पक्षी अपने घोंसले में क्यों नहीं सोते ? और सोते समय पक्षी गिरते क्यो नही?
कभी बचपन मे आप या आपके सामने कोई बच्चा सोते हुए पलंग से जरूर गिरा होगा। हम पलंग से गिर सकते है क्योकि हम नींद में अचेत अवस्था मे होते है। लेकिन कभी अपने सोचा है कि पक्षी सोते समय पेड़ की टहनी से क्यो नही गिरते है? पेड की डाली वह कैसे संतुलन बनाकर अपनी थकान मिटाते है। सोचने लायक है कि वह नींद में भी संतुलन कैसे बनाए रखते है? और नीचे क्यों नहीं गिरते है? यदि हम भी ऎसा ही करें तो। क्या हम हाथों के सहारे डाल से लटक कर नींद ले सकते हैं। यह असम्भव है। इसकी वजह यह है कि हमें डाल को पकडने के लिए प्रयास करना पडता है और नींद में ऎसा प्रयास करना असम्भव है।
इसलिए हम लटक कर नींद नहीं ले सकते। परंतु पक्षियों में यह स्थिति इंसान के विपरित होती है। पक्षी जब पेड की डाल पर बैठता हैं तो उनके पंजों की विशेष सरंचना उन्हें डाल से "बांध" देती है।
आइये जानते है कि ऐसा क्यो होता है?
पक्षी डाल पर बैठता है उसके शरीर के बोझ की वजह से पंजे के स्नायु डाल के ऊपर मजबूती से जुड जाते हैं और फिर जब उसे उडना होता है तो उसे ठीक उसी तरह से प्रयास करना पडता है जिस तरह से हमें लटकने के लिए प्रयास करना पडता है। यानी कि पक्षी डाल पर बैठ कर आराम से सो सकता है क्योंकि उसके पंजों की "आकृति" उसे गिरने नहीं देती। इस क्रिया को पर्चिंग (Perching ) कहते है।
परंतु ऎसी सरंचना हर पक्षी को नहीं मिली। "शुतुरमुर्ग" कभी डाल पर नहीं सो सकता और ना ही "बतक", क्योंक् क्योंकि उनके पंजों की सरंचना अलग है और वे जमीन पर ही सो सकते हैं।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि पक्षी अपने घोंसले में क्यों नहीं सोते ? दरअसल पक्षी घोसला सोने के लिए नहीं बल्कि अंडे को सुरक्षित रखने के लिए बनाते हैं| पक्षी घोंसले में तभी रहते हैं जब उन्हें अपने अंडों की सुरक्षा करनी हो, वरना सोने के लिए पक्षी किसी पेड़ की डाल पर या किसी अन्य सुरक्षित जगह को चुनते हैं |
Om Prakash Patidar
Shajapur (M.P.)
कभी बचपन मे आप या आपके सामने कोई बच्चा सोते हुए पलंग से जरूर गिरा होगा। हम पलंग से गिर सकते है क्योकि हम नींद में अचेत अवस्था मे होते है। लेकिन कभी अपने सोचा है कि पक्षी सोते समय पेड़ की टहनी से क्यो नही गिरते है? पेड की डाली वह कैसे संतुलन बनाकर अपनी थकान मिटाते है। सोचने लायक है कि वह नींद में भी संतुलन कैसे बनाए रखते है? और नीचे क्यों नहीं गिरते है? यदि हम भी ऎसा ही करें तो। क्या हम हाथों के सहारे डाल से लटक कर नींद ले सकते हैं। यह असम्भव है। इसकी वजह यह है कि हमें डाल को पकडने के लिए प्रयास करना पडता है और नींद में ऎसा प्रयास करना असम्भव है।
इसलिए हम लटक कर नींद नहीं ले सकते। परंतु पक्षियों में यह स्थिति इंसान के विपरित होती है। पक्षी जब पेड की डाल पर बैठता हैं तो उनके पंजों की विशेष सरंचना उन्हें डाल से "बांध" देती है।
आइये जानते है कि ऐसा क्यो होता है?
पक्षी डाल पर बैठता है उसके शरीर के बोझ की वजह से पंजे के स्नायु डाल के ऊपर मजबूती से जुड जाते हैं और फिर जब उसे उडना होता है तो उसे ठीक उसी तरह से प्रयास करना पडता है जिस तरह से हमें लटकने के लिए प्रयास करना पडता है। यानी कि पक्षी डाल पर बैठ कर आराम से सो सकता है क्योंकि उसके पंजों की "आकृति" उसे गिरने नहीं देती। इस क्रिया को पर्चिंग (Perching ) कहते है।
परंतु ऎसी सरंचना हर पक्षी को नहीं मिली। "शुतुरमुर्ग" कभी डाल पर नहीं सो सकता और ना ही "बतक", क्योंक् क्योंकि उनके पंजों की सरंचना अलग है और वे जमीन पर ही सो सकते हैं।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि पक्षी अपने घोंसले में क्यों नहीं सोते ? दरअसल पक्षी घोसला सोने के लिए नहीं बल्कि अंडे को सुरक्षित रखने के लिए बनाते हैं| पक्षी घोंसले में तभी रहते हैं जब उन्हें अपने अंडों की सुरक्षा करनी हो, वरना सोने के लिए पक्षी किसी पेड़ की डाल पर या किसी अन्य सुरक्षित जगह को चुनते हैं |