क्या है आसमानी बिजली?

आसमानी बिजली (Lightning) क्या है?


एक बिजली जहां जीवन में रौशनी लाती है, वहीं आसमानी बिजली की कौंध इंसानी जीवन में अंधेरा लेकर आती है. आम लोग इसे दैवीय आपदा समझ सहम जाते हैं, लेकिन सच ये है कि  आसमानी बिजली के पीछे एक वैज्ञानिक तथ्य है. बिजली बनने व उसके गिरने की प्रक्रिया आदि पूर्ण रूप से एक वैज्ञानिक तथ्य है. इस बारे में दुनिया भर में अध्ययन हो रहे हैं. आसमानी बिजली से जान माल के नुकसान से बचने के लिए वैज्ञानिक उपाय भी बताते हैं. 
क्या है आसमानी बिजलीः जब ठंडी हवा संघनित होकर बादल बनाती है, तब इन बादलों के अंदर गर्म हवा की गति और नीचे ठंडी हवा होने से बादलों में धनावेश ऊपर की ओर एवं ऋणावेश नीचे की ओर होता है. बादलों में इन विपरीत आवेशों की आपसी क्रिया से विद्युत आवेश उत्पन्न होता है, जिससे आसमानी बिजली उत्पन्न होती है. बादलों के अंदर विद्युत आवेश की मात्रा को फिल्ड मिल नामक यंत्र से मापा जाता है. बादलों की टकराहट या उनमें उपस्थित जल कणों के आपस में टकराने से बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है. बिजली गिरने की अधिकतर घटनाएं किसी पेड़ या बिजली के खंभे के आसपास होती हैं. बादलों के अंदर उत्पन्न आवेश धरती की ओर आता है, तब इससे भवन ऐर विद्युत उपकरण क्षतिग्रस्त होने की आशंका रहती है. आसमानी बिजली गिरने पर बहुत अधिक मात्रा में विद्युत धरती में पहुंचता है. धातुएं विद्युत की अच्छी चालक होती हैं, इसलिए इस घटना के दौरान विद्युत उपकरणों के क्षतिग्रस्त होने का अधिक खतरा रहता है. बिजली में कुछ हजार से लेकर करीब दो लाख एम्पियर तक का धारा प्रवाह हो सकता है.
बिजली के प्रकारः बिजली के कई प्रकार होते हैं. एक है विस्तृत बिजली. विस्तृत बिजली काफी विस्तृत क्षेत्र पर होती है और इसका अविरल प्रकाश बादलों पर काफी दूर तक फैल जाता है. बिजली के दूसरे प्रकार को धारीदार या रेखावर्ण बिजली कहते हैं. इसमें एक या अधिक प्रकाश रेखाएं, सीधी या टेढ़ी इधर-उधर दौड़ती हुई प्रतीत होती हैं. इसमें विद्युत विसर्जन बादल से बादल में, बादल से धरती में अथवा बादल से वायुमंडल के बीच होता है. तीसरे प्रकार की बिजली को गेंद बिजली कहते हैं. यह गेंद की शक्ल में धरती की तरफ आती है. जैसे-जैसे यह धरती की ओर आती है, इसकी गति कम होती जाती है.
कैसे बचें आसमानी बिजली सेः जब बिजली गिरने की आशंका हो या गिर रही होे तब जंगल में पेड़ के नीचे न खड़े हों. बिजली के खंभों और वृक्षों से दूर रहें. धात्विक वस्तुओं से भी दूरी बनाए रखें. विद्युत उपकरणों का उपयोग न करें.
आपातस्थिति को छोड़कर मोबाइल, टेलीफोन का उपयोग नहीं करें. जंगल में होने पर निचले स्थान या घाटी क्षेत्र में रहें, लेकिन वहां आकस्मिक बाढ़ से भी सावधान रहें. किसी पहाड़ी की चोटी पर खड़े न हों. किसी जल स्रोत में तैर या नहा रहे हों तो उससे निकल कर भूमि पर आ जाएं. यदि आपके सिर के बाल खड़े हो रहे हों तो आपके आसपास खतरा हो सकता है. किसी अनहोनी से बचने के लिए अपने हाथों से बालों को ढककर सिर को घुटनों में छुपा लें. विद्युत से बचाव के लिए भवनों, सार्वजनिक इमारतों के ऊपर तड़ित चालक लगवाना चाहिए. बिजली गिरने के बाद तुरंत बाहर न निकलें. अधिकतर मौत र्तूेंान गुज़र जाने के 30 मिनट बाद तक बिजली गिरने से होती है. अगर बादल गरज रहे हों, और आपके रोंगटे खड़े हो रहे हैं तो ये इस बात का संकेत है कि बिजली गिर सकती है. ऐसे में नीचे दुबककर पैरों के बल बैठ जाएं, अपने हाथ घुटने पर रख लें और सर दोनों घुटनों के बीच. इस मुद्रा में आपका ज़मीन से कम से कम संपर्क होगा. छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें. धातु के  माध्यम से बिजली आपके शरीर में घुस सकती है.

ऐसे बच सकते हैं आसमानी बिजली गिरने के दुष्प्रभाव से –
  • घर में अर्थिंग वाला तार जरूर लगाएं।
  • जब भी आंधी तूफ़ान आये और आसमान में घने बादल मंडराएं तो अपने घर के इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे टीवी, रेडियो, कंप्यूटर आदि के पॉवर प्लग निकाल दें।
  • जहाँ तक हो अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर दें।
  • फर्श या जमीन पर चलते समय अपने पैरों में रबर की चप्पल पहन के रखें।
  • ऐसे मौसम में बिजली के उपकरणों को बंद कर दें और उससे दूर रहें।
  • बारिश के मौसम में जब बिजली कड़क रही हो तो पेड़ के नीचे या खुले मैदान में ना जाएं।
आपको बता दें की किसी व्यक्ति पर बिजली गिरने से सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव उसके सिर, कंधे और गले पर पड़ता है। बिजली गिरने की सबसे ज्यादा संभावना दोपहर के समय होती है। बिजली गिरने से होने वाले दुष्प्रभावों का असर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों पर ज्यादा होता है।
पीड़ित व्यक्तिकी कैसे करें मददः 
अगर किसी पर बिजली गिर जाए, तो तत्काल डॉक्टर की मदद मांगें. ऐसे लोगों को छूने से आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. अगर किसी पर बिजली गिरी है तो तत्काल उसकी नब्ज जांचें और अगर आप प्रथम उपचार देना जानते हैं तो अवश्य दें. बिजली गिरने से अक्सर दो जगहों पर जलने की आशंका रहती है. एक तो वो जगह जहां से बिजली का झटका शरीर में प्रवेश किया और जिस जगह से उसका निकास हुआ जैसे पैर के तलवे. ऐसा भी हो सकता है कि बिजली गिरने से व्यक्ति की हड्डियां टूट गई हों या उसे सुनना या दिखाई देना बंद हो गया हो. इसकी जांच कर नजदीकी चिकित्सक के पास पहुंचाएं.

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