सारस (Crane) पक्षी में होता है इंसानों जैसा दाम्पत्य जीवन

जीवन साथी के वियोग में तड़पता है- सारस(Crane)
Om Prakash Patidar
उडऩे वाले पक्षियों में विश्व का सबसे बड़ा पक्षी सारस( ग्रस एंटीगोन)  एक ही जीवनसाथी के साथ पूरा जीवन बिताने के कारण आदर्श दाम्पत्य का प्रतीक माना जाता है।  नर और मादा युगल एक दूसरे के प्रति पूर्णतः समर्पित होते हैं। एक बार जोड़ा बनाने के बाद ये जीवन भर साथ रहते हैं। अगर किसी दुर्घटना में किसी एक साथी की मृत्यु हो जाए तो दूसरा अकेले ही रहता है। मान्यता है कि इस जोड़े में अगर कोई एक पक्षी मर जाता है या मार दिया जाता है तो दूसरा भी वहीं खड़ा-खड़ा रोता रहता है और कभी-कभी तो अपने प्राण भी त्याग देता है या जिंदा बचने पर पूरा जीवन अकेले ही बिताता है।
सारस विश्व का सबसे विशाल उड़ने वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जानते हैं। पूरे विश्व में भारतवर्ष में इस पक्षी की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है। सबसे बड़ा पक्षी होने के अतिरिक्त इस पक्षी की कुछ अन्य विशेषताएं इसे विशेष महत्व देती हैं। उत्तरप्रदेश  के इस राजकीय  पक्षी को गंगा के मैंदानी भागों और भारत के उत्तरी और उत्तर पूर्वी और इसी प्रकार के समान जलवायु वाले अन्य भागों में देखा जा सकता है। भारत में पाये जाने वाला सारस पक्षी यहां के स्थाई प्रवासी होते हैं और एक ही भौगोलिक क्षेत्र में रहना पसंद करते हैं।

सरस के बारे में अधिक जानकारी के लिए इसे पड़े-

तालाबो के छिछले किनारों पर कीचड़ में घुमने वाला सारस बारहमासी चिड़िया है जो जोड़ा बांधकर रहती है | एक बार जोड़ा टूट जाने के बाद फिर ये जीवन भर जोड़ा नही बाँधते | 
आइये सारस से जुड़े आपको ऐसे ही रोचक तथ्य बताते है |
  1. सारस की चोंच , टाँगे आयर गर्दन काफी लम्बी होती है | 5 फीट के सारस का रंग स्लेटी होता है | गर्दन के उपरी हिस्से में सफेदी ज्यादा होती है |
  2. सारस के डैने के सिरे गहरे भूरे होते है और आँख की पुतली नारंगी और पैर गुलाबी होते है |
  3. बचपन में इसे पालने पर यह इतना पालतू बन जाता है कि मनुष्य के पीछे पीछे घूमता है |
  4. साइबेरियन सारस भारत में काफी प्रसिद्ध है | जब इसके झुण्ड भारत में भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पहुचते है तो अखबारों की सुर्खिया बनते है | यहाँ इसका सबसे बड़ा झुण्ड देखा गया था जिसमे 72 पक्षी थे लेकिन अब यह 10-15 के झुण्ड में ही देखा जाता है |ओक्टोबर -नवम्बर में यह भारत में प्रवास यात्रा पर आता है और मार्च अप्रैल में लौट आता है |  यह लगभग 4000 मीटर की उंचाई पर उड़ता है | यह उथले पानी में रहना अधिक पसंद करता है | यह पुरी तरह शाकाहारी है | पानी में उगने वाले पौधों के अंकुर , बीज आदि खाता है | यह बहुत सुंदर पक्षी है | इसका पूरा शरीर बर्फ जैसा सफेद होता है | सिर का अगला भाग चमकदार लाल होता है | चोंच लम्बी , पिली-भूरी होती है | पैर और पंजे गुलाबी होते है |
  5. क्रेन की 14 प्रजातियाँ मिलती है जिनमे से कुछ विलुप्ति की कगार पर है | प्रजनन के लिए अधिकाँश प्रजातियाँ प्रवास यात्राये करती है | उत्तरी और पश्चिमी यूरोप के लिए अधिकाँश प्रजातियाँ प्रवास यात्राये करती है | उत्तरी और पश्चिमी यूरोप का कॉमन क्रेन 44 इंच ऊँचा होता है |
  6. अमेरिकी क्रेन की एक किस्म हूपिंग क्रेन (Whooping Crane) 4 फीट ऊँचा होता है | पंखो का फैलाव 8 फीट होता है | यह सफेद होता है | पंखो पर काले टिप होते है | एक समय था जब उत्तरी अमेरिका के आसमान में बड़े आकार की हूपिंग क्रेन चारो तरफ नजर आती थी लेकिन इसका इतना शिकार हुआ कि इसकी संख्या 40 के करीब रह गयी |
  7. मंचूरियन क्रेन (Manchurian Crane) का मुकुट लाल होता है | मंचूरिया के कुछ स्थानों और जापान में यह प्रजनन करता है | पंख काले होते है |
  8. सफेद गले वाले क्रेन (White Necked Crane) का प्रजजन स्थल साइबेरिया है | सर्दी के दिन यह जापान में बिताता है |
  9. ब्लू क्रेन (Blue Crane) सिर्फ दक्षिणी अफ्रीका में मिलता है | इसकी एक उपजाति पूर्वी अफ्रीका में पायी जाती है |

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