आँख (Eye) क्यो फडकती है? What is myokymia?

आँख फड़कना (blepharospasms) क्या है? 

Om Prakash Patidar


What is twitching of eyelid and eye?

आँख फड़कना एक ऐसी अनऐच्छिक क्रिया है , जिसके कारण कभी खभी हमे शर्मिंदा होना पड़ता है। कई फिल्मों में तो हमने कई पत्रो को आँख फड़कने के चलते पिटते भी देखा है। कुछ लोग आँख फड़कने को अंधविश्वास से जोड़कर देखते है। आंख फड़कने का मतलब यह नहीं है कि आपके साथ कुछ अच्छा या बुरा होने वाला है। यह सामान्य क्रिया है।
आम तौर पर आँख फड़कने को डॉक्टर मायोकीमिआ (Myokymia) कहते हैं। इसमें हमारी आँखों की पलकें, सामान्यतया ऊपर वाली, लगातार झपकती है और इसमें हमारा कोई बस नहीं चलता। पर इससे हमारी निचली पलकें भी प्रभावित हो सकती हैं। यह भी गौर करने वाली बात है कि ऐसे में एक बार में एक आँख ही प्रभावित होती है। आँख फड़कने की भी पूरी रेंज है। कभी तो इसे मुश्किल से ही नोटिस कर पाते हैं तो कभी यह हमें मुश्किल में डाल देती है। अक्सर आँखों का फड़कना बहुत थोड़े समय में ही अपने-आप बन्द हो जाता है। पर कभी यह कई घण्टे, दिन या उससे भी ज़्यादा देर तक बना रह सकता है।
आंखों का फड़कना एक आम बात है। इसमें आंख के आसपास की मांसपेशियां अपने आप संकुचित होती हैं। आँख (पलकों) का फड़कना, मांस-पशियों का एक अनैच्छिक संकुचन है, जिससे उलझन तो बहुत होती है लेकिन नुकसान कुछ नहीं होता और थोड़ी बहुत देर में ये अपने आप बंद भी हो जाती है। लेकिन कई बार ऐसा एक हफ्ते या एक महीने तक भी हो सकता है। आमतौर पर एक आंख की निचली पलक में ऐसा होता है लेकिन ऊपरी पलक में भी ऐसा हो सकता है।

आँख फड़कने के कारण-
आँख फड़कने का मुख्य कारण तनाव होता है परंतु ये अन्य कारणों से भी हो सकता है जैसे आँखों पर पड़ता जोर, थकान, सूखी आँखें, उत्तेजक पदार्थों (काफी या दवायें) का अत्यधिक सेवन, डीहाइड्रेशन, अत्यधिक शराब पीना आदि। कारण कोई भी हो लेकिन घबराने की आवश्यकता नही यह क्रिया कुछ समय बाद स्वतः ही बंद हो जाती है। 
आँखों का फड़कना कुछ अन्य स्वास्थ्य परिस्थितियों में भी देखने को मिलता है जैसे ग्लॉकोमा, कॉर्निअल एबरेशन, पलकों की सूजन, सूखी आँखें आदि। 
आँखों के फड़कने की एक और सम्भावना बनती है दवाओं के साइड इफेक्ट से। खास तौर पर उन दवाओं के साइड इफेक्ट से जो एपीलेप्सी और साइकोसिस के इलाज में इस्तेमाल होती हैं।
आँख महिलाओं और पुरुषों, दोनों में समान रूप से हो सकता है। एक और तरह का आँखों का फड़कना जिसे हेमिफेशियल स्पाज्म कहते हैं काफी दुर्लभ होता है। इसमें पहले पलकें प्रभावित होती हैं और फिर धीरे-से मुँह के चारों तरफ की मांसपेशियाँ भी इसके प्रभाव में आ जाती हैं। हेमिफेशियल स्पैजम, चेहरे की मांसपेशियों को संचालित करने वाली तंत्रिका के ऊपर से गुजरने वाली धमनी के दबाव पड़ने से होता है। 

आँख फड़कने के संबंध में प्रचलित अन्धविश्वास-

आँखों के फड़कने के क्षणिक और खास प्रभाव होने और इसका कोई ठीक-ठीक कारण ज्ञात न होने की वजह से ही शायद इसके बारे में तरह-तरह की अटकलें लगाई जाती रही हैं। और यही तो रास्ता है अन्धविश्वास की दुनिया का। यह आपने अवश्य ही सुना होगा कि जब आँख फड़कती है तो उस वक्त कोई आपको याद कर रहा होता है। औरतों की दाईं आँख का फड़कना अपशकुन माना जाता है, खास तौर पर जब आप शादी-शुदा हों और एक माँ भी। मान्यता यह है कि ऐसे में आपके पति या बच्चों को कोई तकलीफ हो सकती है। लेकिन यह सिर्फ एक तरह की भ्रांति व अंधविश्वास है।

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