शुक्र और यूरेनस को छोड़कर सभी ग्रहों के घूर्णन और परिक्रमा की दिशा एक ही रहती है।
शुक्र और यूरेनस अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूर्णन करते हैं।
सामान्यतः ग्रह अपने तारे के घूर्णन की दिशा मे ही घूर्णन तथा परिक्रमा करते है। वैज्ञानिक इस ग्रह की ऐसी असामान्य परिक्रमा की दिशा की व्याख्या नही कर पा रहे है लेकिन उनके अनुसार ऐसा उस ग्रह के किसी और ग्रह से टकराने के पश्चात संभव है। किसी और महाकाय ग्रह से टक्कर होने के पश्चात ग्रह की परिक्रमा की दिशा बदल सकती है।
हमारे सौर मंडल मे सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा घड़ी के कांटो की विपरीत दिशा मे करते है, जो कि सूर्य के घूर्णन भी दिशा है। यह दिशा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के उपर से देखने से है। शुक्र और युरेनस को छोड़ कर सभी ग्रहो का घूर्णन भी इसी दिशा मे है। लेकिन शुक्र और युरेनस बाकि ग्रहो के विपरीत घड़ी के कांटो की दिशा मे घूर्णन करते है। कुछ क्षुद्रग्रह(लगभग 20) भी विपरीत दिशा मे परिक्रमा करते पाये गये है जो कि उनके आपस मे टकराने से संभव है।
Om Prakash Patidar
सामान्यतः ग्रह अपने तारे के घूर्णन की दिशा मे ही घूर्णन तथा परिक्रमा करते है। वैज्ञानिक इस ग्रह की ऐसी असामान्य परिक्रमा की दिशा की व्याख्या नही कर पा रहे है लेकिन उनके अनुसार ऐसा उस ग्रह के किसी और ग्रह से टकराने के पश्चात संभव है। किसी और महाकाय ग्रह से टक्कर होने के पश्चात ग्रह की परिक्रमा की दिशा बदल सकती है।
हमारे सौर मंडल मे सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा घड़ी के कांटो की विपरीत दिशा मे करते है, जो कि सूर्य के घूर्णन भी दिशा है। यह दिशा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के उपर से देखने से है। शुक्र और युरेनस को छोड़ कर सभी ग्रहो का घूर्णन भी इसी दिशा मे है। लेकिन शुक्र और युरेनस बाकि ग्रहो के विपरीत घड़ी के कांटो की दिशा मे घूर्णन करते है। कुछ क्षुद्रग्रह(लगभग 20) भी विपरीत दिशा मे परिक्रमा करते पाये गये है जो कि उनके आपस मे टकराने से संभव है।