जैविक घड़ी (Biological Clock) क्या है?

क्या है बॉडी क्लाक या जैविक घड़ी?
(What is 'Body Clock' 'Circadian Rhythms' ?)
ओम प्रकाश पाटीदार
शाजापुर 

बॉडी क्लाक या जैविक घड़ी नियंत्रित करता है प्रतिरक्षा नियंत्रण की कमी और अधिकता
यह नया अध्ययन महत्वपूर्ण जैविक क्रिया को बताता है जिसे मेडिकल की भाषा में'शरीर घडी'या'जैवलय' 'जैविक घड़ी' कहते हैं। अंग्रेजी में इसे'Body Clock' 'Circadian Rhythms' 'Biological Rhythms'या 'Biological Clock' कहा जाता है। हमारा शरीर जैवलय के अनुरूप कार्य करता है जिसमे रात्री2बजे हम गहरी नींद में होते हैं प्रातः4.30बजे हमारे शरीर का तापमान न्यूनतम होता है6.45प्रातः रक्तचाप बढोतरी शुरू होती है फिर हारमोन स्रावण शिथिल, 10बजे प्रातः हमारा शरीर उच्च सतर्कता स्तर पर होता है और बाद दोपहर तीव्र समन्वयन क्षमता पर होता है।3.30बजे दिन में तीव्र प्रतिक्रिया समय होता है। उसके बाद5बजे उच्च दक्षता युक्त ह्रदय कार्य क्षमता और मांसपेशीय मजबूती होती है तत्पश्चात6.30सायं उच्च रक्तचाप सीमा व7सायंकाल उच्च शारीरिक तापमान स्तिथि होती है। 9रात्री हारमोन स्रावण अधिक और आंतीय हलचल धीमी होनी शुरू हो जाती है। इस24घंटे की जैविक प्रक्रिया को  'जैवलय' या'जैविक घड़ी' कहते हैं। एक नए अध्ययन से पता चला है कि हमारी शारीरिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की उच्च और निम्न स्तिथि इसी  'जैवलय' या'जैविक घड़ी'पर बहुत निर्भर करती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि हम कम नींद लेते हैं तो हमारी  'जैवलय' प्रभावित होती है साथ साथ हमारी शारीरिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी प्रभावित होती है।
इस अध्ययन से कमजोर प्रतिरक्षा वाले रोगियों के लिए बेहतर ढंग से उपचारात्मक रणनीति बनाई जा सकेगी।
24घंटे के दैनिक चक्र'सिकेडीयन क्लाक'के रूप में जाना जाता है येल विश्वविद्यालय के स्कूल आफ मेडिसिन के वरिष्ठ लेखक ऑथर डा. इरोल फाईक्रिग के अनुसार " नींद के आभाव में हमारी दैनिक लय बिगड़ने से हमारी शारीरिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रभावित होती है"
अपने अध्ययन में शोधदल के सदस्यों की रूचि 'सिकेडीयन नियंत्रण'के अंतर्गत प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा रोगजनक कारक और बावक्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का पता लगाने में थी। डा. फाईक्रिग और सहयोगियों ने क्षतिकारक रिसेप्टर-9 (TLR9)की कार्य प्रणाली को समझा और पाया कि यह प्रतिरक्षा प्रोटीन जीवाणु और विषाणुDNAको पहचानता है जब शोधकर्ताओं ने चूहों का प्रतिरक्षण TLR9से किया तो उनमे  'सिकेडीयन क्लाक' 'जैवलय'नियंत्रित हुई और पाया कि TLR9 शारीरिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढाने का एक महत्वपूर्ण नमूना साबित हुआ। रोगग्रस्त मनुष्य में रात्री2से6बजे के बीच जान का खतरा अधिकतम होता है यह निष्कर्ष स्पष्ट करते हैं कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली और 'सिकेडीयन क्लाक' 'जैवलय'  के बीच सीधे आणविक लिंक हैं।
डा. इरोल फाईक्रिग ने और कहा कि गहन चिकित्सा कक्ष में रोगियों को अक्सर निद्रा गड़बड़ी कम या ज्यादा, शोर, प्रकाश व दवाओं के प्रयोग से बहुत परेशानी होती है अत् अब यह बहुत जरूरी हो जाता है कि शरीर कैसे TLR9इन कारकों को भी प्रभावित करेगा।
अमरीका के तीन वैज्ञानिकों जैफ्री सी हाल, माइकल रोसबाश तथा माइकल डब्ल्यू यंग को मानव शरीर की ‘आंतरिक जैविक घड़ी’ विषय पर किए गए उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए इस साल के चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। 

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