किराये की कोख (Surrogacy) क्या है?

किराये की कोख क्या है?
Om Prakash Patidar

Surrogacy एक ऐसी टेक्नीक है, जिसकी मदद से बच्चे पैदा करने में असमर्थ दंपत्ति मां-बाप बन पाने में समर्थ हो पाते हैं. इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुये भारतीय सरकार ने भी अपनी कमर कसते हुये, इसे लेकर कड़े कानून बनाने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दिखायी है. और इसे लेकर लोकसभा में एक बिल भी पेश किया जा चुका है. हालांकि अभी तक ये कानून का रूप नहीं ले पाया है. 
हमारे मन में ये सवाल आता है कि आखिर ये Surrogacy क्या होती है? तो हम बताते है.

क्या होती Surrogacy-

ये एक ऐसा एग्रीमेंट है जिसमें बच्चा पैदा कर पाने असमर्थ दंपत्ति किसी महिला के साथ डील करते हैं. जिसमें वो महिला उस दंपत्ति के एग और स्मर्म को अपने यूचरस में रखकर बच्चे को जन्म देती है. ज्यादातर इस टेक्नीक की मदद वो कपल लेते हैं जिनका बच्चा बार-बार मिसकैरेज हो जाता है या फिर जो बच्चा न पैदा कर पा रहे हों. और बार-बार आईवीएफ टैक्नीक भी फेल हो रही हो.

लोकसभा में प्रस्तावित Surrogacy कानून की कुछ विशेष बातें-

  • इस टेक्नीक का सहारा वो दंपत्ति ही ले सकते हैं , जिनकी शादी पांच या उसे अधिक साल पहले हुयी हो.
  • दंपत्ति में महिला की उम्र 23 से 50 साल और पुरुष की उम्र 26 से 55 साल के बीच होनी चाहिए
  • अगर ये कानून लागू होता है, जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे राज्य में लागू होगा.
  • इसकी अनुमति केवल भारतीय नागरिकों को ही मिलेगी.
  • ऐसे लोगों को इसकी इजाजत नहीं मिलेगी, जो सिंगल पैरेंट, होमोसेक्सुअल या लिव-इन में रहने वाले हों.
  • जिन मामलों में इनफर्टिलिटी साबित होगी, सिर्फ उन्हें ही इस टेक्नीक को यूज करने की स्वीकृति मिलेगी.
  • इस टेक्नीक से पैदा हुये बच्चों को वास्तविक तरीके से पैदा हुये बच्चों की तरह ही समान अधिकार मिलेंगे.
  • कॉमर्शियल सरोगेसी नहीं की जा सकती, यानी इसमें पैसों का लेन-देन नहीं कर सकते.
  • सरोगेट मदर माता-पिता बनने के इच्छुक कपल की रिश्तेदार होनी चाहिये.

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