क्या छिपकली (Wall Lizard) जहरीली होती है?

लोग छिपकली से क्यो डरते है? क्या यह दूसरे जहरीले जीवो के समान खतरनाक  (घातक) होती है?
Om Prakash Patidar

लोगों के मन में छिपकली को लेकर एक डर और संशय हमेशा बना रहता है. वो यह है :– 
यदि छिपकली खाने के सामान में गिर जाये तो क्या वह सामान छिपकली के कारण जहरीला हो जाता है ?
आपको डरने की बिल्कुल जरुरत नहीं है. घरेलु छिपकली जहरीली नहीं होती है. इसकी त्वचा में भी किसी प्रकार का कोई जहर नहीं होता है. यदि छिपकलि खाने में गिरती है तो इन कीटाणु के कारण खाना संक्रमित हो जाता है. जिसे खाने पर बीमार हो जाते है. जिस प्रकार मक्खी हमें बीमार कर सकती है उसी प्रकार छिपकली भी कर सकती है. लेकिन यह किसी प्रकार के जहर का परिणाम नहीं है. 
छिपकली (House Lizard) को देखने पर हमें अच्छा नहीं लगता। उसे तुरंत भगाने की इच्छा होने लगती है। थोड़ी डरावनी सी शक्ल और त्वचा की सूखी और अजीब बनावट खौफ पैदा करती है लेकिन यह जितना डर पैदा करती है उतनी नुकसान देह नहीं होती है। घर में घूमने यह वाली
छिपकली जहरीली नहीं होती है। यह काटती भी नहीं है। थोड़ी बड़ी छिपकली गुस्से में या परेशान होकर कोशिश करे तो भी हमारी स्किन को छेद नहीं  पाती। क्योकि इसके मुंह में नुकीले दांत नहीं होते।


भारत में छिपकली को अलग अलग भाषा में अलग अलग नामों से जाना जाता है। मराठी में पाल,  तमिल में पल्ली, मलयालम में गवली, गुजराती में गरोड़ी, बंगाली में टिकटिकी, कन्नड़ में हल्ली तथा उडिया भाषा में झिटी पिटी कहते है।

अंग्रेजी में इसे कॉमन हाउस गेको या हाउस लिज़ार्ड (House Lizard) कहा जाता है। 
छिपकली का वैज्ञानिक नाम: Lacertilia है। 
यह 3 से 6 इंच तक लंबी हो सकती है। इसकी उम्र लगभग 5 साल होती है।

यह कीड़े , मकोड़े , मकड़ी आदि की तलाश में घूमती रहती है इन्ही को खाकर जिन्दा रहती है। इसे दीवारों पर घूमने के लिए विशेष प्रकार के पंजे प्राप्त है। कुछ लोग छिपकली को भगाते नहीं है क्योकि यह घर में कीड़े मकोड़े ख़त्म कर देती है। दिन में यह अँधेरी जगह छुपी रहती है।

रात को खाने की तलाश में घूमती है। खतरे का अहसास होने पर यह अपनी पूंछ को अलग कर देती है जिससे हमलावर का ध्यान भटक जाता है और यह बच निकलती है । यह पूँछ 20 -25 दिन में वापस उग जाती है। यह ” टिक-टिक-टिक ” इस प्रकार की आवाज निकालती है।

क्या छिपकली जहरीली होती है?
Are Lizard Poisonous ?

लोगों के मन में छिपकली को लेकर एक वहम और संशय हमेशा बना रहता है। वो यह है :–

यदि छिपकली खाने के सामान में गिर जाये तो क्या वह सामान छिपकली के कारण जहरीला हो जाता है ?

आपको डरने की बिल्कुल जरुरत नहीं है। घरेलु छिपकली जहरीली नहीं होती  है। इसकी त्वचा में भी किसी प्रकार का कोई जहर नहीं होता है। दरअसल इसके शरीर पर कई प्रकार के पेथोजेन्स यानि बीमारी फैलाने वाले बेक्टिरिया, जीवाणु, वायरस आदि होते है। क्योकि यह ऐसी जगह घूमती रहती है जहाँ धूल , मिट्टी , गन्दगी बहुत होती है। वहां से कीटाणु इसके शरीर पर चिपक जाते है। यदि छिपकली खाने में गिरती है तो इन कीटाणु के कारण खाना संक्रमित हो जाता है। जिसे खाने पर बीमार हो जाते है। जिस प्रकार मक्खी हमें बीमार कर सकती है उसी प्रकार छिपकली भी कर सकती है। 
लेकिन यह किसी प्रकार के जहर का परिणाम नहीं है।

