लोहे पर जंग कैसे लगता है?
Om Prakash Patidar
- लोहे के चाकू, हथोड़े, पेंचकस या किसी अन्य औज़ार को किसी नमी वाले स्थान में कुछ दिन रख दिया जाये तो इन चीज़ों पर कत्थई (Brown) रंग कि एक परत सी जम जाती है। इसी को जंग लग्न कहते हैं।
- जंग वास्तव में लोहे का ऑक्साइड है। इसका रासायनिक सूत्र Fe2O3.xH2O है। जब लोहे क्र परमाणु ऑक्सीजन से संयोग (Combine) करते हैं तो लोहे का ऑक्साइड बनता है।
- लोहे के परमाणुओं का ऑक्सीजन से मिलना ऑक्सीकरण (Oxidation) की क्रिया कहलाती है। लोहे पर जंग लगने के लिए ऑक्सीजन और नमी का होना अत्यंत आवश्यक है। सूखे स्थान पर लोहा ऑक्सीजन से संयोग नहीं करता। नमी और ऑक्सीजन कि उपस्थिति में ही लोहे के परमाणु धीरे-धीरे ऑक्सीजन से मिलकर लोहे का ऑक्साइड बनाते रहते हैं और जंग लगने कि क्रिया जारी रहती है।
- जब लोहे कि किसी वस्तु पर जंग लगना शुरू हो जाता है तो धीरे-धीरे उः वस्तु कि सारी सतह पर फैल जाता है। जंग पानी को सोखता है और यह पानी उस वस्तु के दूसरे हिस्सों के परमाणुओं को ऑक्साइड बनने में मदद करता है।
- जंग लगने को रोकना वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या रही है क्योंकि लोहे कि बनी मशीने, रेलगाड़िया, मोटर, साइकिल, जहाज आदि हजारों चीज़ें जंग लगने के कारण जल्दी खराब हो जाती है। लोहे पर जंग लगने को पेंट या किसी प्लास्टिक कि पतली परत चढ़ा कर कुछ हद तक रोका जा सकता है। पेंट य प्लास्टिक कि पतली परत के कारण लोहे के परमाणु पानी के संपर्क में नहीं आ पाते इसलिए ऑक्सीजन लोहे से संयोग नहीं कर पाती और जंग नहीं लग पाता।
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