पेट मे एसिडिटी क्यो होती है?
Om Prakash Patidar
अक्सर अपने लोगो से कहते सुना होगा कि मुझे एसिडिटी हो गयी है।
आखिर ये एसिडिटी क्या है?
एसिडिटी की समस्या एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट के ऊपरी भाग में जलन और दर्द अनुभव किया जाता है। यह जलन आमतौर पर खाना खाने के तुरंत बाद होती है। एसिडिटी की समस्या के मुख्य लक्षण हैं पेट के ऊपरी भाग में दर्द,भूख ना लगना,डकार आना तथा पेट में गैस होना। इस तकलीफ के दौरान मुंह में एक खट्टा स्वाद आ जाता है और पेट में काफी हलचल होती है जिसके बाद आमतौर पर कब्ज़ या दस्त की समस्या होती है।
हमारे आमाशय में पाचन क्रिया के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा पेप्सिन का स्रवण होता है। सामान्य तौर पर यह अम्ल तथा पेप्सिन आमाशय में ही रहता है तथा भोजन नली के सम्पर्क में नहीं आता है। आमाशय तथा भोजन नली के जोड पर विशेष प्रकार की मांसपेशियां होती है जो अपनी संकुचनशीलता से आमाशय एवं आहार नली का रास्ता बंद रखती है तथा कुछ खाते-पीते ही खुलती है। जब इनमें कोई विकृति आ जाती है तो कई बार अपने आप खुल जाती है और एसिड तथा पेप्सिन भोजन नली में आ जाता है। जब ऐसा बार-बार होता है तो आहार नली में सूजन तथा घाव हो जाते हैं।
एसिडिटी को चिकित्सकीय भाषा में गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (GERD) के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इस समस्या को अम्ल पित्त कहते हैं।
एसिडिटी होने के कारण-
एसिडिटी के मुख्य कारण होते हैं, खान पान में असंतुलन, भोजन को ठीक से ना चबाना, पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना, मानसिक तनाव और व्यायाम ना करना आदि। मसालेदार भोजन, मांसाहार और जंक फ़ूड का अधिक सेवन करना भी एसिडिटी के प्रमुख कारण है। इसके अतिरिक्त जल्दबाज़ी और तनावग्रस्त होकर भोजन करना, अधिक धूम्रपान, चाय, कॉफ़ी और शराब के कारण भी एसिडिटी की समस्या हो जाती है। भारी खाने के सेवन करने से भी एसिडिटी की परेशानी बढ़ जाती है। सुबह-सुबह नाश्ता न करना और लंबे समय तक भूखे रहने से भी एसिडिटी की समस्या हो जाती है। कुछ अंग्रेजी दर्द निवारक गोलियां भी एसिडिटी को जन्म देती है।
एसिडिटी के लक्षण-
सीने या छाती में जलन व मुंह में खट्टा पानी रह-रह कर मुंह में खट्टा पानी आना एसिडिटी का प्रमुख लक्षण है। एसिडिटी की वजह से सीने में दर्द भी हो सकता है। लगातार एसिडिटी होने पर यह गंभीर समस्या का रूप भी ले सकती है। एसिडिटी होने पर रोगी को लगता है कि जैसे भोजन करने पर वह उसके गले में ही अटक गया है, या कई बार डकार के साथ खाना मुंह में भी आ जाता है। अलावा रात को सोते समय इस तरह की दिक्कत अधिक होती है। कुछ गंभीर मामलों में मुंह में खट्टे पानी के साथ खून भी आ सकता है। इसके अलावा मुंह में छाले, होंठ फटना, त्वचा रूखी होना,
दांत खराब होना आंखों में आंसू आना आदि लक्षण भी होते है।
एसिडिटी से बचाव व उपचार-
एसिडिटी होने पर त्रिफला, खाने का सोडा व काला नमक कूट व छान कर शीशी में भर कर रख लें। रात में 10 ग्राम चूर्ण पानी में भिगो कर रख दें और सुबह उठकर उसे छान कर पी लें। इसके सेवन के एक घंटे के बाद ही कुछ खाएं या पिये। इसके अलावा दिन में ठंडा दूध, चावल, हरी पत्ते दार सब्जियां, मीठे फल खाएं आदि ही खाएं।
एसिडिटी की समस्या से बचने के लिए समय से भोजन करें और भोजन करने के बाद कुछ देर टहलें जरूर। खाने में ताजे फल, सलाद, सब्जियां व इनका सूप, शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियां और अंकुरित अनाज अधिक से अधिक खाएं। खाना खूब चबाकर और जरूरत से कम ही खाएं। मिर्च-मसाले और ज्यादा तेल वाले भोजन से परहेज करें। रोज खाने में मट्ठा और दही लें। शराब और मांसाहार से दूर रहें व खूब पानी पिएं। इन उपायों को आजमाकर आप एसिडिटी को दूर रख सकते हैं। इसके साथ एसिडिटी से बचने के लिए जंक फूड जैसे आहार से दूर रहें। शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहें।
क्या दही खाने से ठीक हो सकती है एसिडिटी?
