भारत ने दुनिया को क्या दिया? जिस पर पूरा विश्व गर्व करता है

भारत देश के इन मील के पत्थरो पर हमें गर्व है।
संकलन 
ओम प्रकाश पाटीदार
अक्‍सर लोग ही यह कहते हैं कि आज पश्‍िचमी चीजें और संभ्‍यता पूरी दुनिया में फैल रही है लेकिन शायद वह यह भूल रहे हैं कि इस भारत ने भी दुनिया को बहुत कुछ दिया है। 
भारत दुनिया भर में अपनी संस्कृति, पाक शैली और विविधता के लिए जाना जाता है. भारत आबादी के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. इस देश ने कई महान हस्तियों को जन्म दिया. इसके साथ ही भारत ने दुनिया को कई ऐसी चीज़ें दीं जिससे लोगों का जीवन सुगम बना.
आज दुनिया भर में फैले आयुर्वेद सर्जरी जीरो यूएसबी चेस जैसी तमाम ऐसी चीजें और गतिविधियां हैं जो सिर्फ भारत की ही देन हैं। प्राचीन काल में इनकी उत्‍पत्‍ित और अविष्‍कार सब भारत में ही हुए हैं। इसके बाद दुनिया के दूसरे देशों ने इसे आगे बढाने की दिशा में भले काम किया हो। ऐसे में आइए जानें भारत ने दुनिया को क्‍या क्‍या दिया है।

1. तक्षशिला-
तक्षशिला प्राचीन भारत में गांधार देश की राजधानी और शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था। यह विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय था जिसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व में की गई थी। भारतीय इतिहास में तक्षशिला नगरी विद्या और शिक्षा के महान केंद्र के रूप में प्रसिद्ध थी। यहां पर 300 लेक्‍चर हाल, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, और शोध के लिए सारी व्‍यवस्‍थाएं की गईं। चीनी यात्री हाईन टसांग ने अपनी डायरी में लिखा है कि जब वह यहां आए तब 10,000 छात्र और 200 शिक्षक यहां थे।



2. शतरंज (Chess)-

चेस का खेल भी भारत ने ही पूरी दुनिया को सिखाया है। यह खेल भारत का आविष्कार है। पुराने समय में यह  'चतुरंग' नाम से जाना जाता था। यह भारत से अरब होते हुए यूरोप गया था।


3. शून्य (Zero)-

आज पूरी दुनिया में जीरो पॉपुलर है। बिना जीरो के आज सब कुछ असंभव है। ऐसे यह संख्‍या भारत की ही देन है। जीरो भारत ने ही इस दुनिया को दिया है।


4.शैम्‍पू-

शैम्पू शब्द का अविष्‍कारक भारत ही है। यह शब्‍द मूलतः हिंदी शब्द चांपो से बनाया गया है। जिसका अथ सिर की मालिश की मालिश करना होता है। 1762 के करीब यह शब्‍द शैंपू में बदल गया है। उस समय मुगल शासक खुशबूदार चीजों से सिर की मसाज कराते थे। भारत में 15वीं शताब्दी में कई पौधों की पत्तियों और फलों के बीजों से शैम्पू बनाया जाता था. ब्रिटिश उपनिवेश काल में व्यापारियों ने यूरोप में इस शैम्पू को पहुंचाया.


5.गणित-
अंकगणित, ज्यामिति, बीजगणित, कैलकुलस आदि का शुभारंभ भी भारत में हुआ। शोधकर्ताओं का मानना है कि गणित में संख्याओं का निम्नलिखित अनुक्रम हेमचंद्र श्रेणी या फिबोनाची श्रेणी भी आधारित है।



6.आयुर्वेद-

आयुर्वेद आज पूरी दुनिया में उपयोग किया जा रहा है। यह भी भारत की ही एक देन है। प्राचीन काल में रिषी मुनि जंगलों में जड़ी बूटियों से रोग नाशक औषधियां तैयार करते थे। आज यह प्रकिया पूरी दुनिया में पॉपुलर हो गई।



