कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography) क्या है?
Om Prakash Patidar
सीटी स्कैन या कम्प्यूटेड टोमोग्राफी एक चित्रांकन विश्लेषण है, जो एक्स-रे का ही एक रूप है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें रोगी को लिटाकर प्रभावित अंग की जांच के रूप में कई त्रि-आयामी (3D) चित्र लिए जाते हैं। स्कैनर का हर एक रोटेशन, अंग की एक हल्की तस्वीर दिखाता है।
सीटी स्कैन (CT Scan) की कुछ विशेष निरीक्षणों में, विशेष डाई का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिसे जांच के दौरान मरीज की नसों या शरीर के अन्य भागों में बेहतर चित्रों को देखने के लिए लगाया जाता है। इसके अलावा कुछ प्रक्रिया से पहले दवा भी खिलाई जाती है, जो शरीर के अंगों को देखने में आसानी से मदद करती है।
सीटी स्कैन (Uses of CT Scan) का इस्तेमाल शरीर के विभिन्न अंगों जैसे छाती या सीना, पेट, कमर, हाथ या पैर आदि से संबंधित बीमारियों के लक्षणों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह जांच रक्त वाहिकाओं, हड्डियों और रीढ़ की हड्डी का भी अध्ययन करती है।
सीटी स्कैन में फ्लोरोस्कोपी सीटी स्कैन एक विशेष परीक्षण है, जो आसानी से हर जगह नहीं हो सकता। इस निरीक्षण के लिए शरीर के भीतर हो रही समस्या को देखने के लिए एक्स-रे की एक स्थिर बीम (रोशनी) का उपयोग किया जाता है, जो शरीर के भीतरी अंगों की मूवमेंट और उनके स्थान को देखने में मदद करती है।
क्यों करवाएं कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (Why Computed Tomography Is Done)
सीटी स्कैन या कम्प्यूटेड टोमोग्राफी जांच के द्वारा शरीर की विभिन्न परेशानियों का पता लगाया जा सकता है। निम्नलिखित अंगों क़े सीटी स्कैन से जिन चीजों का टेस्ट होता है वह हैं:
छाती (Chest):- छाती या सीने का सीटी स्कैन फेफड़े, दिल, घेंघा, नसों या छाती में आई सूजन या किसी प्रकार के संक्रमण को जानने के लिए किया जाता है। सीने की समस्या यानि फेफड़ों के कैंसर, सीने की समस्या या फेफड़े के कैंसर, दिल की परेशानी, छाती में संक्रमण आदि का पता लगाने में सीटी स्कैन बेहद महत्वपूर्ण साबित होती है।
पेट (Abdomen):- अल्सर, फोड़े, संक्रमण, ट्यूमर, धमनी- विस्फार, सूजन, आंत्र रोग, पथरी, पेट में खून के बहने या पेट से जुड़ी किसी भी अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए पेट का सीटी स्कैन किया जाता है।
मूत्र मार्ग (Urinary Tract):- इस जांच में किडनी और मूत्राशय का सीटी स्कैन किया जाता है, जिसे CT KUB (Kidneys, Ureters & Bladder) या सीटी यूरोग्राम (Urogram) भी कहा जाता है। इस तरह की जांच मुख्य रूप से गुर्दे की पथरी, मूत्राशय की पथरी या मूत्रमार्ग में अवरोध जैसी समस्याओं का पता लगाती है।
लिवर (Liver):- लिवर के सीटी स्कैन से, लिवर में ट्यूमर, रक्तस्राव (खून बहने) या लिवर से जुड़े अन्य रोगों का पता लगाया जाता है। इसके अलावा यह जांच पीलिया (Jaundice) के लक्षणों का पता लगाने में भी मदद करता है।
अग्न्याशय (Pancreas):- अग्न्याशय में ट्यूमर, अग्न्याशय में सूजन या अग्नाशयशोथ जैसी समस्याओं का पता लगाने के लिए, डॉक्टर की सलाह पर अग्न्याशय का सीटी स्कैन किया जाता है।
पित्ताशय की थैली और पित्त नलिकाएं (Gallbladder and Bile Ducts):- पित्ताशय की थैली और पित्त नलिकाओं की जांच द्वारा पित्त नलिकाओं में उत्पन्न अवरोध, पित्ताशय की पथरी व अन्य रोगों का निरीक्षण किया जाता है। खासतौर पर यह जांच पित्ताशय की पथरी के लिए ही की जाती है।
तिल्ली (Spleen):- इस प्रकार की जांच में तिल्ली का आकार या उस पर पढ़ रहे दुष्प्रभाव का निरीक्षण किया जाता है। तिल्ली पेट के ऊपरी क्षेत्र में होती है। यह खून से अशुद्धियों और मृत रक्त कोशिकाओं को दूर करती है। साथ ही यह शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाने में सहायता प्रदान करती है।
श्रोणि (Pelvis):- श्रोणि यानि कोख की सीटी स्कैन जांच में श्रोणि के अंगों की समस्याओं का विश्लेषण किया जाता है। यह प्रक्रिया महिला और पुरुषों दोनों में ही भिन्न- भिन्न रूप से होती है। पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि व वीर्य पुटिका और महिलाओं में गर्भाशय, अंडाशय आदि की जांच की जाती है।
हाथ या पैर (Arm or Leg):- सीटी स्कैन या कम्प्यूटेड टोमोग्राफी प्रक्रिया में हाथ- पैरों से संबंधित समस्याओं की जांच की जाती है, जिसमें कंधे, कोहनी, कलाई, कूल्हे, घुटने, टखने आदि शामिल होते हैं।
ऊपर दिये गए सभी अंगों के सीटी स्कैन या कम्प्यूटेड टोमोग्राफी जांच, डॉक्टर के निर्देश पर की जाती है। ऊपर दिये गए सभी निरीक्षणों के अलावा यह जांच शरीर में कैंसर जैसी समस्या की भी पता लगाता है। इसके माध्यम से कैंसर का स्तर और प्रभाव देखा जा सकता है।

