आजकल लड़को में दाड़ी और मुछे रखने का फैशन चल रहा है। युवा लड़के रणवीर सिंह की तरह दिखने को लालायित है।
वही कुछ लोगो को दक्षिण भारतीय फिल्मस्टार्स की तरह घनी मुछे रखने का जुनून होता है। लेकिन क्या लड़कियों की दाढ़ी मुछे क्यो नही होती है?
प्रश्न थोड़ा अजीब है, लेकिन ये बच्चों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्न है।
आइये इसका उत्तर जानने का प्रयास करते है।
जन्म के समय बच्चों के शरीर पर बहुत ही मुलायम बाल (रोये) होते है। अब चाहे ये बच्चा लड़का हो या लड़की।
लेकिन जैसे जैसे वह बड़ा होता है उसके बाल कड़े और मज़बूत होते जाते हैं। बच्चे जैसे ही किशोर अवस्था (Teen age) में पहुचते है उनमें द्वितीयक लैंगिक लक्षण दिखाई देने लगते है। जैसे लड़कियों में मासिक धर्म की शुरुआत, आवाज मधुर होना, स्तन का विकास तथा लड़को में दाड़ी मुछे आना, आवाज़ भारी होना, शरीर पर बाल आना आदि।
इन्ही हारमोंस के चलते स्त्री व पुरुष में कई प्रकार की शारीरिक विभिन्नताएं पाई जाती हैं. मसलन औरतों का जिस्म कोमल, नरम व नाज़ुक रहता है वहीँ मर्दों का जिस्म सख्त व मज़बूत हो जाता है।
पुरुष में वृषण (testes) और दूसरी सेक्स (अन्तः स्रावी) ग्रन्थियां होती हैं जो एक विशेष प्रकार के हारमोंस समूह को पैदा करती हैं जिसे एनड्रोजेन्स (ANDROGENS) कहते हैं. पुरुषों में एनड्रोजेन्स (ANDROGENS) की मौजूदगी के कारण ही द्वितीयक लैंगिक लक्षणों सहित दाढ़ी एवं मूंछे विकसित हो जाती है।
वहीँ स्त्री में अंडाशय (ovaries) और दूसरी सेक्स (अन्तः स्रावी) ग्रन्थियां होती हैं जो एक दुसरे प्रकार के हारमोंस के समूह को पैदा करती हैं जिसे एस्ट्रोजेन्स (ESTROGENS) कहते हैं. जिसके कारण ही लड़कियों में द्वितीयक लक्षण
स्तन-आकार में वृद्धि एवं मासिक धर्म चक्र का प्रारंभ हो जाता है।
वास्तव में इन्ही सेक्स हारमोंस के प्रभाव से स्त्री व पुरुष में कई प्रकार की शारीरिक विभिन्नताएं पाई जाती हैं. जैसे औरतों का शरीर कोमल व नाज़ुक रहता है वहीँ पुरुषों का शरीर बलिष्ठ व मज़बूत हो जाता है।
तो हम कह सकते है कि पुरुषों के शरीर मे ANDROGENS हॉर्मोन्स के स्त्रावित होने के कारण ही पुरुषों में दाड़ी मुछे निकलती है। इसके विपरीत महिलाओं में ESTROGENS हॉर्मोन्स के प्रभाव से महिलाओ में दाड़ी मुछे नही आती है।
लड़कियों में दाड़ी-मुछे आने के लिए प्रमुख कारण है हारमोंस में होने वाला डिसऑडर. जिसे पीसीओएस (PO S) यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहते हैं. हारमोंस में होने वाला यह बदलाव महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को भी नुकसान
पहुंचाता है. जिससे औरतों को भी दाढ़ी या मूछें उग आती हैं।
हारमोंस में होने वाले इन बदलावों के पीछे कई आनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं।
अक्सर जब हारमोनल डिसऑर्डस की वजह से महिलाओं की ओवरी कमजोर हो जाती है और ओवरी से अंडे नहीं निकलते तो सिस्ट, जो कि एक तरह की गांठ होती है, का निर्माण होता है. सिस्ट में बेसिकली एक तरल पदार्थ होता है, जो एंड्रोजेन हॉर्मोन को बनाता है. इसी से पीसीओएस बनने लगता है और महिलाओं को चेहरे पर भी बाल उग आते हैं.
औरतों के चहरे पर उगने वाले बालों की समस्या को डॉक्टरी भाषा में हरसुटिज्म कहा जाता है. इसके पीछे 3 प्रमुख वजह होती हैं-
1.अनुवांशिक- इसके पीछे फैमिली हिस्ट्री और परिवार में इस तरह की बीमारी कारण हो सकती है.
2.हार्मोनल- जब हारमोंस असंतुलित होते हैं, तो औरत के शरीर में मेल सेक्स हारमोंस ज्यादा हो जाते हैं।
3.मेडिकेशन- कई बार किसी दूसरी बीमारी के लिए ली जा रही दवाएं हारमोंस पर असर ड़ाल देती हैं. जिससे की पीसीओडी हो जाता है. पीसीओडी का यह सबसे आम कारण है.