मुँहासे(Pimples) चेहरे पर ही क्यों होते हैं?

मुँहासे  क्या होते है? मुहासे चेहरे पर ही क्यों होते हैं?
Om Prakash Patidar

आजकल सभी  युवा लड़के-लडकिया कील – मुहांसो से परेशान रहते हे। अगर किसी के चेहरे  पर कील-मुहासे  (Pimples या acne) हो जाने पर उनका आत्मविश्वास बिलकुल खत्म सा हो जाता हे या कम हो जाता हे। 
खासकर teenager को अपने चेहरे पर किसी भी प्रकार के कील – मुँहासे, दाग – धब्बे व निशान अच्छे नहीं लगते हे। यह  लगभग 14 वर्ष से शुरू होकर 30 वर्ष तक कभी भी निकल सकते हैं। ये निकलते समय तकलीफ दायक होते हैं व बाद में भी इसके दाग-घब्बे चेहरे पर रह जाते हैं।

मुहासे क्या है?

मुंहासे या पिटिका (Pimples or Acne) त्वचा की एक स्थिति है जो सफेद, काले और जलने वाले लाल दाग के रूप में दिखते हैं। यह लगभग 14 वर्ष से शुरू होकर 30 वर्ष तक कभी भी निकल सकते हैं। ये निकलते समय तकलीफ दायक होते हैं व बाद में भी इसके दाग-घब्बे चेहरे पर रह जाते हैं।

मुँहासे चेहरे पर ही क्यों होते हैं?

हमारी पूरी त्वचा पर महीन छिद्र होते हैं। इन महीन छिद्रों को पसीने वाली ग्रंथि या स्वेद ग्रंथि के नाम से जाना जाता है। त्वचा के महीने छिद्रों के नीचे बारीक नलियाँ होती हैं, जिनसे पसीना त्वचा की सतह तक पहुँचता है।

हम अपने शरीर के विभिन्न भागों को वस्त्र से ढँका रखते हैं, जबकि चेहरा हर तरह के वातावरण में खुला रहता है। इसी कारण धूल के कण और बैक्टीरिया इन नलियों में प्रवेश करके इन्हें बंद कर देते हैं जिससे पसीने के बाहर आने का रास्ता बंद हो जाता है।

महिलाओं में बहुत ज्यादा मेकअप के कारण भी यह रास्ता बंद हो जाता है। जब बैक्टीरिया स्वेद ग्रंथि को जाम कर देते हैं तो श्वेत रक्त कणिकाएँ उनका सफाया करती हैं और इस तरह जिस जगह स्वेद ग्रंथि में यह काम चलता है वहाँ पिंपल उभर आता है।
बैक्टीरिया के साथ लड़ाई में अगर श्वेत रक्त कणिकाएँ खत्म हो जाती हैं तो वे और मरे हुए बैक्टीरिया ही पिंपल से पस के रूप में बाहर निकलते हैं।

मुहासों के कारक क्या है?

मुहासों के कई कारण होते हैं। जब व्यक्ति किशोरवस्था में होता है, तब उसके शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, विशेषकर टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) हॉर्मोन में बदलाव होता है। हार्मोन्स में होने वाले इन बदलावों के कारण, त्वचा की तेल ग्रथियों में अधिक मात्रा में तेल (Sebum) का निर्माण होने लगता है। सामान्य रूप में, यह तेल त्वचा को मुलायम और चिकना बनाने में सहायक है। परन्तु जब यह तेल अधिक मात्रा में बनाने है और त्वचा की मृत कोशिकाओं के साथ मिक्स होकर रोम छिद्रों में जमने लगता है। इन छिद्रों में कीटाणु विकसित हो जाते हैं, तो यह आस-पास के उत्तकों को प्रभावित करने लगतें हैं, जिससे सूजन, लाली और पस उत्पन्न हो जाते हैं। इस प्रकार से जो कष्टदायक दानें उभर आतें हैं उन्हें आम तौर पर पिम्पल्स कहतें हैं।