7. सर्जरी-

मोतिया बिंदु और प्लास्टिक सर्जरी जैसी विधियां प्राचीन काल में भारत में की जा चुकी हैं। सर्जरी का मतलब है- ‘शरीर के किसी हिस्से को ठीक करना।’ भारत में सुश्रुत को पहला शल्य चिकित्सक माना जाता है। सुश्रुत प्रसव, मोतियाबिंद, कृत्रिम अंग लगाना, पथरी का इलाज व अंग-भंग हो जाते थे या नाक खराब हो जाती थी, तो उन्हें ठीक करने का काम वे करते थे।



8.कश्मीरी ऊन- 

ऊन का उद्योग 15 वीं शताब्‍दी में कश्‍मीर में शुरू हुआ था। यह कश्‍मीर के शासकों की देख रेख में होता था। यहीं से कश्‍मीरी ऊन के शॉल, स्‍वेटर, आदि पूरी दुनिया में फेमस हुए।



9.ताश(Playing Cards)-

आज ताश का खेल पूरी दुनिया में पॉपुलर है। यह भी कार्ड के जरिए खेले जाना वाला एक दिमागी खेल है। इस यह भी भारत की ही देन है। प्राचीन काल में यह क्रीड़ापथरम के नाम से जाना जाता था।


10. पेंटियम चिप-
आज कंप्‍यूटर की सबसे महत्‍वपूर्ण चीज के रूप में गिनी जाने वाले पेंटियम चिप का अविष्‍कार भी भारत में हुआ है।  इसका आविष्कार'विनोद धाम'ने किया था। 



11. मिश्री-

चीनी यानी की शक्‍कर के दाने भी भारत का ही अविष्‍कार है। यह आज पूरी दुनिया में मिश्री के टुकडे के रूप में पहचानी जाती है। इसकी उत्‍पत्‍ति गुप्‍त के शासन काल में हुई थी।

12. गुरुत्वाकर्षण-
प्राचीन भारत के सुप्रसिद्ध गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री भास्कराचार्य ने इस पर एक ग्रंथ लिखा ‘सिद्धांतशिरोमणि’। उनके इस ग्रंथ का बाद में अनेक विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ।

13. योग-
आज की तारीख़ में दुनिया भर में योग काफ़ी लोकप्रिय है. संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित किया है. आप किसी भी अच्छे जिम में जाइए तो वहां योग विशेषज्ञ मिल जाएंगे. योग के बारे कहा जाता है कि यह भारतीय इतिहास के पूर्व-वैदिक काल से ही प्रचलन में था. इसकी जड़ें हिन्दू, बौद्ध और जैन संस्कृति से है. अब ख़ुद को फिट रखने के लिए दुनिया भर में योग प्रचलन में आ गया है. पश्चिम में योग को स्वामी विवेकानंद (1863-1903) ने फैलाया था.

14. रेडियो प्रसारण-
सामान्य तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता इंजीनियर और खोजकर्ता गुलइलमो मार्कोनी को रेडियो प्रसारण का जनक माना जाता है. हालांकि भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस ने इससे पहले मिलीमीटर रेंज रेडियो तरंग माइक्रोवेव्स का इस्तेमाल बारूद को सुलगाने और घंटी बजाने में किया था. इसके चार साल बाद लोहा-पारा-लोहा कोहिरर टेलिफ़ोन डिटेक्टर के तौर पर आया और यह वायरलेस रेडियो प्रसारण के आविष्कार का अग्रदूत बना. 1978 में भौतिकी के नोबेल विजेता सर नेविल मोट ने कहा था कि बोस अपने समय से 60 साल आगे थे.

