आपने देखा या सुना होगा कि मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पढ़ते समय उसे जूते-चप्पल सुघाने पर वह व्यक्ति तुरंत ठीक हो जाता है। आइए इसका उत्तर जानने के पहले जानते है कि आखिर मिर्गी या एपिलेप्सी क्या है?
What is Epilepsy?
मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) विकार है जो मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका गतिविधि में व्यवधान (Fault) के कारण दौरे और असामान्य व्यवहार की छोटी अवधि, संवेदना और चेतना को प्रभावित करने की स्थिति है। एक बार दौरा पड़ने की स्थिति को Seizures कहते है। जबकि बार बार दौरे पड़ने को मिर्गी (epilepsy) कहते है।
एपिलेप्सी (मिर्गी) की समस्या होने पर व्यक्ति का व्यवहार सामान्य नहीं रहता है और उसे बेहोशी सी छाने लगती है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित एक विकार है जिसकी स्थिति में मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिका की गतिविधि बाधित होती है। नतीजतन, मरीज को दौरे पड़ते हैं, वह बेहोश हो सकता है या कुछ समय तक असामान्य व्यवहार कर सकता है। मिर्गी कोई संक्रमण बीमारी नहीं है। यह मानसिक बीमारी या मानसिक कमजोरी के कारण नहीं होता है। अधिकतर मामलों में मिर्गी के कारण पड़ने वाले दौरों से मस्तिष्क पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन कभी-कभी दौरों के कारण मस्तिष्क को क्षति पहुंच सकती है।
मिर्गी के कई कारण और लक्षण होते हैं।
मिर्गी किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह छोटे बच्चों और अधेड़ उम्र के लोगों में देखने को मिलता है। मिर्गी का इलाज करने के कई अलग-अलग तरीके मौजूद हैं। मिर्गी के उपचार में मेडिटेशन, सर्जरी और दवा आदि शामिल हैं।
मिर्गी के लक्षण (Symptoms)
बार-बार दौरा पड़ना मिर्गी के मुख्य लक्षणों में से एक है।
दौरा पड़ने के आलावा, मिर्गी के अन्य लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-
अचानक गुस्सा होना
चक्कर आना
एक ही जगह घूमना
बिना तापमान के एक आवेग
ब्लैकआउट या मेमोरी लॉस होना
कुछ समय के लिए कुछ भी याद नहीं रहना
बिना किसी कारण के स्तब्ध रह जाना
अचानक खड़े-खड़े गिर जाना
बार-बार एक जैसा व्यवहार करना
शरीर में झुनझुनी और सनसनी होना
लगातार ताली बजाना या हाथ रगड़ना
चेहरे, गर्दन और हाथ की मांसपेशियों में बार-बार झटके आना
अचानक से डर जाना और बात करने में असमर्थ होना
छूने, सुनने या सूंघने की क्षमता में अचानक बदलाव आना
कुछ अंतराल में बेहोश होना (इस दौरान बोवेल या ब्लैडर का कंट्रोल खो जाता है, शरीर में थकावट होती है)
इन सबके अलावा, मिर्गी के दूसरे भी अन्य लक्षण हो सकते हैं। मिर्गी का लक्षण मरीज और मिर्गी के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।
मिर्गी के कारण
मिर्गी की शिकायत अनेक कारणों से हो सकती है। इसके मुख्य कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
आनुवंशिक कारण
सिर पर घातक चोट लगना
ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट होना
एड्स
मेनिन्जाइटिस
संवहनी रोग
जन्म से पहले शिशु के सिर में चोट लगना
मनोभ्रंश या अल्जाइमर रोग
अत्यधिक शराब या नशीली दवाओं का सेवन
ब्रेन स्ट्रोक (35 से अधिक उम्र के लोगों में मिर्गी का यह मुख्य कारण माना जाता है)
शिशु के जन्म के दौरान मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होना
जन्म से मौजूद विकास संबंधित विकार या तंत्रिका संबंधित रोग
ऊपर दिए गए कारणों के अलावा, मरीज की उम्र और समग्र स्वास्थ्य एवं मिर्गी के प्रकार के आधार पर मिर्गी के अन्य कारण हो सकते हैं।
क्या मिर्गी आने पर जूता-चप्पल सूंघाना चाहिए?
मिर्गी के लक्षण को समझने की जरूरत है, ताकि उसका सही समय पर इलाज शुरू हो सके। जमशेदपुर शहर में करीब आठ हजार लोग मिर्गी रोग से ग्रस्त है। 200 लोगों में एक व्यक्ति को यह बीमारी होती है। मिर्गी के दौरे के समय रोगी के मुंह से झाग निकलता हैं और शरीर में अकड़न आने लगती हैं। बेहोशी की अवधि चंद सेकेंड से लेकर पांच मिनट तक हो सकती है। मिर्गी का दौरा समाप्त होते ही व्यक्ति सामान्य हो जाता है। मिर्गी दो तरह का हो सकता है। आशिक तथा पूर्ण। आशिक मिर्गी से जहा मस्तिष्क का एक भाग अधिक प्रभावित होता है, वहीं पूर्ण मिर्गी में मस्तिष्क के दोनों भाग प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार भिन्न-भिन्न रोगियों में इसके लक्षण भी भिन्न होते हैं। आमतौर पर व्यक्ति कुछ समय के लिए चेतना खो देता है। यह बीमारी बच्चे व बुजुर्गो को अधिक होती है पर किसी भी उम्र में हो सकती है। इस दौर में लोग इसे लोग भूत प्रेत का साया समझकर ओझा-गुनी व बाबाओं के चक्कर में फंस कर अपनी जान गंवा रहे हैं। कार्यक्रम में दर्जनों लोग उपस्थित थे।