संकलन
ओम प्रकाश पाटीदार
** मगरमच्छ चाहे तो पानी में से सीधे ऊपर की ओर उछल कर उड़ती हुई चिड़िया को अपने मुँह में पकड़ सकता है।
ओम प्रकाश पाटीदार
** मगरमच्छ चाहे तो पानी में से सीधे ऊपर की ओर उछल कर उड़ती हुई चिड़िया को अपने मुँह में पकड़ सकता है।
** एनाबलेप्स ' मछली की हरेक खि के गोलक में दो-दो आँखें होती हैं।
** रेडर्स ऑफ दी लॉस्ट आर्क ' फिल्म में दिखाए ज्यादातर साँप असल में साँप थे ही नहीं। वे एनग्यूडस '-यानी बिना पैर वाली छिपकली थे।
** उल्लू अपनी गर्दन को लगभग पूरे गोले में घुमा सकता है।
** एक खोजी कुत्ता था-बोडी। उसके दो पैर-एक अगला दूसरा पिछला-खराब हो गए। फिर भी उसने चलना सीखा। बोडी सीढ़ियों पर चढ-उतर सकता था और किसी भी स्वस्थ कुत्ते जितना तेज भाग सकता था।
** छछूँदर असल में छोटे चूहे जैसे होते हैं। वे हर समय खाते रहते हैं। अगर कुछ घंटों के लिए भी उन्हें खाना न मिले तो वे मर जाएं।
** संभोग के लिए तैयार मादा को आकर्षित करने के लिए नर साही (पौरक्यूपाइन) ऊँचे सुर में गाना गाता है।
** बहुत-से चिडियाघरों में हाथियों का मन बहलाने के लिए उन्हें चित्रकारी करने की छूट होती है। हाथी अपनी सूँड को बुश की तरह इस्तेमाल करके कैनवस पर चित्र बनाते हैं।
** कुछ कोबरा साँप अपने दुश्मनों की आखों में विष थूकते हैं। इस विष से आंखों में बहुत दर्द होता है। और दुश्मन पूरी तरह अंधा भी हो सकता है।
** उत्तरी ध्रुव में रहने वाली 'टर्न ' नाम की चिड़िया सबसे लंबी दूरी तक उड़कर
जाती है। उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की यात्रा करते हुए वह हर साल 22 ००० मील का फासला तय करती है।
** 'प्रेयरी ' घास के मैदानों के कुत्ते बड़े-बड़े झुंडों में रहते हैं। 19०1 में इन कुत्तों की एक बस्ती खोज निकाली गई। उसमें 4० करोड़ कुत्ते थे और 25 ००० वर्ग मील के इलाके में फैले हुए थे।
** कुछ छोटे जानवर जाड़ों में शीत-निद्रा में सो जाते हैं। कुछ-कुछ हफ्तों बाद वे उठते हैं खाते-पीते हैं और टट्टी-पेशाब जाते हैं।
** भेड् कभी भी मौज-मस्ती के लिए नहीं तैरती। परंतु अगर वे किसी नदी में गिर जाएँ या फिर बाढ़ में फँस जाएं तो वे अपने पैरों को चप्पू जैसे चलाकर आसानी से किनारे तक पहुँच सकती हैं।
** साँप अपनी जीभ से सूँघते हैं।
** कुछ मछलियाँ अपने अंडे कई हफ्तों तक अपने मुँह में ही रखे रहती हैं। जब अंडों से बच्चे निकलने को तैयार हो जाते हैं तभी वे उन्हें अपने मुँह से बाहर निकालती हैं।
** बृहस्पति (जूपिटर) यह के 16 चंद्रमा हैं जिनमें गैनीमीड मै सबसे बड़ा है। यह हमारे सौर मंडल का भी सबसे बड़ा चंद्रमा है। उसका आकार यम (प्लूटो) ग्रह से दुगना है।
** खगोलशास्त्री ऐसा मानते थे कि बुध (मरक्यूरी) यह और सूर्य के बीच में एक और ग्रह रहा होगा। उन्होंने उस यह को वल्कन ' नाम भी दे दिया था।
** अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण का बल नहीं होता इसलिए पृथ्वी छोड़ने के बाद अंतरिक्ष-यात्रियों की ऊंचाई एक-दो इंच बढ़ जाती है।
** बृहस्पति (जूपिटर) के एक चाँद का नाम है 'यूरोप। '। वहाँ पर बहुत ही अच्छी स्केटिंग रिंक बन सकती है क्योंकि यूरोपा पूरी तरह कई मील मोटी बर्फ की परत से ढँका है।
** पुल्सर ' ऐसे तारे हैं जो बहुत तेजी से- 1००० चक्कर प्रति सेकंड की गति से घूमते हैं।
** बृहस्पति (जूपिटर) शनि (सैटर्न) वारुणी (यूरेनस) और वरुण नेपचून यह असल में ठोस नहीं हैं। वे द्रव और गैस के बडे गोले हैं।
** सूर्य के केंद्र का तापमान 1.59 करोड़ डिग्री से. है।
** हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी मंगल ग्रह पर है। उसका नाम ' आलिम्पस मौम्स ' है। वह 17 मील ऊंचा है और उसका क्षेत्रफल अमरीका के ऐरीजोना राज्य से भी ज्यादा है।
** यम प्लूटो ग्रह को सूर्य की एक परिक्रमा करने में 247 साल लगते हैं। हमारी आकाशगंगा में करीब 1० ००० करोड़ तारे हैं।
** विश्व में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व हाईड्रोजन है।
** बृहस्पति (जूपिटर) शनि (सैटर्न) वारुणी (यूरेनस) और वरुण (नेपच्यून) ग्रहों के चारों ओर छल्ले (वलय) हैं।
** 'ब्लैक होल में एक ऐसा तारा होता है जो ढह कर समाप्त हो गया हो। ब्लैक होल के चारों ओर गुरुत्व का बल इतना सशक्त होता है कि उनमें से कुछ भी बाहर निकल ही नहीं सकता। ब्लैक होल अदृश्य होते हैं क्योंकि उनके अंदर से प्रकाश की एक किरण भी बाहर नहीं निकल सकती।
** चंद्रमा पर अंतरिक्ष-यात्रियों के पदचिन्ह लाखों साल तक वैसे ही बने रहेंगे। चंद्रमा पर हवा तो है नहीं जिससे कि पैरों के निशान मिट जाएं।
** अमरीका में ऐलबामा की एक महिला के ऊपर एक उल्का गिरी। उल्का पत्थर बाहरी अंतरिक्ष से गिरते हैं। उल्का पहले उसके घर की छत पर गिरी और फिर उसकी बाँह और कमर के बीच आकर टकराई।
** चंद्रमा धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर हट रहा है। वह सौ साल में लगभग दो इंच दूर हट जाता है।
** बकरियों को भूख बहुत ज्यादा लगती है। भूखी बकरियाँ कभी-कभी पेड़ों पर चढ जाती हैं और उनका एक-एक पत्ता सफाचट्ट कर जाती हैं।
** क्वाहौग ' नामक समुद्री सीपियाँ 22० वर्ष तक जीवित रहती हैं। वे समुद्र की सबसे लंबी उम्र वाली जीव हैं।
** दुनिया का सबसे छोटा कुत्ता शायद यार्कशायर के टेरियर प्रजाति का एक कुत्ता था। वह केवल 5 सेंटीमीटर लंबा था और उसका भार सिर्फ 115 ग्राम था। ** 'पेट लेक्स ' नामक झीलों में रहने वाली झींगा मछली श्रिम्प अपने आपको ही खाती है। जो सीप का कवच यह बनाती है बड़ा होने पर यह उसी को खा लेती है।
