मकर संक्रांति क्या है?
आज मकर संक्रांति का त्योहार है। वैसे तो जनवरी माह कई सारी खुशियां, त्योहार और जयंतियां लेकर आता है. इस बार 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाएगी, 13 जनवरी को मस्ती, खुशी का त्योहार लोहड़ी और 14 जनवरी को मकर संक्रांति. मकर संक्रांति को हिंदुओं का सबसे खास त्योहार माना जाता है. मकर संक्रांति का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही वैज्ञानिक महत्व है.
ऐसा कहा जाता है कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का योग बनता है. लेकिन इसके अलावा भी कई सारे बदलाव आते हैं. मकर संक्रांति का संबंध केवल धर्म से ही नहीं बल्कि अन्य चीजों से भी जुड़ा है, जिसमें वैज्ञानिक चीजें भी शामिल है. आइए जानते हैं मकर संक्रांति से जुड़े वैज्ञानिक कारण...
मकर संक्रांति, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का सूचक है. पौष के माह में सूर्य धनु राशि का त्याग कर मकर राशि (capricon ) में प्रवेश करता है. इस दिन से सूर्य की दक्षिणायन गति के स्थान पर उत्तरायन गति प्रारंभ होती है. यहाँ उत्तरायन का अर्थ मकर राशि से कर्क राशि में प्रवेश के बीच के छः माह से है जब सूर्य ठीक पूर्व से ना निकलकर थोडा उत्तर से निकलता है. शेष छः माहों को दक्षिण गति कहा जाता है क्योंकि इन माहों में सूर्य थोडा दक्षिणावर्त होकर निकलता है.
यह दिन भारत में वसंत ऋतू के आगमन का सूचक भी माना जाता है. यह दिन किसानों के लिए नयी फसल की ख़ुशी से भी जुड़ा हुआ माना जाता है. मकर संक्रांति उन कुछ चुनिन्दा त्यौहारों में से हैं जो लगभग एक नियत तिथि में प्रतिवर्ष आते हैं। वैसे गणना के अनुसार अब यह त्यौहार 14 जनवरी के स्थान पर 15 जनवरी को आता है।
इस दिन को कृषि उत्सव के अतिरिक्त मकर संक्रांति हिन्दू धर्म में शुभ या मांगलिक पक्ष की शुरुआत भी माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस तिथि से गर्म और लम्बे दिनों की शुरुआत हो जाती है. संक्राति एक तरह से शीत ऋतू की समाप्ति और नयी फसलो या वसंत ऋतु का प्रारंभ होता है.
देश के अलग-अलग हिस्सों तथा समुदायों में यह त्यौहार अलग नामों और तरीकों से मनाया जाता है. सूर्य देव को समर्पित इस दिन कई जगह पतंगबाजी की प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती है.
मकर संक्रांति के विभिन्न रूप-
यह भारतवर्ष तथा नेपाल के सभी प्रान्तों में अलग-अलग नाम व भांति-भांति के रीति-रिवाजों द्वारा भक्ति एवं उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया जाता है।
मकर संक्रान्ति : छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, गुजरात और जम्मू
ताइ पोंगल, उझवर तिरुनल : तमिलनाडु
उत्तरायण : गुजरात, उत्तराखण्ड
माघी : हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब
भोगाली बिहु : असम
शिशुर सेंक्रात : जम्मू-कश्मीर
खिचड़ी : उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार
पौष संक्रान्ति : पश्चिम बंगाल
मकर संक्रमण : कर्नाटक
लोहड़ी : पंजाब
देश बाहर मकर सक्रांति के नाम
बांग्लादेश : पौष संक्रान्ति
नेपाल : माघे संक्रान्ति /'माघी संक्रान्ति' /'खिचड़ी संक्रान्ति'
थाईलैण्ड : सोंगकरन
लाओस : पि मा लाओ
म्यांमार : थिंयान
कम्बोडिया : मोहा संगक्रान
श्री लंका : पोंगल, उझवर तिरुनल
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