शुभ दीपावली


पर्व है पुरुषार्थ का
दीप के दिव्यार्थ का 
🔖🔖🔖
देहरी पर दीप एक जलता रहे
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे

हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा 
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा 

दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है 

आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए 
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!

झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना 
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!
शुभेच्छु
ओम प्रकाश पाटीदार

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