** कैनाडा के उत्तरी ध्रुव के बर्फीले क्षेत्र में बडे खरगोश रहते हैं। इन्हें 'उत्तरी ध्रुवीय खरगोश ' के नाम से जाना जाता है। वे कंगारुओं की तरह ही पिछले पैरों से छलाँगें लगाते हैं और उनके झुंड में कभी-कभी 1 000 खरगोश तक होते हैं।
** बड़े मेंढक टोड उछलते हैं छोटे मेंढक छलाँग लगाते हैं।
** अधिकतर साँप अंडे देते हैं परंतु कुछ जिंदा बच्चों को भी जन्म देते हैं।
** 'वाकिंग कैटफिश ' नामक मछली अपनी पूँछ और मीन पक्षों फिन की सहायता से जमीन पर रेंगकर एक से दूसरी झील तक जा सकती है।
** एशिया में उष्ण कटिबंध के कुछ घने जँगलों में उड़ने वाला साँप रहता है। वह एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक उड़ान भरता है।
** वुडचक' गिलहरी की जाति का जानवर होता है। नर वुडचक को ही-चक ' कहा जाता है और मादा को शी-चक।
** चमगादड़ एक ही रात में इतने कीड़े खा सकता है जिनका भार उसके भार से आधा होता है।
** टुआटारा ' एक ऐसी छिपकली है जिसकी पूँछ झट से टूट जाती है। अगर कोई दुश्मन टुआटारा की पूँछ को पकड़ लेता है तो छिपकली झट से अपनी पूँछ छोड़ कर भाग जाती है। बाद में छिपकली की नई पूंछ उग आती है।
** सारी दुनिया में सबसे अधिक बवंडर अमरीका में आते हैं।
** इतिहास में जानवरों की बारिश कई बार हुई है। लोगों ने मेंढकों मछलियों साँपों कीखों-मकोड़ों आदि को बहुत बार आसमान से बरसते हुए देखा है।
** नौ धारियों वाले आर्मडिलो ' की मादा हमेशा या तो चार नर बच्चों को या फिर चार मादा बच्चों को जन्म देती है।
** एक मछली है- 'ब्लैक स्वालोअर '। वह अपने से दुगने आकार की मछली को भी निगल जाती है।
** अलास्का मेँ 1964 के भारी भूकंप के झटके आने से तुरंत पहले कोडिएक ' प्रजाति के भालू अपनी शीतनिद्रा छोड़कर उठ गए और गुफाओं से बाहर भागने लगे।
** दुनिया के महान जल-प्रपात नियागरा फाल ' में दो दिनों तक पानी बहना रुक गया। ईरी झील पर बर्फ से एक बाँध बन गया था जिससे जल-प्रपात मे पानी बहना बंद हो गया।
** अमरीकी राज्य मोनटाना के शहर ब्राउनिंग में एक ही दिन में तापमान 1०० डिग्री गिर गया-यानी +44 डिग्री से -5 6 डिग्री फैरनहाइट हो गया।
** प्रशांत महासागर के तल पर हवाई द्वीप- समूह में एक और द्वीप बन रहा है। यह द्वीप असल में समुद्र के अंदर डूबा एक ज्वालामुखी है। इस के भीतर से निकल रहे लावा के कारण टापू का आकार तेजी से बढ रहा है।
** अफ्रीका के कैमरून देश की जानलेवा झीलों में से कभी-कभी कार्बन डाई-आक्साइड के बादल निकलते हैं जिनसे जंगली जानवर और लोग मर जाते है।
** अमरीका के किसी अन्य राज्य की तुलना में फ्लोरिडा में सबसे ज्यादा बिजली (तड़ित) गिरती है।
** अमरीका के मध्य-पश्चिम भाग में एक बार भीषण बवंडर आया जो मुर्गियों के एक फार्म के ऊपर से गुजरा। बवंडर की तेज हवा चूजों के सभी पंख उड़ा ले गई।
** कभी-कभी इंद्रधनुष रात को भी निकलते हैं। ये मूनबो के नाम से जाने जाते हैं और इनका रंग एकदम सफेद होता है।
