कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (CCMB)हैदराबाद

कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (CCMB)हैदराबाद


सीसीएमबी आधुनिक जीवविज्ञान के अग्रगामी क्षेत्रों में शोध करने वाला एक प्रमुख अनुसंधान संगठन है । इस केन्द्र के उद्देश्यों में उच्च गुणवत्ता का आधारभूत अनुसंधान, आधुनिक जीवविज्ञान के अग्रगामी क्षेत्रों में प्रशिक्षण एवं जीवविज्ञान के अंतर्विषयी क्षेत्रों में नई आधुनिक तकनीकों के लिए केन्द्रीकृत राष्ट्रीय सुविधाओं को बढ़ावा देना शामिल है । 

आरंभ में सीसीएमबी की स्थापना दिनांक 01 अप्रैल, 1979 को, उस समय की क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला (वर्तमान में भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिक संस्थान) के जैव रसायन प्रभाग के अंतर्भाग के रूप में की गई और डॉ. पीएम भार्गव इस केन्द्र के प्रमुख थे । इसके पूर्व, देश भर में 44   शोध संस्थानों को स्थापित करने वाली शीर्ष संस्था वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) को इसके शासकीय मंडल द्वारा वर्ष 1978 में आधुनिक जीवविज्ञान के क्षेत्र में अग्रगामी एवं बहु-आयामी शोधकार्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस केन्द्र की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । वर्ष 1981-82 के दौरान सीसीएमबी को एक पूर्ण विकसित राष्ट्रीय प्रयोगशाला का दर्जा दिया गया जो अपनी कार्यकारिणी समिति एवं वैज्ञानिक परामर्शदात्री परिषद् से युक्त था । इसे विस्तार रूप देने की योजनाओं के उद्देश्य से इसे एक विस्तृत परिसर में एक पुन:स्थापित करने का निर्णय लिया गया ।

  • आधुनिक जीवविज्ञान के क्षेत्र में अग्रगामी एवं बहुआयामी शोधकार्य उनके संभावित अनुप्रयोगों की खोज करना ।
  • आधुनिक जीवविज्ञान के अग्रणी क्षेत्र में लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करना जिससे इन क्षेत्रों में विकास की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इसके अंतर्गत, विशेषतौर पर ऐसी तकनीकों के बारे में अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं को अल्पकालिक प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल है जो अन्यत्र कहीं भी उपलब्ध नहीं हैं ।
  • जीवविज्ञान क्षेत्र के अंतर्गत अंतर्विषयी शोधकार्यों के लिए नई एवं आधुनिक तकनीकों के लिए देश में केन्द्रीकृत सुविधा प्रदान करना और इस बात को सुनिश्चित करना कि ये सुविधाएं सुनियोजित, सुव्यवस्थित एवं प्रभावी हों, जिससे देश के अन्य संस्थानों एवं प्रयोगशालाओं के शोधकर्ताओं द्वारा इन्हें भरपूर उपयोग में लाया जा सके ।

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