15. फाइबर ऑप्टिक्स
क्या आप ऐसी दुनिया की कल्पना कर सकते हैं जहां आप अपने दोस्त की बिल्ली का प्यारा वीडियो या अपने ईमेल के इनबॉक्स में मर्दानगी बढ़ाने वाले उत्पादों के लेटेस्ट ऑफर न देख सकें? ज़ाहिर है जब इंटरनेट की दुनिया नहीं थी तो ये सारी चीज़ें संभव नहीं थीं. लेकिन फाइबर ऑप्टिक्स के आने बाद वेब, ट्रांसपोर्ट, टेलिफ़ोन संचार और मेडिकल की दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन आए.
नरिंदर सिंह कपानी पंजाब के मोगा में जन्मे एक भौतिक विज्ञानी थे. दुनिया भर में इन्हें ऑप्टिक्स फाइबर का जनक माना जाता है. 1955 से 1965 के बीच नरिंदर सिंह ने कई टेक्निकल पेपर लिखे. इनमें से एक पेपर 1960 में साइंटिफिक अमरीकन में प्रकाशित हुआ था. इस पेपर ने फाइबर ऑप्टिक्स को स्थापित करने में मदद की थी।

16. सांप सीढ़ी-
आज के आधुनिक कंप्यूटर गेम्स को भारत के सांप-सीढ़ी खेल से प्रेरित कहा जाता है. भारत का यह खेल इंग्लैंड में काफ़ी लोकप्रिय हुआ. इस खेल की उत्पति का संबंध हिन्दू बच्चों में मूल्यों को सिखाने के तौर पर देखा जाता है. यहां सीढ़ियों को सदाचार और सांप को शैतान के रूप में देखा जाता है. 19वीं शताब्दी में जब यह औपनिवेशिक भारत में आया तो ब्रिटिश बाज़ार में इससे नैतिकता वाले पक्षों को हटा दिया गया था।

17. USB पोर्ट-
यूएसबी यानी यूनिवर्सल सीरियल बस पोर्ट की खोज से हमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से जुड़ने में मदद मिली. इससे उस शख्स की भी ज़िंदगी बदल गई जिसने इसे बनाने में मदद की. उस शख्स का नाम अजय भट्ट है. 1990 के दशक में भट्ट और उनकी टीम ने डिवाइस पर जब काम शुरू किया तो उस दशक के आख़िर तक कंप्यूटर कनेक्टिविटी के लिए यह सबसे अहम फीचर बन गया था. भारत में जन्मे इस खोजकर्ता को इस मामले में सार्वजनिक तौर पर पहचान तब मिली जब 2009 में इंटेल के लिए एक टेलीविजन विज्ञापन आया. इसके बाद ग़ैर-यूरोपियन श्रेणी में 2013 में भट्ट को यूरोपियन इन्वेंटर अवॉर्ड से नवाजा गया।

18. फ्लश टॉयलेट्स
पुरातात्विक सबूतों से साफ़ पता चलता है कि फ्लशिंग शौचालय सिंधु घाटी सभ्यता में मौजूद था। कांस्य युगीन सभ्यता का यह इलाक़ा बाद में कश्मीर बना. यहां जलाशय और सीवेज काफ़ी व्यवस्थित क्रम में थे। आज भी प्रचलित भाषा मे यूपियन स्टाइल और भारतीय स्टाइल शौचालय की बात की जाती है।

19. कबड्डी-
कब्बडी जैसे खेल की शुरुआत भी भारत से ही मानी जाती है।

20. त्रिभुज का क्षेत्रफल-
त्रिकोण का क्षेत्रफल निकालने का सूत्र आर्यभट्ट ने दिया।

21. पहली बीमा योजना दी

बीमा व्यवस्था भारत में हजारों साल पहले योगक्षेमं नाम से लागू थी। कौटिल्य अर्थशास्त्र में उत्तम माल ले जाने वाले जहाजों पर इस व्यवस्था लागू होने का उल्लेख है। तब राजा व्यापारियों से शुल्क लेकर उनका माल  चोरी या नष्ट होने पर मुआवजा देते थे। 

एक टिप्पणी भेजें

If you have any idea or doubts related to science and society please share with us. Thanks for comments and viewing our blogs.

और नया पुराने