** अगर उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर स्थित पूरी बर्फ पिघल जाए तो सभी महासागरों का जल-स्तर 18० फीट बढ जाएगा।
** अमरीका में न्यू हैम्पशायर स्थित पहाड़ ' माउंट वाशिंगटन के ऊपर साल में 1०० से अधिक दिनों तक तूफानी हवाएं चलती हैं।
** 1556 में आए भूकंपों के दौरान चीन में 8 3० ००० लोग मरे।
** वैसे तो बर्फ के पहाड़ आईसबर्ग खारे समुद्रों में तैरते हैं परंतु इनमें से अधिकांश ताजे (मीठे) पानी के बने होते हैं।
** बारिश की बूँदों का आकार आंसू की बूँदों जैसा नहीं होता। वे देखने में पकौडी या आटे की लोई जैसी लगती हैं।
** नर और मादा हाथी कभी-कभी अपनी खंडों को फंसा कर चलते हैं मानो एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर चल रहे हो।
** गोरिल्ले पानी से इतना डरते हैं कि वे उसे पीते तक नहीं। उनकी पानी की सारी जरूरत फल और पौधे खाने से पूरी हो जाती है।
** जिराफ एक बार में कभी भी एक घंटे से अधिक नहीं सोते।
** नौजवान जिराफों की जीभ 18 इंच लंबी और काले रंग की होती है।
** हाथी पूरे जीवन भर बढ़ता ही रहता है। अक्सर हाथियों की टोली का सबसे भीमकाय सदस्य ही सबसे बूढ़ा होता है।
** टूरोको मैं एक खूबसूरत अफ्रीकी चिड़िया है। उसका लाल रंग बारिश में धुल जाता है।
** जब लकडवग्घे शिकार के लिए जाते हैं तो वे पागलों के हँसने जैसी आवाज निकालते हैं।
** एक ऊँट केवल 1० मिनट के अंदर ही 3० गैलन (लगभग 135 लीटर) पानी पी सकता है।
** जब गैंडों को खाने के लिए पर्याप्त घास नहीं मिलती तब वे कभी-कभी अन्य जानवरों का गोबर खाते हैं। जानवरों के गोबर में -डो को आशिक रूप से पची हुई घास मिल जाती है।
** हरा ' माम्बा ' एक बहुत ही विषैला अफ्रीकी साँप है। वह पेड़ों की टहनियों मे छिप जाता है और नीचे गुजर रहे प्राणियों पर गिर कर उन्हें शिकार बना लेता है।
** वैज्ञानिकों का विचार है कि जैबरा की चमड़ी काले रंग की होती है और उस पर सफेद धारियाँ होती हैं न कि सफेद चमड़ी पर काली धारियाँ।
** काँटेदार पंखों वाले 'फ्लोवर ' पक्षी अपना बहुत समय मगरमच्छों के मुँह के भीतर बिताते हैं। मगरमच्छों के दाँतों में फंसी जोंकों को निकालकर ये पक्षी खा जाते हैं और इस प्रकार मगरमच्छों की मदद भी करते हैं।
** गैंडों के एक समूह को 'कैश ' कहते हैं। गैंडे का सींग हड्डी से नहीं बना होता बल्कि कस कर बाँधे गए बालों का बना होता है।
** आक्सपैकर ' पक्षी जैबरा पशुओं और गैंडों की खालों में चिपटी चिचडियों को चुगकर अपना खाना जुटाते हैं।
** एक हाथी का बच्चा पाँच वर्ष की आयु होने तक अपनी माँ का दूध पीता है।
** एक शुतुरमुर्ग जंभाई लेता है तो जब उसे देखकर झुंड के दूसरे सदस्य भी जंभाई लेने लगते हैं। शुतुरमुर्गों के झुंड को जंभाई लेते देख वहाँ मौजूद लोग भी आम तौर पर जंभाई लेने लगते हैं।
