गर्मी में सूती और सर्दी में ऊनी कपडे क्यों पहने जाते हैं?

गर्मी और सर्दी में अलग-अलग प्ररका  के कपडे क्यों पहने जाते हैं?
Om Prakash Patidar

यह एक सामान्य अनुभव की बात है कि हम मौसम के अनुकूल कपड़े पहनते हैं यानी गर्मी में सूती, सर्दी में ऊनी तथा बारिश में सिंथेटिक। क्या आप इनका वैज्ञानिक कारण जानते हैं ? 

गर्मी में सूती कपडे क्यों पहने जाते हैं?

गर्मीयों में पसीना अधिक आता है जिसे सोखने की क्षमता केवल सूती कपड़ों में ही होती है। ऊनी एवं सिंथोटिक कपड़ों में हवा रूक जाती हे जबकि सूती कपड़ों में ऐसा नहीं होता। उसमें व्याप्त महीन छिद्रों में से हवा आती रहती है। इसलिए वे सुविधाजनक लगते हैं। गर्मी में सफेद रंग के सूती कपडे पहने जाते हैं। इसका कारण यह है कि सफेद रंग सूर्य के प्रकाश का अधिकांश भाग परावर्तित कर देता है। जबकि यदि गहरे रंग या काले रंग के कपड़े पहने तो वह सूर्य के प्रकाश को अपने में समाहित कर लेता है। इसलिए सफेद रंग के कपडां में गर्मी कम तथा काले रंग के कपड़ों में गर्मी अधिक लगती है। सफेद रंग के कपड़े पहनने से शरीर को शीतलता का अहसास होता है। जबकि गहरे रंग परेशानी का सबब बनते हैं। 

सर्दी में ऊनी कपडे क्यों पहने जाते हैं?

सर्दी का मौसम आते ही हम गर्म या ऊनी कपड़े पहनना शुरू कर देते हैं। ऊन उष्मा की कुचालक है तथा इसके रेशों के बीच बहुत सारी हवा बंद हो जाती है। हवा ऊन से भी अधिक उष्मा की कुचालक है। इसलिए हमारे शरीर से पैदा होने वाली उष्मा अधिक मात्रा में बाहर नहीं निकल पाती है। ऊन के वस्त्र और शरीर के बीच में वायु की परत होने के कारण भी शरीर से उष्मा बाहर नहीं निकल पाती। इसलिए ऊनी कपड़े पहनने से गर्मी का अहसास होता है। बारिश के मौसम में उष्मा अधिक होती है ऐसे में सूती कपडे उचित नहीं रहते, अत: सिथेटिक कपडे ठीक रहते हैं क्योंकि वे जल्दी सूख जाते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

If you have any idea or doubts related to science and society please share with us. Thanks for comments and viewing our blogs.

और नया पुराने