छिपकली से बारे में रौचक तथ्य-

सांप, घड़ियाल, मगरमच्छ, मेंढक, कछुआ आदि छिपकली की प्रजाति के ही जीव हैं यानी रेप्टाइल। लेकिन हमारा सबसे ज्यादा पाला छिपकली से ही पड़ता है क्योंकि ये घरों में आसानी से मिल जाती है।
1. छिपकली का शरीर उसकी बाहरी त्वचा के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ता है और इसी कारण छिपकली समय समय पर अपनी त्वचा उतारती रहती है।
2. छिपकली की नाक उसकी जीभ में ही होती है और इसी कारण वो किसी चीज़ को सूंघने के लिए अपनी जीभ बाहर निकालती है।
3. दुनिया की सबसे बड़ी प्रजाति वाली छिपकली होती है कोमोडो ड्रैगन जो करीब 10 फुट लम्बी और करीब 140 किलो तक भारी होती हैं। ये छिपकली इंसानों तक की मौत का कारण बन सकती है।
4. छिपकली में अपना बचाव करने की एक अनोखी शक्ति होती है, छिपकली अपनी पूँछ को अपने शरीर से अलग कर लेती है और इसी का फायदा उसे तब मिलता है जब कोई दुश्मन उसकी पूँछ पकड़ ले उस समय वो पूँछ को अपने शरीर से अलग कर भाग जाती है।
5. दुनिया में छिपकली की कुछ प्रजातियां तो ऐसी हैं जो बिलकुल सांप की तरह दिखती हैं इनके सिर पर कान के छेद और ऑंखें होती हैं जिनसे इन्हे पहचाना जा सकता है।
6. छिपकली पूरी दुनिया में पाई जाती हैं लेकिन अंटार्कटिका महाद्वीप में नहीं क्योंकि वहां का तापमान काफी ठंडा होता है और इतने ठन्डे तापमान में छिपकलियां जीवित नहीं रह सकती।
7. कुछ प्रजातियों की छिपकलियां रंग बदलने में भी माहिर होती हैं।
8. छिपकली का दिल 1 मिनट में 1 हजार बार धड़कता है।
9. छिपकली का वैज्ञानिक नाम है Lacertilia है।
10. दुनिया भर में छिपकलियों की 5600 प्रजातियां पाई जाती हैं।

छिपकली को घर से बाहर निकालने के तरीके


छिपकली वैसे कुछ नुकसान नहीं करती लेकिन इसकी मौजूदगी परेशान करती है। कुछ आसान से उपाय करने पर इसे घर में आने से रोक सकते है। लेकिन हमें इन्हें मरना नही चाहिए क्यो यह बारिश के मौसम में निकलने वाले जहरीले कीड़ो को खा जाती है।

प्याज और लहसुन-
लहसुन और प्याज की गंध छिपकलि को बिल्कुल पसंद नहीं। जिस तरफ से छिपकलि के आने की सम्भावना हो उस जगह छिली हुई कुछ लहसुन की कली या कटा प्याज रखने से छिपकली दूर ही रहेंगी।

बर्फ का ठंडा पानी या ठंडा (AC) कमरा-
अचानक हुए तापमान परिवर्तन से छिपकलि हकबका जाती है। यदि छिपकलि पर बर्फ के ठंडा पानी गिर जाये तो कुछ समय के लिए वह सुस्त हो जाती है। इससे उसे पकड़कर बाहर फेंकना आसान हो जाता है। अगली बार छिपकलि दिखाई दे और पकड़ में नहीं आ रही हो तो इसे आजमाएं। उसे ठन्डे पानी से नहला दें। फिर आसानी से पकड़ कर बाहर निकाल दें। छिपकली को गर्मी तथा नमी वाला वातावरण पसंद आता है। ठन्डे कमरे में इसे रहना पसंद नहीं। यदि अपने कमरे का तापमान यानि AC का टेम्प्रेचर कम रखेंगे तो यह कमरा छोड़कर चली जाएगी।

फिनायल की गोली-
कपड़ों में और बाथरूम में रखी जाने वाली फिनायल की गोली से छिपकलि दूर ही रहती है। छिपकलि के होने की सम्भावना वाली जगह फिनायल की गोली रख दें। यहाँ छिपकलि नहीं आएगी।

कीड़े मकोड़े-
छिपकली को खाना नहीं मिलेगा वहाँ यह नजर नहीं आएगी। यदि आपके घर में साफ सफाई होती रहती है और मकड़ी , मच्छर , झींगुर या कीट पतंगे आदि खाना छिपकली को नहीं मिलेगा तो यह नहीं आएगी अतः साफ सफाई का ध्यान रखें और छिपकली का खाना हटा दें तो यह भी अपने आप हट जाएगी।

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