** अफ्रीका में ' बोनोबो जाति के चिंपैंजी होते हैं। दूसरी जातियों के चिंपैंजी एक- दूसरे से मार-पीट करते हैं यहाँ तक कि दूसरे को मार भी डालते हैं। किंतु 'बोनोबो ' जाति के चिंपैंजी शांतिप्रिय जीव होते हैं और दूसरों के साथ सहयोग करते हैं।
** दरियाई घोड़े की चमड़ी से एक गुलाबी रंग का तरल पदार्थ रिसता है जिसके कारण तेज धूप में भी उसकी चमड़ी जलती नहीं। यह तरल पदार्थ अगर लोगों के शरीर पर लगाया जाए तो यह एक अच्छे सन-स्कीन लोशन में यानी धूप से सुरक्षा करने वाली क्रीम का काम कर सकता है।
** अगर तुम और कुछ न खाकर केवल गाजरें खाओ तो तुम्हारा रंग नारंगी हो जाएगा। गाजर में 'कैरोटीन ' नाम का पदार्थ होता है जो अधिक मात्रा में खाने से त्वचा को नारंगी बना सकता है।
** सनडयू पौधा कीड़े खाता है। जो कीड़े पौधे पर बैठते हैं वे उसके चिपचिपे बालों पर चिपक जाते हैं। बाल कीड़े को पूरी तरह घेर लेते हैं। फिर पौधे में से एक तरल पदार्थ निकलता है जिससे कीड़ा हजम हो जाता है।
** दुनिया का सबसे बूढ़ा पेड है मेथुसिला'। यह चीड़ की प्रजाति का पेड कैलिफोर्निया में है। मेथुसिला' लगभग 46०० साल पुराना है।
** दक्षिण अफ्रीका में एक ऐसा अंजीर का पेड पाया गया जिसकी जड़ें 4०० फीट गहरी थी।
** दुनिया की सबसे ऊँची घास 'कँटीले बाँस' होते हैं। भारत में पाए जाने वाले ये बाँस 12० फीट ऊंचाई तक जाते हैं।
** पृथ्वी पर सबसे बड़ी जीवित वस्तु 'जनरल शरमन' है। यह एक विशालकाय सिकोया का पेड है जो कैलिफोर्निया में है। 'जनरल शरमन' 275 फीट ऊंचा है और उसका भार करीब 2000 टन है।
** ब्रॉकली ' (हरे रंग का गोभी जैसा फूल) के जिस भाग को लोग खाते हैं वो
असल में पौधे का फूल होता है।
** अगर आप माईमोसा मुखिका ' (छुईमुई) के पौधे को छुएंगे तो उसकी छोटी पत्तियाँ जल्दी से सिमट जाएंगी और उसकी टहनियाँ तने पर गिर जाएंगी।
** खीरा कद्दू और टमाटर सब्जी नहीं, फल हैं।
** खुमानी और आलूबुखारे जैसे फल जिनके अंदर गुठली होती है को 'डूप ' (अष्ठिफल) कहते हैं।
** दीमक अपने रहने के लिए मिट्टी से टीले जैसी अपनी बांबी बनाते हैं जो 3० फीट तक ऊंची हो सकती हैं।
** कीड़ों के शरीर के दोनों ओर छोटे-छोटे छिद्र होते है। वे उनसे ही साँस लेते हैं। दुनिया में जितने भी प्रकार के जानवर हैं उनमें सबसे ज्यादा किस्में बीटिल ' नामक कीट की हैं।
** अगर तिलचट्टे (कॉकरोच) का सिर भी कट जाए फिर भी वह कई हफ्तों तक जिंदा रह सकता है।
** 'ब्लैक विडो ' प्रजाति की मकड़ियों में संभोग के बाद अक्सर मादा मकड़ी नर को खा जाती है।
** नर तितली मादा को कई मील दूर से ही सूँघ लेती है।
** बारिश के दिनों में केंचुओं के बिलों में पानी भर जाता है इसलिए वे अक्सर बिलों की किनारे वाली खड़ी दीवारों पर चढ जाते हैं।
