ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) क्या होता है ?
Om Prakash Patidar
हमारी रक्त वाहिनियों (धमनियों तथा शिराओं) पर पड़नेवाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं. डॉक्टर इसे मापने के लिए एक मशीन का इस्तेमाल करते हैं जिसे स्फिग्नोमैनोमीटर कहते हैं. रबर के ब्लैडर को दबाने पर पट्टा बांह में कसता है और प्रेशर रिलीज करने पर जब डॉक्टर या जांच करनेवाले को आले में टिकटिक की आवाज़ सुनाई देती है तो पारे के गिरते लेवल से दो आँकड़े मिलते हैं.
(Normal Blood pressure) आदर्श ब्लड प्रेशर 120/80 माना जाता है. इसमें पहली संख्या को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशरकहा जाता है क्योंकि यह हृदय के धड़कने (सिस्टोल) के समय के ब्लड प्रेशर को दिखाता है. दूसरी संख्या को डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं क्योंकि हृदय के तनाव-मुक्त रहने के समय के ब्लड प्रेशर की सूचना देता है. ब्लड प्रेशर को पारे के स्तंभ में मिलीमीटर में मापा जाता है. ब्लड प्रेशर के140/90 से ज़्यादा होने पर उसे हाईपरटेंशन (Hypertension) की अवस्था मानते हैं. इसे ही हम ब्लड प्रेशर कहते हैं.
रक्तचाप बढ़ने के कारण Causes of High Blood pressure
– रक्तचाप बढ़ने के कई कारण हैं. आनुवांशिकता, नमक, मोटापा, तनाव,गर्भावस्था, धूम्रपान, शराब, किडनी के रोग, डायबिटीज (Diabetes), जंकफूड,गर्भनिरोधक गोलियों (contraceptive pills), आधुनिक व आरामतलब जीवनशैली, हार्मोनल गड़बड़ियां आदि ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं. भोजन में अधिक मात्रा में नमक लेने से कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.
– रक्त वाहिनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से धमनियाँ संकरी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. मोटे लोगों को भी हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा रहता है. धूम्रपान करनेवालों को भी इसका रिस्क होता है. अधिक मात्रा में चाय, कॉफी पीने तथा सोडा ड्रिंक्स में मिले कैफीन से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. बहुत अधिक तनावग्रस्त रहने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.
HYPERTENSION (उच्च रक्तदाब) लक्षण है-
Hypertension का ज़्यादातर लोगो में कोई खास लक्षण नहीं होते है। कुछ लोगो में ज्यादा Blood Pressure बढ़ जाने पर सरदर्द होना, ज़्यादा तनाव, सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना या धुंदला दिखाई देना जैसे लक्षण दिखाई देते
"निम्न रक्तचाप के कारण कारण Causes of Low blood pressure हमारे गलत खान पान और रहन सहन के कारण हम लोग लो ब्लड प्रेशर के शिकार हो जाते हैं। आज हम इसी विषय पर विस्तृत चर्चा करते हैं। हमारे दिल से सारे शरीर को साफ खून की सप्लाई लगातार होती रहती है। अलग-अलग अंगों को होने वाली यह सप्लाई आर्टरीज (धमनियों) के जरिए होती है। ब्लड को प्रेशर से सारे शरीर तक पहुंचाने के लिए दिल लगातार सिकुड़ता और वापस नॉर्मल होता रहता है - एक मिनट में आमतौर पर 60 से 70 बार। जब दिल सिकुड़ता है तो खून अधिकतम दबाव के साथ आर्टरीज में जाता है। इसे सिस्टोलिक प्रेशर कहते हैं। जब दिल सिकुड़ने के बाद वापस अपनी नॉर्मल स्थिति में आता है तो खून का दबाव आर्टरीज में तो बना रहता है, पर वह न्यूनतम होता है। इसे डायास्टोलिक प्रेशर कहते हैं। इन दोनों मापों - डायास्टोलिक और सिस्टोलिक को ब्लड प्रेशर कहते हैं। ब्लड प्रेशर दिन भर एक-सा नहीं रहता। जब हम सोकर उठते हैं तो अमूमन यह कम होता है। जब हम शारीरिक मेहनत का कुछ काम करते हैं जैसे तेज चलना, दौड़ना या टेंशन, तो यह बढ़ जाता है। बीपी मिलीमीटर्स ऑफ मरकरी (mm/Hg) में नापा जाता है।
दरअसल निम्न रक्तचाप में रक्त का प्रवाह बहुत धीमा पड़ जाता है अर्थात् ऊ पर का रक्तचाप सामान्य से घटकर 90 अथवा 100 रह जाए तथा नीचे का रक्चाप 80 से घटकर 60 रह जाए, ऐसी स्थिति को निम्न रक्तचाप कहते है। दौर्बल्य, उपवास, भोजन तथा जल की कमी, अधिक शारीरिक तथा मानसिक परिश्रम, मानसिक आघात तथा अधिक रक्त बहने की दशा में यह रोग हो जाता है। निम्न रक्तचाप में नब्ज धीमी पड़ जाती है, थोड़ा सा परिश्रम करने पर रोगी थक जाता है। शरीर का दुर्बल होना, आलस्य अनुत्साह, शक्ति का घटते जाना, बातें भूल जाना, मस्तिष्क अवसाद, विस्मृति, थोड़ी सी मेहनत में ही चिड़चिड़ाहट, सिर दर्द, सिर चकराना आदि इसके लक्षण होते है।
निम्न रक्तदाब के लक्षण
लो बीपी में नाड़ी की गति धीमी होने लगती है।लो ब्लड प्रेशर होने पर बिस्तर से उठकर खड़े होने पर आँखों के सामने अंधेरा छा जाता है और चक्कर से आने लगते है।अत्यधिक शारीरिक थकान का अनुभव होना।खून की कमी के कारण निम्न रक्तचाप की समस्या होती है।थकान और कमजोरी महसूस होना व चक्कर आना लो बीपी का लक्षण है।लो ब्लड प्रेशर होने पर चेहरे पर फीकापन और आँखों लाल हो जाती है।धुंधला दिखाई देना और डिप्रेशन से घिर जाना निम्न रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है।निम्न रक्तचाप में हमेशा सिरदर्द बना रहता है।लो ब्लड प्रेशर होने पर दिल जोरों से धड़कता है और सारा शरीर पसीने से गीला हो जाता है।लो ब्लड प्रेशर होने पर काम को करने की इच्छा नहीं होती है।लो बी पी होने पर भूख नहीं लगती है।लो ब्लड प्रेशर होने पर प्यास अधिक लगती है, भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है।निम्न रक्तचाप में रोगी को अधिक प्यास लगती हैं और नाड़ी की गति धीमी हो जाती है।
निम्नरक्तदाब हेतु उपचार
अपने खाने में सेंधा नमक का सेवन करें।नियमित ३-6 लीटर पानी पिने की आदत डाले।दूध से बानी चीजे खाएं लेकिन अगर आपका कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ हो तो घी, मक्खन व मलाई से परहेज करे।मिट्टी के बर्तन में रातभर किशमिश को भिगोकर रखें। सुबह किशमिश चबा- चबाकर खाएं और पानी पी लें।टमाटर भी रक्तचाप के लिए फायदेमंद है।
