क्या मौत के बाद भी बढ़ते हैं नाखून और बाल?

Do nails and hair grow even after death?

Om Prakash Patidar



मरने के बाद शरीर का क्या होता है? दिल का धड़कना रुक जाता है। खून ठंडा पड़ने लगता है और अन्य अंग अकड़ने लगते हैं। लेकिन नाखून और बाल बढ़ते रहते हैं- कम से कम हमें तो ऐसा ही बताया गया है।


एरिक मारिया रेमरक्यू के उपन्यास 'ऑल क्वाइट ऑफ द वेस्टर्न फ्रंट' का युवा कथावाचक कल्पना करता है कि गैंगरीन से मारे गए उसके एक दोस्त के नाखून एक बड़े पेच की तरह बढ़ रहे हैं और धंस रही उसकी खोपड़ी में भी बाल लंबे हो रहे हैं।

यह कोई सुखद विचार नहीं है पर चला आ रहा है. लेकिन क्या यह सच है?

अलग-अलग समय:कोई आश्चर्य की बात नहीं कि मृतकों के नाखून और बालों के बढ़ने को नापने वाले सुनियोजित अध्ययन बहुत कम हुए हैं।

जानकारी के लिए हमें ऐतिहासिक कथाओं और शवों पर काम करने वाले मेडिकल छात्रों के वर्णनों पर ध्यान देना होगा।

ट्रांस्प्लांट करने वाले सर्जनों को भी मृत्यु के बाद कई प्रकार की कोशिकाओं के काम करने का अनुभव होता है।

विभिन्न कोशिकाएं अलग-अलग गति से मरती है। दिल के धड़कना बंद करने के बाद दिमाग को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है। चूंकि दिमाग में ग्लूकोज का संग्रहण नहीं होता है इसलिए स्नायु कोशिकाएं तीन से सात मिनट के अंदर मर जाती हैं।

ट्रांस्प्लांट सर्जनों को दानदाता की मौत के तीस मिनट के अंदर ही शरीर से गुर्दे, कलेजा और दिल निकाल लेना होता है। इन्हें प्राप्तकर्ता के शरीर में छह घंटे के अंदर लगा देना पड़ता है।

चमड़ी की कोशिकाएं अधिक देर तक जिंदा रहती हैं।

बाल और नाखून

नाखूनों के बढ़ने के लिए नई कोशिकाओं का पैदा होना जरूरी है और ग्लूकोज के बिना यह संभव नहीं। नाखून करीब 0.1 मिमी प्रतिदिन की रफ्तार से बढ़ते हैं और यह गति उम्र बढ़ने के साथ कम होती जाती है।

नाखून की सरंचना के ठीक नीचे कोशिकाओं की एक परत होती है जिसे जीवाणु-जाल कहते हैं। यह परत बड़ी मात्रा में कोशिकाओं का उत्पादन करती है जिससे नाखून के नए भाग बनते हैं।

नई कोशिकाएं पुरानी को आगे ठेलती हैं जिससे नाखून कोने से बढ़ता हुआ लगता है। मृत्यु ग्लूकोज की आपूर्ति पर रोक लगा देती है इस तरह नाखूनों के बढ़ने पर भी। बालों के साथ भी यही होता है। हर बाल फॉलिकल में होता है, जिसमें यह बढ़ता है।

फॉलिकल के मूल में बालों का एक सांचा, कोशिकाओं का समूह होता है जो विभाजित होकर नई कोशिकाओं का उत्पादन करते हैं, जिससे बाल लंबे होते हैं।

यह कोशिकाएं बहुत तेजी से विभाजित होती हैं लेकिन तभी जब इन्हें ऊर्जा मिलती रहती है।

जब हृदय खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर देता है तो ऊर्जा खत्म होने लगती है और कोशिकाओं का विभाजन भी रुक जाता है जिसकी वजह से बाल बढ़ने भी रुक जाते हैं।

सिर्फ कहानी

तो मिथकों में ऐसी बात क्यों कही जाती है? हालांकि ऐसे अनुमान गलत हैं लेकिन इनके पीछे एक जैविक आधार है।

ऐसा नहीं है कि नाखून बढ़ रहे होते हैं लेकिन उनके चारों तरफ़ त्वचा सूख रही होती है जिससे नाखून लंबे लगते हैं।

मृतक की ठोड़ी की चमड़ी भी सूखने लगती है, जिससे यह खोपड़ी की ओर खिंचने लगती है। इससे ठुड्डी ज़्यादा प्रभावी दिखने लगती है।

तो अगर आपके दिमाग में भी किसी कब्रिस्तान में कब्रों से लंबे और मुड़े हुए नाखूनों वाली लाशों के चित्र बनते हैं तो समझ लें कि यह किस किसी डरावनी कहानी या फिल्म में ही हो सकता है, हकीकत में नहीं।


साभार:
वेब दुनिया

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