पिन कोड क्या है?


आज 10 अक्टूबर राष्ट्रीय डाक दिवस पर पर डाक सेवा एवं 
पिन कोड सिस्टम के बारे में जानकारी


संकलन
ओम प्रकाश पाटीदार
शाजापुर




डाकघर (post office) एक सुविधा है जो पत्रों को जमा करने (पोस्ट करने), छांटने, पहुंचाने आदि का कार्य करती है। यह एक डाक व्यवस्था (postal system) के तहत काम करता है।
1766 : लार्ड क्लाइव द्वारा प्रथम डाक व्यवस्था भारत में स्थापित
1774 : वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता में प्रथम डाकघर स्थापित किया
1786 : मद्रास प्रधान डाकघर की स्थापना
1793 : बम्बई प्रधान डाकघर की स्थापना
1854 : भारत में पोस्ट ऑफिस को प्रथम बार 1 अक्टूबर 1854 को राष्ट्रीय महत्व के प्रथक रूप से डायरेक्टर जनरल के संयुक्त नियंत्रण के अर्न्तगत मान्यता मिली। 1 अक्टूबर 2004 तक के सफ़र को 150 वर्ष के रूप में मनाया गया। डाक विभाग की स्थापना इसी समय से मानी जाती है।


भारत मे डाक सेवा का इतिहास

1863 : रेल डाक सेवा आरम्भ की गयी
1873 : नक्काशीदार लिफाफे की बिक्री प्रारंभ
1876 : भारत पार्सल पोस्टल यूनियन में शामिल
1877 : वीपीपी (VPP) और पार्सल सेवा आरम्भ
1879 : पोस्टकार्ड आरम्भ किया गया
1880 : मनीआर्डर सेवा प्रारंभ की गई
1911 : प्रथम एयरमेल सेवा इलाहाबाद से नैनी डाक से भेजी गई
1935 : इंडियन पोस्टल आर्डर प्रारंभ
1972 : पिन कोड प्रारंभ किया गया
1984 : डाक जीवन बीमा का प्रारंभ
1985 : पोस्ट और टेलिकॉम विभाग प्रथक किये गए
1986 : स्पीड पोस्ट (EME) सेवा शुरू
1990 : डाक विभाग मुंबई व चेन्नई में दो स्वचालित डाक प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किये गए
1995 : ग्रामीण डाक जीवन बीमा की शुरुआत
1996 : मीडिया डाक सेवा का प्रारंभ
1997 : बिजनेस पोस्ट सेवा को प्रारंभ किया गया
1998 : उपग्रह डाक सेवा शुरू
1999 : डाटा डाक व एक्सप्रेस डाक सेवा प्रारंभ
2000 : ग्रीटिंग पोस्ट सेवा प्रारंभ
2001 : इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रान्सफर सेवा (EFT) प्रारंभ
3 जनवरी 2002 : इन्टरनेट आधारित ट्रैक एवं टेक्स सेवा की शुरुआत
15 सितम्बर 2003 : बिल मेल सेवा प्रारंभ
30 जनवरी 2004 : ई-पोस्ट सेवा की शुरुआत
10 अगस्त 2004 : लोजिस्टिक्स पोस्ट सेवा प्रारंभ की गई
डाक सूचक संख्या या पोस्टल इंडेक्स नंबर (लघुरूप: पिन नंबर) एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से किसी स्थान विशेष को एक विशिष्ट सांख्यिक पहचान प्रदान की जाती है। भारत में पिन कोड में 6 अंकों की संख्या होती है और इन्हें भारतीय डाक विभाग द्वारा छांटा जाता है। पिन प्रणाली को 15 अगस्त 1972 को आरंभ किया गया था।


भारत में पिनकोड का वितरण

भारत में 9 पिन क्षेत्र हैं। पिनकोड का पहला अंक भारत (देश) के क्षेत्र को दर्शाता है। पहले 2 अंक मिलकर इस क्षेत्र में उपस्थित उपक्षेत्र या डाक वृतों मे से किसी एक डाक वृत को दर्शातें हैं। पहले 3 अंक मिलकर छंटाई/राजस्व जिले को दर्शाते हैं जबकि अंतिम 3 अंक सुपुर्दगी करने वाले डाकखाने का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये सांख्यिक कूट भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार डाक को छांटने का कार्य अत्यन्त सरल बना देते हैं।
भारत में निम्नलिखित 9 पिन क्षेत्र हैं :

भारत में क्षेत्रवार पिन कोड का वितरण

पिन कोड 1 
भारत क्षेत्र

पिन कोड 2 
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड

पिन कोड 3
राजस्थान, गुजरात, दमन और दीव, दादर और नगर हवेली

पिन कोड 4
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गोवा

पिन कोड 5
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, यनाम (पुदुचेरी का एक जिला)

पिन कोड 6
केरल, तमिनलाडु, पुदुचेरी (यनाम जिले के अलावा), लक्षद्वीप

पिन कोड 7
पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, मेघालय, अंडमान और निकोबार दीप समूह

पिन कोड 8
बिहार, झारखण्ड

पिन कोड 9
सैन्य डाकखाना (एपीओ) और क्षेत्र डाकखाना (एफपीओ)


साभार
भारतीय
डाक विभाग एवं विकिपीडिया

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