयोग से किया जाता है। यह देश का सबसे बड़ा विज्ञान मेला बन चुका है जिसमें आमजन के समक्ष वैज्ञानिकों, शिक्षकों, छात्रों , शोधकर्ताओं ,उद्योग विशेषज्ञों, उद्यमियों और वैज्ञानिक संचारकों के द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस वर्ष की 17-20 जनवरी को टीएचएसटीआई-आरसीबी कैंपस, फरीदाबाद, हरियाणा में 9वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) 2023 होने जा रहा है।आईआईएसएफ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित 17 प्रोग्रामों होते है जिसमें देशभर में विज्ञान के क्षेत्र में असाधारण कार्य करने वाले केवल चयनित किए गए ही व्यक्तियों को ही भाग लेने का मौका मिलता है। इस वर्ष के आईआईएसएफ में मालवा क्षेत्र के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय शाजापुर के राष्ट्रपति पुरुस्कार प्राप्त शिक्षक ओमप्रकाश पाटीदार और इनोवेशन वर्कशॉप नलखेड़ा के विज्ञान शिक्षक शैलेंद्र कसेरा को साइंस थ्रू गेम एंड टॉयज कार्यक्रम में स्कूली बच्चों में विज्ञान शिक्षा के प्रसार के लिए में किए गए नवाचारों को खिलौनों के रूप प्रस्तुत करने और राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक वर्कशॉप में सम्मिलित होने के लिए आमन्त्रित किया गया है। दोनों शिक्षक इस से पूर्व भी आईआईएसएफ के आयोजन में आमंत्रित किए जा चुके है। शाजापुर के ओम प्रकाश पाटीदार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारी कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुरुस्कार सहित कई सम्मान प्राप्त कर चूके है। इनके द्वारा अपने क्षेत्र की जैव विविधता को सूचीबद्ध कर लोक जैव विविधता पंजी भी बनाई गई है। आगर मालवा जिले के नलखेड़ा के शिक्षक शैलेंद्र कसेरा क्षेत्र में इनोवेशन वर्कशॉप संस्था के माध्यम से बच्चों में वैज्ञानिक जागरूकता और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे है जिनके मार्गदर्शन में 3 छात्र अपने आविष्कार का पेटेंट प्राप्त कर चूके है और 2 विद्यार्थियों के द्वारा प्रतिष्ठित इंस्पायर अवार्ड जैसे विज्ञान प्रतियोगिता में राष्ट्रीय पुरुस्कार जीत चुके है और 80 से अधिक बच्चे चयनित हो चुके है। जिसके लिए इन्हे शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षक दिवस पर सम्मानित भी किया जा चुका है। साथ ही बेकार सामानों के द्वारा बच्चों को असली विज्ञान सीखने के लिए कई शासकीय और अशासकीय स्कूलों में कार्य करते रहते है। आईआईएसएफ के लिए शाजापुर और आगर मालवा क्षेत्र से केवल दोनो विज्ञान शिक्षकों को विज्ञान शिक्षा में किए गए नवाचारों के परिपेक्ष्य में आमंत्रित किया गया है।