यदि प्रकाश कम हो तो पुतलियाँ फैल जाती हैं ताकि पर्याप्त मात्रा में प्रकाश आँखों के परदे तक पहुँच सके। यदि प्रकाश अधिक हो, जैसा कि तेज़ धूप में होता है, तो पुतलियाँ सिकुड़ कर छोटी हो जाती हैं। तेज़ धूप में आँखों की पुतलियाँ छोटी होती हैं।
जब तेज़ धूप से कम उजाले वाले कमरे में जाते हैं तो पुतलियाँ छोटी होने के कारण यह प्रकाश आँखों के परदे (Retina) के लिए कम पड़ता है। इसके लिए पुतलियाँ वापिस पुरानी अवस्था में आ जाती हैं। परंतु यह होने में कुछ समय लग जाता है तब तक हमें अँधेरा लगता है। कुछ पलों में पुतलियाँ सामान्य होने पर फिर ठीक दिखाई देने लगता है।