** तितलियाँ दिन में सक्रिय रहती हैं पतंगे रात में।
** दुनिया के सबसे नुकसानदेह कीड़े रेगिस्तानी टिड्डे होते हैं। उनका बड़ा झुंड एक ही दिन में 2० ००० टन अनाज और पौधे सफाचट्ट कर सकता है।
** दुनिया के बहुत-से देशों में लोग कीड़े- मकोड़े खाते हैं। बहुत-से कीड़ों से हमें गुणकारी विटामिन और खनिज प्राप्त होते हैं।
** पिस्सू को बर्फ में एक साल के लिए जमाकर रखा जा सकता है। बर्फ पिघलने के बाद पिस्सू फिर जीवित हो जाएगा। पिस्सू अपने शरीर की लंबाई से 1०० गुनी अधिक दूरी तक कूद सकता है।
** मादा चिचड़ी (टिक) दो दिनों में ही खून चूस चूस कर अपने वजन से २०० गुना अधिक भारी हो जाती है।
** गोलियाथ बीटिल ' (भृंग) इतनी शक्तिशाली होती हैं कि अकसर बच्चे उनसे छोटी-छोटी खिलौना-गाड़ियाँ बाँधकर बीटिलों के बीच दौड़ का मजा लेते हैं।
** संसार का सबसे लंबा कीड़ा 'स्टिक इंसेक्ट ' 15 इंच लंबा होता है। वह देखने में किसी पेड़ की टहनी जैसा लगता है। ''
** जब किसी मधुमक्खी को भोजन मिलता है तब वह छत्ते में वापिस जाकर अन्य मधुमक्खियों को यह खुशखबरी एक नाच के जरिए देती है। इस नाच की भंगिमाओं से बाकी मधुमक्खियों को भोजन की दूरी और दिशा का पता चल जाता है।
** मच्छर आदमियों की तुलना में औरतों को अधिक काटते हैं।
** कुछ चीटियाँ दूसरी बस्ती की चींटियों को पकड़ कर लाती हैं और उनसे गुलाम-मजदूरों की तरह काम करवाती हैं।
** लडकों के बाल लड़कियों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ते हैं।
** हर रात सोते समय लोग करीब दो घंटे सपने देखते है।
** एक व्यक्ति दिन में करीब 23 ००० बार साँस लेता है।
** मनुष्य के मस्तिष्क का भार केवल 1 किलो 300 ग्राम होता है, पर वह शरीर की कुल ऊर्जा का 2० प्रतिशत भाग उपयोग करता है।
** चर्वणिकाएँ मैसीटेर इंसान के शरीर की सबसे ताकतवर मांसपेशियाँ होती हैं। वे मुँह के दोनों तरफ स्थित होती हैं और चबाने का काम करती हैं।
** हमारे शरीर के अंगों में सैकड़ों आठ पैरों वाले छोटे कीट निवास करते हैं। इन्हें कुटकी (माईट) कहते हैं।
** हाथ के नाखून के पैर के नाखूनों की तुलना में चार गुना अधिक तेजी से बढ़ते हैं।
** इंसान के शरीर पर करीब 5० लाख बाल होते है।
** घर में पाई जाने वाली धूल का अधिकांश भाग लोगों की मरी खाल के छिलके होते हैं। ये घर के लोगों की त्वचा से ही गिरते रहते हैं।
** छोटे बच्चे रोते समय आंसू नहीं बहाते। कुछ हफ्तों के बाद ही उनके आंसू बनते हैं।
** मनुष्य के बच्चों के फेफड़े जन्म के समय गुलाबी रंग के होते हैं। बडे होने के साथ-साथ प्रदूषित हवा की साँस लेने से उनके, फेफड़े गहरे रंग के हो जाते हैं।
** मनुष्य के शरीर में रक्तशिराओं का ताना-बाना 6० ००० मील लंबा होता है।