एसिडिटी होने पर आपकी दादी या मम्मी ने दही खाने का कहा होगा। क्या दही खाने से एसिडिटी ठीक हो जाती है?चलिये जानते हैं यह बात कहां तक सच साबित होती है?
अगर सरल भाषा में बात की जाए तो एसिडिटी की समस्या तब पैदा होती है जब पेट में खाना पचाने वाला अम्ल जरुरत से ज्यादा बनने लगे और रोगी के सीने या छाती में जलन पैदा करें। अगर आपको भी एसिडिटी की गंभीर समस्या है तो मसालेदार और भारी भोजन खाने से बचें क्योंकि यह एसिडिटी को और भी ज्यादा बढ़ावा देता है। एसिडिटी का कारण और निवारण?
दही एक डेयरी प्रोडक्ट है जो कि दूध को जमा कर बनाई जाती है। दूध में काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो कि एसिड बनने से रोकता है और एक दवा के रूप में काम करता है। दही में मौजूद अन्य पोषक तत्व आसानी से पच जाते हैं। साथ ही दही खाए गए अन्य खाद्य पदार्थों के पोषक तत्वों को भी अवशोषित करने में सहायक होती है, जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है। दही में प्रोबायोटिक होता है, जो खाने पचाने में मदद करता है और एसिडिटी नहीं होने देता। इसलिये अपने भोजन में दुपहर के समय दही को जरुर शामिल करें।
एसिडिटी होने पर आपकी दादी या मम्मी ने दही खाने का कहा होगा। क्या दही खाने से एसिडिटी ठीक हो जाती है?चलिये जानते हैं यह बात कहां तक सच साबित होती है?
अगर सरल भाषा में बात की जाए तो एसिडिटी की समस्या तब पैदा होती है जब पेट में खाना पचाने वाला अम्ल जरुरत से ज्यादा बनने लगे और रोगी के सीने या छाती में जलन पैदा करें। अगर आपको भी एसिडिटी की गंभीर समस्या है तो मसालेदार और भारी भोजन खाने से बचें क्योंकि यह एसिडिटी को और भी ज्यादा बढ़ावा देता है। एसिडिटी का कारण और निवारण?
दही एक डेयरी प्रोडक्ट है जो कि दूध को जमा कर बनाई जाती है। दूध में काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो कि एसिड बनने से रोकता है और एक दवा के रूप में काम करता है। दही में मौजूद अन्य पोषक तत्व आसानी से पच जाते हैं। साथ ही दही खाए गए अन्य खाद्य पदार्थों के पोषक तत्वों को भी अवशोषित करने में सहायक होती है, जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है। दही में प्रोबायोटिक होता है, जो खाने पचाने में मदद करता है और एसिडिटी नहीं होने देता। इसलिये अपने भोजन में दुपहर के समय दही को जरुर शामिल करें।