Why do animals roam the body with their tongues.
Om Prakash Patidar
अपने अक्सर देखा होगा कि पशु स्वयं या दूसरे पशुओं को अक्सर अपनी जीभ से चाटते रहते है। ये पशु ऐसा क्यों करते है? क्या इससे उनको कोई लाभ होता है?
आइये जानने का प्रयास करते है-
मनुष्य और बन्दरो के हाथ अधिक विकसित होने के कारण यह बहुत से कम अपने हाथों से निपटाते है, जैसे शरीर की सफाई, शरीर को खुजाना या सहलाना लेकिन गाय, भेस,बकरी,शेर सहित दूसरे पशु ऐसा नही कर सकते है यद्दपि हाथ पैर तो उनके पास भी है लेकिन वह इसका उपयोग शरीर की सफाई के लिए चाह कर भी नहीं कर सकते है।
प्रकति ने पशुओं की जीभ को इस तरह से बनाया है कि उनकी जीभ उनके लिए बिलकुल हाथ पैर जैसा कार्य करती है। जीभ का हाथ के रूप में करने के साथ -साथ पशु निम्न कारणों से जीभ द्वारा शरीर को चाटते रहते है-
1. शरीर को सहलाना (स्नेह की अनुभूति देना)।
2. शरीर को खुजाना (खुजली या शरीर के कुछ असामान्य होने पर)।
3. शरूर को साफ करना एवं गर्मी में हम बनाये रखना।
4. शरीर का तापमान नियंत्रित रखने का प्रयास करना।
5. चोट लगने पर घाव की सफाई करना।
आपने कई बार देखा होगा कि जब किसी पशु की कोई जख्म हो जाता है तो वह उसको सिर्फ अपनी जीभ से चाट कर ठीक कर लेता है। क्योकि जीभ के साथ आने वाले लार (saliva) में एंजाइम के साथ ही एंटीबाडी पाए जाते है, इन एंजाइम ,एंटीबाडी और लार के ph के प्रभाव से हानिकारक रोगाणुओं की वृद्धि रुक जाती है, जिससे चोट ग्रसित अंग जल्दी से ठीक होने लगता है।