** अगर आप दाएं हाथ से काम करते हैं तो दाएं हाथ की उँगलियों के नाखून बाएं हाथ की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ते हैं। अगर आप बाएँ हाथ से काम करते हैं तो इसका उल्टा सच होगा।
** मनुष्य का दायाँ फेफड़ा बाएं की तुलना में ज्यादा बड़ा और भारी होता है।
** कुछ लोगों को पानी बिलकुल नहीं सुहाता यानी उन्हें पानी से एलर्जी होती है। जब ये लोग रोते हैं तो व्याँसुओं से उनके चेहरे पर फफोले पड़ जाते हैं।
** मनुष्य का हृदय दिन में करीब एक लाख बार धड़कता है।
** पृथ्वी के सबसे पहले जीव बैक्टीरिया और एलगाई (शैवाल) थे। पृथ्वी पर उनका उद्गम 35० करोड़ साल पहले हुआ।
** किसी समय पृथ्वी के सभी महाद्वीप आपस में जुडे हुए थे। उन सबसे मिलकर बने उस बडे महाद्वीप का नाम था पैनजाया ।
** एक जमाने में अमरीका का शहर टैक्सस एक वीरान दलदल था और उसमें 50 फीट लंबे मगरमच्छ रहते थे।
** डायनोसौर ' अक्सर गलती से एक-दूसरे की पूँछ पर पैर रख देते थे। इससे उनकी पूँछ की हड्डियाँ टूट जाती थीं।
** प्लायोसौर नाम के भयानक और कूर जीव कभी महासागर में रहते थे। अपने विशालकाय सिर ताकतवर दाँतों और जबड़ों से वे अक्सर सबसे बड़ी शार्क को भी लड़ाई में हरा देते थे।
** डायनोसौर के ही काल में उड़ने वाले सरीसर्प- ' टेरोसौर ' रहते थे। टेरोसौर के पँख चमड़ी के बने होते थे न कि परों के।
** वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे बड़ा - उड़ने वाला जीव एक टेरोसौर था जिसका नाम क्वेटझालकोटलस ' था। उसके पंखों के बीच की दूरी 4० फीट थी और उनका भार था करीब 64 किलो।
** सबसे पहली चिड़िया ' आरचोपिटरेक्स ' का उद्गम एक छोटे मांसाहारी डायनोसौर से हुआ था। कुछ वैज्ञानिक आज के पक्षियों को 'जीवित डायनोसौर ' भी कहते है।
** स्टैगोसौरस ' एक भीमकाय डायनोसौर था। उसका भार 2 टन था परंतु उसका मस्तिष्क अखरोट के बराबर था और भार केवल 55 ग्राम।
** बैरीसौरस ' नाम के डायनोसौर की गर्दन 4० फीट लंबी थी। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार उसके 8 हृदय थे ताकि उसकी लंबी गर्दन में से होकर मस्तिष्क तक पहुंचाने के लिए खून को पंप किया जा सके।
** उत्तरी अमरीका अब के मुकाबले पहले कहीं अधिक गर्म था। वहाँ इतनी गर्मी थी कि एक जमाने में उत्तरी ध्रुव पर भी पेड उगते थे।
** अब तक की सबसे भारी चिड़िया का नाम था ड़ोंमोरनिस स्टिरटोनी मै। उसका भार आधे टन से ज्यादा था।
** उत्तरी अमरीका में कभी सुअर जैसे जानवर रहते थे उनका नाम था
ओरियोडोंटस् । उनके नाम से तो लगता है कि उन्हें क्रीम-भरे बिस्कुट पसंद थे किंतु ये जानवर केवल वनस्पतियाँ ही खाते थे।