मुँहासे कुछ प्रकार की दवाओं जैसे: कॉर्टीकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) या लिथियम (Lithium) के दुष्प्रभाव से भी उत्पन्न हो जाते हैं। इसलिए किसी प्रकार की दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।

कभी-कभी शिशुओं को भी एक्ने हो जातें हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनको मुँहासों के कारक हॉॅर्मोन्स डिलिवरी से पहले माँ के द्वारा प्राप्त होतें हैं। शिशुओं की त्वचा पर डिलिवरी के समय पड़ने वाले दबाव एवं खिचाव के कारण त्वचा खुद-ब-खुद ही हॉर्मोन स्रावित कर सकती है जिसके कारण भी मुँहासे हो सकते हैं।

मुँहासों के कुछ अन्य कारण क्या हो सकते है?

कुछ मामलों में अंत: स्रावी तंत्र (Endocrine System) की गड़बड़ी जैसे -पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (polysystic ovary syndrome) और कुशिंग सिंड्रोम (Cushing’s Syndrome) के कारण लड़कियों एवं महिलाओं में मुँहासे का प्रकोप बढ़ सकता है। 
इसके अतिरिक्त लड़कियों एवं महिलाओं में अंडाशय (ovary) या अधिवृक्क ग्रंथि (adrenal gland) में पुरुष हार्मोन के अधिक निर्माण के कारण भी एक्ने, के साथ-साथ सिर के बाल पतले होना और चेहरे या शरीर पर अधिक बाल आना (hirsutism) आदि समस्याएं भी हो सकतीं हैं। 
मुँहासे का एक अन्य दुर्लभ कारण कुछ रासायनों जैसे-  हैलोजेनेटेड हाइड्रोकार्बन्स (halogenated hydrocarbons) के सम्पर्क में आना भी हो सकता है।  

* कई बार कुछ लोगो को यह प्रॉब्लम वंशानुगत ( genetic ) भी होती हे।

* कई बार एक्ने की परेशानी पेट की समस्या की वजह से भी होती हे। अगर पेट में कब्ज हो या सही तरह से पेट साफ़ नहीं होता हो तो pimple की समस्या हो सकती हे।

* कई बार यह परेशानी हमारे गलत तरह के खान – पान की वजह से भी होती हे।

* चेहरे पर अलग – अलग तरह के cosmetic use करने की वजह से भी acne की समस्या होती हे।

* कभी – कभी यह समस्या medicine यानी गोली दवाई खाने से भी यह प्रॉब्लम होती हे।

* हमारी दिनचर्या का सही ना होने की वजह से हमारे शरीर में असंतुलन पैदा हो जाता हे।

* बाहर अधिक देर तक धुप में रहने से भी कभी – कभी एक्ने की समस्या हो जाती हे।

* एक्ने की समस्या से बचने के लिए आपको प्रदूषण वाली जगहों से दूर रहना चाहिए। उड़ती हुई धुल मिट्टी और धुंए से भी बचना चाहिए।

अगर आपको पिम्पल की परेशानी हे तो आपको इन नियमो का पालन करे-

1. अगर आप कही बाहर सफर से आये हो तो आपको नहा लेना चाहिए या फिर अपने चेहरे को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए

2. अगर आप अपने face को अच्छा और चमकदार बनाना चाहते हो तो आपको अपने शरीर में पानी की कमी नही होने देनी चाहिए।

3. एक्ने से बचने के लिए सबसे महतवपूर्ण हे की आपको अपना पेट साफ रखना चाहिए। अगर आपके शरीर से अगर मल – मूत्र बाहर नहीं निकलेंगे तो वो आपके शरीर पर प्रतिकूल असर डालेगे जो पिम्पल के साथ – साथ आपके शरीर में और भी कई परेशानिया उत्पन करेगी

4. आपको अपने चेहरे पर केमिकल वाले साबुनों का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए।

5. आजकल बाजार में तरह – तरह की क्रीम आती हे उनका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए

6. आपको किसी भी तरह के नशे से बचना चाहिए चाहे वो शराब हो या फिर सिगरेट या फिर तम्बाकू हो यह शरीर पर प्रतिकूल असर डालती हे।

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