क्या सच में आसमान से मछलियों की बारिश होती है? लेकिन कैसे?

 सचमुच मछलियों की बारिश होती है?
Om Prakash Patidar
Shajapur



अपने आसमान से मछलियों की बारिश के बारे में सुना है?
क्या कहा हाँ।। 
क्या सचमुच मछलियों की बारिश होती है?
क्या ऐसे सवाल आपके मन में आते है?
जी हाँ यह बिलकुल सच है की आसमान से मछलियों की भी बारिश होती है. यह एक बार नही बल्कि बहुत बार हुई है और होती रहती है।

कुछ लोगो का कहना है कि मछलियों की बारिश हुई।
यानि मछलियों को आसमान से नीचे गिरते हुए देखा गया. 
बारिश के पानी मे मछलियां कहाँ से आती है?

कुछ दिनों पहले मुंबई में ऐसा ही नजारा देखने को मिला जिससे वहा के लोग बहुत ताज्जुब कर रहे थे लेकिन इसे होता देखने वालो ने इसे भगवान् का संयोग बताया कुछ ने वैज्ञानिक कारणों का हवाला दिया।
आप भी जानिये की क्या यह संभव है और है तो कैसे?

 हम जानते है कि मछलियाँ पानी की बूंद नही होती जो आसमान से बारिश बन कर गिरेंगी. इनका वाष्पिकरण नही हो सकता, फिर आसमान तक यह पहुचेंगे कैसे?

कुछ वैज्ञानिकों और शौधकर्तायों ने इस घटना पर विस्तृत अध्ययन किया गया है. आम सहमति यही है कि यह सब जलस्तम्भ या बवंडर (Tornado) के कारण होता है. जब बवंडर समंदर के धरातल को पार करते हैं तो ऐसी अवस्था में ये पानी के तूफ़ान का रूप ले लेते हैं. तब यह पानी का तूफ़ान मछलियों के साथ अन्य जीवों यहाँ तक कि सांपों, केकड़ों और कछुओं को भी अपने अंदर समा लेता है. मछलियां और अन्य जीव बवंडर के साथ उड़ने लगती हैं और तब तक उड़ती रहतीं हैं जब तक हवा की रफ्तार कम नहीं हो जाती. और जब हवा की रफ़्तार कुछ कम हो जाती है तो ये जमीन पर गिरती हैं तो ऐसा लगता है जैसे मछलियो की बारिश हो रही है।

असल में होता क्या है ये मछलियाँ जो बारिश के दिनों में आसमान से गिरती है यह वही मछलियाँ होती है जो समुंदर में पायी जाती है. लेकिन प्रश्न यह है कि इन्हें आसमान तक पहुचाता कौन है?

इसपर बहुत सारे शोध किये जा चुके है. वैज्ञानिक इसे समझाते है की जब कोई बवंडर समुन्द्र के पास आता है तो यह इसके आस-पास या पानी के सतह पर मौजूद कीड़े मकौड़ो, छोटी मछलियों को खिंच लेता है, जिससे वो प्राणी हवा के माध्यम से बादलों में ऊपर तक पहुँच जाते है. जैसा आपने अक्सर जमीन पर आने वाले बवंडरो में हल्की चीजों को आकाश की तरफ जाते हुए देखा होगा ठीक उसी प्रकार से यह बवंडर पानी के सतह पर भी सक्रीय होता है और हलके प्राणियों को ऊपर खींचता है.

सिर्फ यही नही पानी की सतह पर आते ही बवंडर सतह पर मौजूद मछलियों, मेंढको, मकड़ियो आदि को साथ ही साथ पानी को भी ऊपर की तरफ खिंच लेता है. जब हवा की गति धीमी पड़ती है तब यह बवंडर जहा कही आसमान में रहता है वहा पर सारी चीजों को गिरा देता है. या एक मुसलाधार बारिश के रूप में भी समझा जा सकता है.

निश्चय ही दोनों प्रक्रिया एक ही जगह नही होती. बवंडर को उठने और थमने में समय लगता है और इतने में यह कई किलोमीटर की दुरी भी तय कर चूका होता है. मतलब यह स्पष्ट हैकि बवंडर जहा प्रारंभ करता है वहा यह बारिश होने की कम ही संभावना है लेकिन हाँ इसका समुन्द्र के आस पास होने की संभावना काफी अधिक होती है.

अगर आपको मछलियों या मेंढकों की बारिश होती दिखे तो घबराना नहीं।

एक टिप्पणी भेजें

If you have any idea or doubts related to science and society please share with us. Thanks for comments and viewing our blogs.

और नया पुराने