हमारा गणतंत्र दिवस
भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया। पहली बार 26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। तदुपरांत हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यो मनाया जाता है?
31 दिसंबर 1929 की मध्य रात्रि में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र के दौरान राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने की पहल की गई थी। इस बैठक में उपस्थित सभी क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सरकार के शासन से भारत को आजाद करने और पूर्णरूपेण स्वतंत्रता को साकार करने के लिए 26 जनवरी 1930 को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में एक ऐतिहासिक पहल बनाने की शपथ ली थी। भारत के उन शूरवीरों ने अपनी लक्ष्य पर खरे उतरने की भरसक कोशिश की और भारत सचमुच स्वतंत्र देश बन गया भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके तहत भारत देश को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया. इसलिए लिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
गणतंत्र दिवस मनाने की परंपरा किसने शुरू की थी?
देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था. इसके बाद से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है.
भारत ने अपना संविधान कब ग्रहण किया?
भारत ने अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से ग्रहण किया।
गणतंत्र दिवस की पहली परेड कब हुई थी?
भारत राज्यों का एक संघ है. ये संसदीय प्रणाली की सरकार वाला गणराज्य है. ये गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया था और ये 26 जनवरी 1950 से प्रभाव में आया.
भारतीय संविधान में पंचवर्षीय योजना की अवधारणा किस संविधान से ली गई है?
भारतीय संविधान में पंचवर्षीय योजना की अवधारणा सोवियत संघ (यूएसएसआर) से ली गई थी.
गणतंत्र दिवस पर झंडा कौन फहराता है?
देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेते हैं और राष्ट्रीय ध्वज भी वही फहराते हैं.
राज्यों की राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज कौन फहराता है?
संबंधित राज्यों के राज्यपाल राज्य की राजधानियों में गणतंत्र दिवस समारोह के मौक़े पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. भारत में दो राष्ट्रीय ध्वज समारोह होते हैं. एक गणतंत्र दिवस पर और एक स्वतंत्रता दिवस पर. स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौक़े पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं और राज्य की राजधानियों में मुख्यमंत्री झंडा फहराते है।
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या है अंतर ?
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे ध्वजारोहण कहा जाता है क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है जब प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया था। संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting (ध्वजारोहण) कहा जाता है।
जबकि
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर *झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है,* संविधान में इसे *Flag Unfurling (झंडा फहराना)* कहा जाता है।
*दूसरा अंतर*
15 अगस्त के दिन *प्रधानमंत्री जो कि केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं वो ध्वजारोहण करते हैं,* क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं।
जबकि
26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, *इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं*
*तीसरा अंतर*
स्वतंत्रता दिवस के दिन *लाल किले* से ध्वजारोहण किया जाता है।
जबकि
गणतंत्र दिवस के दिन *राजपथ* पर झंडा फहराया जाता है।
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