सिम (SIM) कार्ड क्या है?

सिम (SIM) कार्ड क्या हौता है?
Om Prakash Patidar

आज हर किसी के पास आपको मोबाइल मिल जाएगा और हर किसी को इसका इस्तेमाल करना आता है। मोबाइल का इस्तेमाल करना अब आदत सी हो गयी है और भारत में लगभग 80 परसेंट लोगों के पास स्मार्टफोन है। अगर आपके फोन में सिम कार्ड नहीं है तो फोन का कोई मतलब नहीं होता है। मोबाइल सिम कार्ड को हर कोई जानता है कि यह क्या है और यह किस काम आता है। लेकिन आज हम आपको इसकी पूरी डिटेल में बताएंगे कि यह क्या है और यह कैसे काम करता है इस तरह से आप इसमें अपने मोबाइल को कम्युनिकेट करके कॉल कर पाते हैं ।

सिम कार्ड क्या है?

सिम कार्ड का पूरा नाम Subscriber Identity Module है यह एक छोटी इलेक्ट्रोनिक चिप है। इसको मोबाइल में डालने के बाद यह मोबाइल के सिस्टम से कनेक्ट हो जाता है और यह मोबाइल से नजदीक के कोई GSM नेटवर्क को सर्च करता है। अगर सर्च में उसको GSM नेटवर्क मिल जाता है तो वह उस से कनेक्ट हो जाता है यह GSM नेटवर्क मोबाइल के ट्रांसलेटर से सिग्नल भेजकर कनेक्ट होता है और कनेक्ट होने के बाद आप इस से कॉल कर सकते हैं और कॉल रिसीव भी कर सकते हैं। जब भी हम अपने मोबाइल नंबर से कोई नंबर डायल करते हैं तो वह नजदीक के किसी GSM टावर से फोन की पहचान करता है और जो नंबर आपने डायल किया है उसके इंफॉर्मेशन सेटेलाइट की मदद से सर्च करके उसको कनैक्ट करने में मदद करता है। तो इस तरह से आप कैसे किसी को कॉल कर पाते हैं इसके और भी बहुत सारे काम है जैसे कि:-
  • आप अपने मोबाइल SIM कार्ड में आप अपने मोबाइल नंबर, आपका नाम, एड्रेस और इस तरह ही कई सारी जानकारी स्टोर कर सकते हैं।
  • SIM कार्ड में आप अपने दोस्तों के कांटेक्ट नंबर, उनके नाम और उनका एड्रेस भी सेव कर सकते हैं।
  • सिम कार्ड की मदद से आप अपने मोबाइल में इंटरनेट चला सकते हैं।
  • SIM कार्ड की मदद से आप किसी को मैसेज भी भेज सकते हैं और किसी का मैसेज प्राप्त भी कर सकते हैं और वह सारे मैसेज आप स्टोर भी कर सकते हैं।
  • सिम कार्ड से आप अपना लोकेशन भी जान सकते हैं GPS जो लोकेशन आपको MAP पर दिखाता है वह सिम कार्ड की मदद से ही दिखाता है।

सिम कार्ड के काम

  • सबसे पहले यह Subscriber की पहचान करता है। सिम कार्ड प्रोग्राम की गयी IMSI से इस्तेमाल करने वाले ग्राहक की पहचान होती है। प्रत्येक IMSI को एक मोबाइल नंबर पर मैप किया जाता है और HLR पर प्रावधान किया जाता है ताकि ग्राहक को पहचान की जा सकें।
  • दूसरी प्रक्रिया में यह ग्राहक को प्रमाणित करता है। इस प्रक्रिया में IMSI (सिम पर संग्रहीत) और रैंड (नेटवर्क) के आधार पर प्रत्येक ग्राहक द्वारा Proof की जाती है। यह एक प्रमाण होता है की ग्राहक ने एक Legal तरीके से नेटवर्क पर लॉग ऑन किया है और वह अब मोबाइल सेवा प्रदाता की सेवाओं का उपयोग कर सकता है। सिम कार्ड मोबाइल काम की एक विशेषता बनता जा रहा है।
  • यह मोबाइल नंबर और SMS स्टोर भी कर सकता है।