** आज से लाखों वर्ष पहले उत्तरी अमरीका में एपीगौलस ' प्रजाति के चूहे रहते थे। इन चूहों की नाक पर दो छोटे सींग होते थे जिनसे शायद वे अपना बिल खोदते हों।
** इतिहास से पहले के काल में उत्तरी अमरीका में हाथी की एक प्रजाति रहती थी जिसका मुँह एक बडे बेलचे के समान था। उस बेलचे के अंत में दो बडे आगे के दाँत थे।
** पृथ्वी पर रहने वाला सबसे बड़ा स्तनपाई जीव था 'जिराफ गैंडा '। वह एशिया में पाया जाता था। उसका भार 15 टन था। वह 27 फीट लंबा और 18 फीट ऊंचा था।
** 'शीत युग ' के दौरान उत्तरी अमरीका का अधिकतर भाग हिमशैलों (ग्लेशियरों) से ढँका था। हिमशैलों की परत कहीं-कहीं पर दो मील मोटी थी।
** उत्तरी और दक्षिणी अमरीका में कभी भीमकाय ' आर्माडैलो' रहते थे जो एक मोटरकार जितने बडे होते थे। उनका शरीर हड्डियों के सख्त खोल में बंद होता था। कुछ की पूँछ के पीछे एक बड़ी कँटीली घुंडी होती थी।
** कोआला ' असल में भालू नहीं हैं। आस्ट्रेलिया में रहने वाले बहुत-से स्तनपाई जानवरों की तरह कोआला भी धानी-प्राणी (मारसूपियल) होते हैं- जिनके छोटे बच्चे एक थैली में पनपते और बढ़ते हैं।
** कोआला से खाँसी की गोलियों जैसी खुशबू आती है क्योंकि वे केवल यूकेलिप्टस के पत्ते खाते हैं।
** कोआला ' दिन में लगभग 22 घंटे सोते हैं।
** आस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में रहने वाला एक मेंढक साल में 11 महीने जमीन के अंदर सोता है। वह बारिश के कुछ दिनों में ही जमीन से ऊपर आकर खाता-पीता है और अंडे देता है।
** जब कंगारू का बच्चा जन्म लेता है तो वह एक मधुमक्खी के बराबर होता है। कंगारू का बच्चा अपनी माँ की थैली में 33 हफ्तों तक रहता है जहाँ वह दूध पीकर बड़ा होता है।
** कंगारू अच्छे तैराक होते है।
** तस्मानियाई 'डैविल ' (शैतान) असल में मारसूपियल होते हैं और देखने में बड़े चूहों जैसे लगते हैं। वे गुर्राते हैं और उनके धारदार दाँत होते हैं। तस्मानिया में मशहूर कार्टूनों में 'ताज ' नाम का तस्मानियाई 'डैविल ' दिखाया जाता है। परंतु वह इन चूहों से कहीं अधिक तेज और खूँखार है।
** पोटोरू ' छोटे केगारू होते हैं और खरगोश जितने बड़े होते हैं।
डिगो ' जंगली आस्ट्रेलियाई कुत्ते होते हैं। कुछ लोग डिंगो के पिल्लों को पकड़कर पालते हैं। बडे होकर वे अच्छे पालतू जानवर बनते हैं।
** संसार में केवल दो ही स्तनपाई जीव अंडे देते हैं- प्लैटीपस ' और कँटीला एंटईटर '। दोनों आस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं।
** 'कसोवरी ' 5 फीट ऊँचा आस्ट्रेलियाई पक्षी है। उसके सिर पर हड्डियों से बनी एक सख्त टोपी और पैरों मेँ नुकीले पंजे होते हैं। कसोवरी अपनी एक जोरदार दुलत्ती से किसी आदमी को मार भी सकती है।
** नर 'प्लैटीपस ' के टखनों में नुकीले पंजे होते हैं। इन पंजों मैं इतना विष भरा होता है जो एक कुत्ते को मारने के लिए काफी होगा।
** 'बैंडीकूट ', चूहे जैसा छोटा और नुकीले चेहरे वाला मारसूपियल होता है।
** बैडीकूट की थैली पीछे को खुलती है। इसीलिए जब वह जमीन की खुदाई करता है, उसमें मिट्टी नहीं भरती|
साभार
ह्यून वेस्टर्प