Why we eat sweet ( deasert) after eating?
Om Prakash Patidar
घर में, पार्टी में या फिर किसी फेस्टिवल पर या रेस्टोरेंट में आप सबसे पहले नमकीन खाना जैसे- चपाती, दाल, सब्जी या चावल आदि खाते हैं और उसके बाद ही कुछ मीठा खाते हैं। पूर्वजों का भी यही मानना है कि भोजन की शुरुआत हमेशा मसालेदार खाने से करनी चाहिए और मीठा खाकर समाप्त करना चाहिए।
घर में, पार्टी में या फिर किसी फेस्टिवल पर या रेस्टोरेंट में आप सबसे पहले नमकीन खाना जैसे- चपाती, दाल, सब्जी या चावल आदि खाते हैं और उसके बाद ही कुछ मीठा खाते हैं। पूर्वजों का भी यही मानना है कि भोजन की शुरुआत हमेशा मसालेदार खाने से करनी चाहिए और मीठा खाकर समाप्त करना चाहिए।
क्या आप जानते हैं कि खाने के बाद मीठा खाने से क्या होता है? लेकिन आपने कभी सोचा है कि खाने की शुरुआत में सबसे पहले मीठा क्यों नहीं खाना चाहिए या पहले मसालेदार चीजें ही क्यों खाने चाहिए? जाहिर है यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब सभी लोग जानना चाहेंगे। वास्तव में कई लोग ऐसा मानते हैं कि यह सालों से चली आ रही एक परंपरा है। लेकिन आपको बता दें कि इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य है।
जब आप स्पाइसी फूड खाते हैं, तो आपका शरीर पाचक रस और एसिड जारी करता है, जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। स्पाइसी फूड्स खाने से यह भी सुनिश्चित होता है कि आपका पाचन सही तरह हो रहा है। दूसरी ओर मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन धीमा हो सकता है। इसके अलावा मीठे का सेवन एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन के अवशोषण को बढ़ाता है। ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन लेवल बढ़ाने के लिए जाना जाता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो खुशी की भावना से जुड़ा है यानि मीठा खाने से आपको खुशी होती है। यही कारण है कि आप भोजन करने के बाद मीठा खाते हैं।