फेसबुक (Facebook) का रंग नीला (blue) क्यो होता है?

आखिर फेसबुक का रंग नीला ही क्यो होता है?
Om Prakash Patidar
Shajapur

दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं होगा (चीन और उत्तर कोरिया को छोड़कर) जहां फेसबुक का इस्‍तेमाल न किया जाता हो। सभी लोग अपने दोस्‍तों या फिर परिवार के सदस्‍यों से बातचीत करने के लिए फेसबुक का ही सहारा लेते हैं। लेकिन अधिकांश लोगों को शायद इस बात की जानकारी नहीं होगी कि आखिर फेसबुक का रंग नीला क्‍यों होता है?


4 फरवरी 2004 को मार्क जुकरबर्ग ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर सोशल मीडिया साइट फेसबुक को लॉन्‍च किया था। लेकिन क्‍या आपको पता है कि फेसबुक में सबकुछ नीले रंग का ही क्‍यों है। मार्क जुकरबर्ग के अनुसार ऑनलाइन टेस्‍ट के दौरान उन्‍हें पता चला कि वो कलर ब्‍लाइंड यानि रंग अंधता के शिकार हैं। उन्‍हें लाल और हरे रंगो के शेड में फर्क नहीं पता चलते। वहीं नीला रंग उन्‍हें बहुत साफ और बेहतर नजर आता है। यही वजह है कि फेसबुक वेबसाइट की हर एक चीज नीले रंग के तमाम शेड्स में नजर आती है।


फेसबुक से जुड़े कुछ रोचक तथ्य-



1. एक व्यक्ति जिसे ब्लॉक नहीं किया जा सकता-
फेसबुक पर एक ऐसा शख्स भी है जिसे कभी भी ब्लॉक नहीं किया जा सकता है. जी हां, ऐसा बिल्कुल संभव है. कोई हैरत की बात नहीं है कि वह प्रोफाइल खुद मार्क जुकरबर्ग की है. फेसबुक पर कोई भी व्यक्ति उन्हें ब्लॉक नहीं कर सकता. कोशिश करके देखिए.



2. जुकरबर्ग को खोजना सबसे आसान-
अगर आप फेसबुक पर लॉग इन करके अपने होम पेज पर हैं तो उस वक्त आपका यूआरएल होता है https://www.facebook.com और दिलचस्प बात यह है कि अगर आप अपने इसी url के आगे बस /4 जोड़ देंगे तो आप सीधे मार्क जुकरबर्ग की वॉल पर पहुंच जाएंगे.



3. विश्व के दो देशों में फेसबुक प्रतिबंधित भी है-
फेसबुक पर अरबों यूजर्स हैं जिनमें दुनिया के लगभग हर देश के लोग हैं. लेकिन सबसे दिलचस्प बात है कि फेसबुक चीन और उत्तर कोरिया दो देशों में बैन है.



4.कोई मर जाए तो अकाउंट का क्या होता है? 
यदि हमारी जान पहचान में कोई किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो हम फेसबुक पर इस बात की रिपोर्ट कर सकते हैं. फेसबुक ऐसी प्रोफाइल्स को एक तरह का स्मारक (memorialized account) बना देता है. इस अकाउंट में कोई भी व्यक्ति लॉग इन नहीं कर सकता है. इस तरह के अकाउंट में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता.



5.हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर
फेसबुक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाते हैं. फेसबुक पर हर रोज लगभग 30 करोड़ तस्वीरें अपलोड की जाती हैं. हर 60 सेकंड में 50 हजार कमेंट्स और लगभग 3 लाख स्टेटस लिखे जाते हैं. वहीं दूसरी ओर फेसबुक पर लगभग 9 करोड़ फेक प्रोफाइल्स हैं.



6.लाइक की जगह था ये नाम-
फेसबुक पर हर जगह लाइक का ऑप्शन दिखता है. वैसे फेसबुक पर इस ऑप्शन के बारे में काफी विवाद रहा. सबसे पहले इसका नाम 'AWESOME' रखा गया था. लेकिन इसे बाद में LIKE किया गया था.



7. Facebook में पोक क्या बला है?
फेसबुक पर एक फीचर है पोक. किसी की प्रोफाइल पर जाकर आप उसे पोक कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब क्या है? दरअसल कोई मतलब नहीं है. ये बस जैसे खेल के लिए है. यहां तक कि फेसबुक हेल्प सेंटर में भी आप पूछेंगे कि 'poke' का क्या मतलब है तो आपको कभी पता नहीं चलेगा. इस बारे में मार्क जुकरबर्ग कह चुके हैं कि उन्होंने सोचा था कि वे फेसबुक पर एक ऐसा फीचर बनाएंगे जो बेमतलब होगा. ये बस मस्ती के लिए बनाया गया है.



8.फेसबुक एक बीमारी भी है-
फेसबुक का एडिक्शन इन दिनों एक बीमारी का रूप लेता जा रहा है. दुनियाभर में हर उम्र के लोग फेसबुक एडिक्शन डिसऑर्डर यानी फेसबुक की लत से जूझ रहे हैं. इस बीमारी का संक्षिप्त नाम FAD है. इस वक्त दुनिया में लगभग कई करोड़ लोग FAD से ग्रसित हैं.



9. फेसबुक ने खरीदा इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को-
9 फेसबुक 2004 मार्च में शुरू हुआ और एक साल के भीतर ही इसने दस लाख यूजर्स जुटा लिए थे. जून 2009 तक यह इतना बढ़ चुका था कि यह अमेरिका की नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साइट बन गयी. अप्रैल 2012 में फेसबुक ने इंस्टाग्राम और 2014 में वॉट्सऐप को भी खरीद लिया था.



10.कब क्या लॉन्च हुआ
फेसबुक ने सितंबर 2004 में "वॉल", सितंबर 2006 में "न्यूज फीड", फरवरी 2009 में "लाइक" बटन और सितंबर 2011 में लाइमलाइन फीचर लॉन्च किया.




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