कार्य के आधार पर सिम के प्रकार-

मोबाइल में दो तरह की सिम का इस्तेमाल होता है एक GSM और दूसरी CDMA.
GSM: GSM टेक्नोलॉजी का मतलब होता है Global System for Mobiles और इसको सबसे पहले 1970 में बनाया गया था। इस लेबोरेटरी का नाम Bell Laboratories था। यह 900 मेगाहर्ट्ज और 800 मेगाहर्ट्ज से लेकर 1.8 Ghz फ्रीक्वेंसी बैंड तक काम करती हैं। यह SIM Narrow Band Transmission टेक्निक का इस्तेमाल करती है जो कि Time Division Access Multiplexing का एक हिस्सा है। इसमें डाटा ट्रांसफर की रेट 16 Kbps से लेकर 120 Kbps तक होती है। अभी नयी नयी टेक्नालजी का इस्तेमाल करके इसकी स्पीड कई गुना बढ़ा दी गयी हर टेक्निकल टीम इसपर ज्यादा से ज्यादा महनत करके इसकी स्पीड मे और इजाफा कर रहे है।
CDMA: इसका पूरा नाम Code Division Multiple Access। इसमे communication spread-spectrum technology के हिसाब से होता है। यह एक spacial कोडिंग technology का इस्तेमाल करके communication करता है।

सेवा प्रभार भुगतान के आधार पर सिम के प्रकार-

PrePaid: इसका मतलब होता है इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको पहले रीचार्ज करवाना होगा। अगर आपको किसी के पास कॉल करना है या मैसेज करना है या आपको अपने मोबाइल में इंटरनेट चलना है तो आपको सबसे पहले अपने सिम कार्ड नंबर में पैसे डलवाने होंगे।
Postpaid : इसका मतलब है की आपको किसी भी कॉल या मैसेज करने के लिए पहले रीचार्ज नही करवाना हो। इसका कनैक्शन लेने पर आपको हर महीने बिल चुकाना होगा इसके बाद ही बाद अगले महीने कॉल कर पाएंगे। इस तरह से पॉस्टपेड सिम कार्ड काम करता है।
तो इस तरीके से हम अपने मोबाइल से किसी को कॉल कर पाते है या receive कर पाते है। इसी की वजह से हम अपनी लोकेशन को जान सकते है। 

आकार के आधार पर सिम के प्रकार-

1. Standard / Mini Sim - इस तरह के सिम का उपयोग आम तौर पर 2010 से पहले के सभी मोबाइल फोन मे होता था और इसका Size 25*15 mm है जो की तीनों प्रकार मे से सबसे बड़ा Size है |

2.) Micro Sim - इस तरह के सिम का उपयोग आम तौर पर 2010 से बाद के मोबाइल फोन मे होने लगा था और इसका Size 15*12 mm है | कुछ नए फोन में अभी भी यह सिम इस्तेमाल होते दिखाई देते हैं।

3.) Nano Sim - अब ज्यादातर नए Smartphones मे इन्ही सिम का उपयोग होता है और इसका Size 12.3*8.8 mm है |

4.) Combi Sim - यह सिम कार्ड Standard सिम कार्ड के Size का ही होता है जो की तीन भागों मे Divided होता है | इस सिम कार्ड को आप अपने मोबाइल मे इस्तेमाल होने वाले सिम कार्ड के Size का बना सकते हैं जिसके लिए आपको बस इसे तोड़ना होता है क्योंकि यह तीन भागों मे तोड़ा जा सकता है | इस एक सिम कार्ड मे आपको Standard, Micro और Nano तीनों प्रकार के सिम कार्ड मिल जाते हैं | आजकल सभी सिम कार्ड Companies इन Sims का इस्तेमाल करने लगी है |

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