एंजियोग्राफी (Angiography) क्या है?

एंजियोग्राफी क्या है?
Om Prakash Patidar
Shajapur

एंजियोग्राफी (Angiography) रक्त वाहिनी नलिकाओं धमनी एवं शिराओं का एक प्रकार का एक्सरे जैसा चिकित्सकीय अध्ययन है, जिसका प्रयोग हृदय रोगकिडनी संक्रमण, ट्यूमर एवं खून का थक्का जमने आदि की जाँच करने में किया जाता है। एंजियोग्राफ में रेडियोधर्मी तत्व या डाई का प्रयोग किया जाता है, ताकि रक्त वाहिनी नलिकाओं को एक्स रे द्वारा साफ साफ देखा जा सके। एंजियोग्राफी के बाद बीमारी से ग्रसित धमनियों को एंजियोप्लास्टी द्वारा खोला जाता है।

इस तकनीक का उपयोग रक्‍त वाहिकाओं में अवरोध होने की स्थिति में या ऐसी आशंका होने पर किया जाता है। इसकी सहायता से हृदय की धमनी में किसी रुकावट या सिकुड़न की जानकारी का तुरंत पता चल जाता है। एंजियोग्राफी से अवरोधित धमनियों का पता चलने के बाद सर्जन उन धमनियों को एंजियोप्लास्टी द्वारा खोल देता है। उपचार के बाद रोगी के हृदय की बंद धमनियों में खून का प्रवाह सामान्‍य हो जाता है और रोगी को आराम मिल जाता है। इसकी सहायता से हृदयाघात और हृदय संबंधित अन्य बीमारियों के उपचार में मदद मिलती है। रोगी की एंजियोग्राफी करने से पहले उसे एनेस्थीसिया दिया जाता है और फिर आवश्यक उपकरणों की सहायता से एंजियोग्राफी की जाती है।

कोरोनेरी एं‍जियोग्राफी प्रक्रिया

हृदय कैथीटेराइजेशन प्रक्रिया से दिल और रक्‍त वाहिनियों दोनों की स्थिति का पता लगाकर इलाज किया जा सकता है। वहीं कोरोनरी एं‍जियोग्राफी प्रक्रिया दिल की स्थिति का पता लगाने में मदद करती है। यह हृदय की कैथेटर प्रक्रिया का सबसे आम प्रकार है। कोरोनेरी एं‍जियोग्राफी करने के लिए विशेष प्रकार की डाई रोगी के दिल की रक्‍त वाहिकाओं में डाली जाती है। इस डाई को एक्स-रे मशीन की सहायता से देखा जा सकता है। इसके बाद एक्स-रे मशीन तेजी से रोगी की रक्‍त वाहिकाओं के अंदर विस्तृत दृष्टि डाल कर छवियों की श्रृंखला बना लेती है। छवियों की इस सीरीज को एंजियोग्राम्स कहते हैं। यदि जरूरत महसूस होती है तो आपका चिकित्‍सक कोरोनेरी एं‍जियोग्राफी के दौरान ही एंजियोप्लास्टी भी कर सकता है। कोरोनेरी एं‍जियोग्राफी करने के लिए डॉक्‍टर रोगी के हाथ या कमर को सुन्न करने वाली दवा (एनेसथीसिया) दें कर सुन्न करता है। इसके बाद कार्डियोलोजिस्ट कैथेटर नामक पतली खोखली ट्यूब को धमनी के माध्यम से गुजारता है और हृदय की तरफ खिसकाता है। एक्स-रे छवियां चिकित्सक को कैथेटर की सही स्थिति बनाने में मदद करती हैं। जब कैथेटर उचित स्थान पर पहुंच जाता है तो डाई को कैथेटर में छोड़ दिया जाता है। अब एक्स-रे छवियां धमनी के माध्यम से डाई की गतिविधि को देखती हैं और खाका तैयार कर लेती है। डाई रक्‍त प्रवाह में किसी रुकावट को उजागर कर दिखाने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में आधे से एक घंटे तक का समय लगता है।
कोरोनेरी एं‍जियोग्राफी क्यों की जाती है 
यदि आपको निम्नलिखित में से कोई समस्या है तो कोरोनरी एंजियोग्राफी की जा सकती है-
  • पहली बार एनजाइना होने पर
  • यदि एनजाइना गंभीर हो गया है और इसमें आराम न होने पर या एनजाइना के बार-बार होने पर
  • सीने में तीव्र दर्द (परीक्षणों के सामान्य होने की स्थिति में भी)
  • दिल की सर्जरी होने पर व आपको कोरोनरी धमनी रोग का जोखिम होने पर
  • दिल की विफलता
  • हाल ही में दिल का दौरा पड़ा हो


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