इंद्रधनुष (Rainbow) कैसे बनता है -
Om Prakash Patidar
अक्सर आपने देखा कि बारिश बाद आकाश में सात रंगों की एक सुन्दुर आकृति बनती है जिसे हम इंद्र धनुष कहते हैं पर क्या आपने कभी सोचा हैै कि यह इंद्र धनुुष क्योंं और कैसे बनता है अगर नहीं तो आइये जानते हैं आकाश में इंद्रधनुष कैसे बनता है -
असल में बारिश के बाद कुछ बारिश की बूॅदें आकाश में रह जाती हैं और जब बारिश के बाद सूर्य निकालता है तो सूर्य की किरण इन बूॅदोंं पर पडती है तो यह बूॅदें एक प्रिज्म का काम करती हैंं और सूर्य की किरणें सात रंगों में बट जाती हैंं और इंद्र धुनष का निर्माण होता हैै।
इंंद्रधनुष हमेशा शाम के समय पूर्व दिशा में तथा सुबह के समय पश्चिम दिशा में दिखाई देता हैै आमतौर पर इन्द्रधनुष में लाल रंग सबसे बाहर और बैंगनी रंग सबसे अंदर होता है।
आकाश में संध्या समय पूर्व दिशा में तथा प्रात:काल पश्चिम दिशा में, वर्षा के पश्चात् लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, तथा बैंगनी वर्णो का एक विशालकाय वृत्ताकार वक्र कभी-कभी दिखाई देता है। यह इंद्रधनुष कहलाता है। वर्षा अथवा बादल में पानी की सूक्ष्म बूँदों अथवा कणों पर पड़नेवाली सूर्य किरणों का विक्षेपण (डिस्पर्शन) ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण है। सूर्य की किरणें वर्षा की बूँदों से अपवर्तित तथा परावर्तित होने के कारण इन्द्रधनुष बनाती हैं। इंद्रधनुष सदा दर्शक की पीठ के पीछे सूर्य होने पर ही दिखाई पड़ता है। पानी के फुहारे पर दर्शक के पीछे से सूर्य किरणों के पड़ने पर भी इंद्रधनुष देखा जा सकता है।
Yes
जवाब देंहटाएंYou are right
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