क्या रक्त आधान डीएनए को बदल देता है?

Does blood transfusion replace DNA?
Om Prakash Patidar

क्या कभी अपने सोचा है कि जब किसी व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति का रक्त दिया जाता है तो रक्त के साथ रक्त दाता का DNA रक्त लेने वाले के शरीर मे चला जाता होगा, तब क्या यह विदेशी रक्त ग्राही व्यक्ति के व्यक्तित्व (Personality) को बदल सकता है?
यदि रक्त ग्राही का किसी आपराधिक या कानूनी मामले के कारण DNA टेस्ट करवाया जाए तब क्या परिणाम हो सकते है?
आइये इन बिंदुओं पर चर्चा करने के पहले कुछ बातों पर विचार करते है-

रक्त आधान (Blood Transfusion) क्या है?
दुर्घटना या किसी बीमारी के समय जब शरीर मे रक्त मात्रा बहुत कम हो जाती है, तब उस व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए उसी ग्रुप वाले व्यक्ति का रक्त चढ़ाया जाता है। रक्तदान द्वारा हम किसी जरूरतमंद व्यक्ति को रक्त देकर उसका जीवन बचा सकते है।

रक्त आधान के बाद क्या होता है?
रक्त आधान के बाद रक्त लेने वाले के शरीर मे रक्त दाता का रक्त सामान्य रूप से मिश्रित हो जाता है। रक्त आधान के बाद रक्त ग्राही सामान्य रूप से जीवन जीता है।

अब मूल सवाल है कि
क्या एक रक्त आधान आपके डीएनए को बदल देगा?  
इसे जानने के पहले हम रक्त की संरचना को देख लेते है-

लाल रक्त कोशिकाएं -45%
प्लाज्मा -55%
श्वेत रक्त कणिकाएं (WBCs) और प्लेटलेट्स -<1%

इन सभी घटकों में से, दाता रक्त का एकमात्र घटक जिसमें कोशिका केन्द्रक होता है (केन्द्रक में ही DNA होता है।) श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBCs या ल्यूकोसाइट्स) होती हैं। रक्त में WBCs का योगदान 1% से कम है। जबकि इसकी तुलना में रक्त में बहुत अधिक मात्रा में सूक्ष्म जीव होते हैं। अर्थात रक्त आधान के माध्यम से किसी के शरीर में प्रवेश करने वाले विदेशी डीएनए की वास्तविक मात्रा शून्य से कम है। यानी विदेशी डीएनए की इस छोटी मात्रा में आपके शरीर के बाकी विशेषताओं को प्रभावित करने की लगभग कोई क्षमता नहीं है।
WBCs की इतनी कम मात्रा होने के साथ-साथ दूसरा तथ्य है कि श्वेत रक्त कोशिका का औसत जीवन चक्र 3 से 4 दिनों का होता है।  और श्वेत रक्त कोशिकाएं प्रतिकृति या विभाजित नहीं होती हैं।  अस्थि मज्जा द्वारा लगभग सभी रक्त कोशिकाओं का उत्पादन होता है।  (प्रति दिन लगभग 200 बिलियन लाल रक्त कोशिकाएं, और प्रति दिन लगभग 5 बिलियन सफेद रक्त कोशिकाएं।) सीधे शब्दों में कहें, तो विदेशी दाता डीएनए प्राप्तकर्ताओं के डीएनए से अभिभूत (तुनात्मक रूप से दब जाना) हो जाता है।  विदेशी डीएनए वाले कोशिकाएं बस मर जाती हैं।
अब तीसरा तथ्य देखे कि किसी के शरीर में डोनर का डीएनए कितना समय तक रहता है, यह इस बात इस पर निर्भर करती है कि डोनर से प्राप्तकर्ता को कितना रक्त हस्तांतरित किया गया था। छोटे पैमाने पर रक्त आधान के लिए, दाता डीएनए को प्राप्तकर्ता के शरीर में आधान के 7-8 दिनों के बाद पता लगाया जा सकता है।  बड़े पैमाने पर रक्त आधान के लिए, दाता डीएनए को आधान के बाद डेढ़ साल तक प्राप्तकर्ता के शरीर में पाया जा सकता है।
यद्यपि रक्त दाताओं और अन्य संबंधित सेवाओं द्वारा ली जाने वाली सुरक्षा सावधानियों के कारण एक दाता रक्त आधान से जटिलताएं बहुत कम हैं, वे हो सकते हैं।  इन जटिलताओं के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं।
हालांकि यह भी ध्यान देने योग्य है कि कुछ ब्लड बैंक रक्त आधान के पहले डोनर के ब्लड से सेंट्रीफ्यूज़ द्वारा व्हाइट ब्लड सेल्स को निकालकर दाता रक्त को ट्रांसफ्यूज़ करके करते हैं।

क्या होगा जब रक्त आधान के तुरंत बाद ग्राही का किसी आपराधिक या कानूनी कारण से DNA टेस्ट करवाया जाएगा?
सबसे पहले तो ये इस बात पर निर्भर करता है कि डोनर ब्लड में क्या है?
1- यदि सिर्फ RBCs है तो कोई दिक्कत नही क्योकि आरबीसी में डीएन ए नगण्य होता है।
2- सिर्फ ब्लड प्लाजमा हैं तो भी दिक्कत नही क्योकि प्लाजमा में DNA नही होता है।
3- लेकिन यदि ब्लड में WBCs भी हो तो यह DNA टेस्ट को प्रभावित कर सकते है, लेकिन इसकी भी संभावना कम होती है क्योंकि एक तो डोनर WBCs की संख्या बहुत कम लगभग नगण्य होगी जो रक्त के साथ आएगी तब भी लंबे टाईम तक सरवाईव नही कर पाएगी।
इसके बाद भी ग्राही के रक्त में डोनर DNA की उपस्थिति की सभी संभावनाओ को खारिज करने के लिये और
इस आशंका को ध्यान में रखते हुये डीएनए टेस्ट में एम्पलीफिकेशन के दौरान एक के बजाय ज्यादा सेल्यूलर सेम्पल्स कमपेयर किये जाते हैं। इसलिए इस प्रकार की संभावना नही होती है।

अब हमारे मूल प्रश्न पर आते है कि-
क्या रक्त आधान आपके डीएनए को किसी भी तरह से बदल सकता है? 
इसका उत्तर है- नहीं। 
जैसा कि पहले बताया गया है, यह संभव है कि आधान के बाद कुछ समय के लिए आपके शरीर में किसी और का डीएनए मौजूद हो (और परीक्षण पर भी दिखाई दे सकता है)।लेकिन आपके शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया उस "विदेशी" दाता डीएनए को आपके सिस्टम में कहीं और व्यक्त होने से रोक देगी। मतलब उस DNA का आपके व्यक्तित्व पर कोई प्रभाव या बदलाव नही होगा।

1 टिप्पणियाँ

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  1. क्या इसका मतलब यह नहीं है कि कोई चाहे तो जानबूझकर केवल डब्ल्यूबीसी चढ़ाकर डीएनए टेस्ट का रिजल्ट बदल सकता है

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