Why is corona virus named corona virus?
Om Prakash Patidar
कोरोना वायरस का नाम कोरोना वायरस क्यो रखा गया है?
सूर्यग्रहण के समय जब सूरज दिखना तो बंद हो जाता है लेकिन उसकी किरणों द्वारा हर तरफ फैल रही रोशनी दिखाई पड़ती है। पृथ्वी की छाया के चारों तरफ फैल रही सूर्य की इस रोशनी को कोरोना कहा जाता है। यह वायरस संरचना में गोल है और इसकी सतह पर पृथ्वी के कोरोना की तरह प्रोटीन की स्टेन्स यानी शाखाएं उगी हुई हैं। जो हर दिशा में फैलती हुई महसूस होती हैं।इसलिए इसका नाम कोरोना वायरस रखा गया।
इस वायरस का नाम इसकी संरचना के कारण पड़ा Corona का अर्थ होता है Crown अर्थात मुकुट या कांटो वाला ताज, यह वायरस भी किसी कांटो के मुकुट जैसा दिखता है। इसी आधार पर भी इसे कोरोना वायरस कहा जाता है।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई?
कोरोना वायरस कुछ जानवरों की प्रजातियो में पाया जानेवाला वायरस है। इनमें सांप और चमगादड़ जैसे जीव शामिल हैं। जब यह वायरस इंसानों में पहुंचा, तो इसने अपने आप को इस तरह विकसित कर लिया कि यह इंसानों में भी जीवित रह पाए यानी इंसानी शरीर में जीवित रह सकता है।
कोरोना वायरस को घातक क्यो माना जाता है?
कोरोना वायरस मनुष्य के फेफ़ड़ों में घातक संक्रमण करता है.
संक्रमण होने संक्रमित व्यक्ति को पहले सर्दी-जुकाम के साथ शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे बुखार के साथ सूखी खांसी होती है। बाद में सांस लेने में दिक्कत होती है। बाद में स्थिति गंभीर हो जाती है।
कोरोना वायरस से इतना डर क्यो है?
अभी तक इस वायरस से बचने के लिए किसी टीके (Vaccine) की खोज नही हुए है। इसलिए इसके संक्रमण को रोकने का कोई पूर्ववर्ती इलाज नही है, इसके साथ ही इसका संक्रमण भी सामान्य संपर्क से बहुत जल्दी फैलने लगता है। इंसान को संक्रमित करने के बाद ये वायरस अपनी संख्या बढ़ाने लगता है और फिर वो अपने म्यूटेन्ट (मूल स्वरूप में बदलाव) पैदा कर सकता है. इसके बाद वो और तेज़ी से फैल सकता है. इस कारण वो और ख़तरनाक हो जाता है।