अमानक पॉलिथीन क्या है?

What is non-standard polythene.

Om Prakash Patidar

मेरे एक मित्र ने मुझे एक संदेश भेजा कि-

"सिर्फ गरीब के  ठेले पर उपयोग आने वाली
पॉलिथीन ही नुकसान दायक होती है, 
जबकि दूध, खाद्य तेल, कुरकुरे, 
ऑटोमोबाइल आयल की पॉलीथीन
क्या ऑक्सीजन देती है" 

क्योंकि उनपर कोई कार्यवाही नही करता है।
कहने का आशय है कि सरकार सिर्फ सब्जी फल बेचने वालों की पॉलिथीन जब्त कर कार्यवाही का दिखावा करती है जबकि पैकेज्ड दूध सहित ब्रांडेड आइटम इन पॉलिथीन में खुले आप पैक्ड होकर बिकते है।
फिर सब्जी वाले कि पॉलिथीन अमानक और ब्रांडेड वालो की पॉलिथीन मानक क्यो?
अमानक पॉलीथिन के खतरों के दूरगामी भयावह परिणामों को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल (राष्ट्रीय हरित कोर) ने 50 माईक्रॉन से कम की पॉलीथिन के उपयोग, निर्माण और बिक्री पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया है, अगर किसी के पास यह प्लास्टिक पाया जाता है तो उससे 5 हजार रुपये पर्यावरण  उपकर (सेस) वसूला जाएगा। 

आइये इस विषय पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते है-

अमानक पॉलीथिन क्या है?

National Green Tribunal (NGT) के अनुसार 50 माइक्रोन के कम मोटाई वाली पॉलीथीन जिसका पुनः चक्रियकरण किया जाना संभव या आर्थिक रूप से महंगा हो उसे अमानक पॉलीथीन माना जाता है।


अमानक पॉलिथीन का उपयोग क्यो होता है?


कई जगह पॉलिथीन पर प्रतिबन्ध है, बावजूद इसके दुकानदार चोरी-छिपे पॉलिथीन का प्रयोग करते पाये जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्यों नहीं सफल होता है पॉलिथीन पर प्रतिबन्ध? पर्यावरण एवं स्वास्थ्य दोनों के लिये नुकसानदायक 50 माइक्रॉन से कम पतली पॉलिथीन पर्यावरण की दृष्टि से बेहद नुकसानदायक होती है। चूँकि ये पॉलिथीन उपयोग में काफी सस्ती पड़ती हैं, इसलिये इनका उपयोग धड़ल्ले से किया जाता है। लेकिन इन्हें एक बार उपयोग करने के बाद कूड़े में फेंक दिया जाता है, जबकि इससे अच्छे किस्म की खाद बनाई जा सकती है तथा अन्य काम भी किये जा सकते हैं। अमानक पॉलिथीन सस्ती होने के कारण इसका  अंधाधुंध उपयोग हो रहा है।

अमानक पॉलिथीन पर प्रतिबंध (Ban) क्यों? 

50 माइक्रोन से ज्यादा के प्लास्टिक को री-साइकल किया जा सकता है, जबकि 50 माइक्रोन से पतले प्लास्टिक के साथ ऐसा नही किया जा सकता। इस वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। 

कैसे पहचानें अमानक पॉलिथीन को? 

मार्केट में जितनी भी थैली लूज मिलती है, वह सारी ही एनजीटी की बैन की सीमा में आती है।
बाजार में मिलने वाली पॉलिथीन को उंगली के जोर लगाने पर आराम से फट जाए तो समझ जाना चाहिए कि यह 50 माइक्रोन से कम पतली है। बैन की सीमा के बाहर सिर्फ वही पॉलिथीन हैं, जिनका इस्तेमाल बड़ी कंपनियां अपने प्रॉडक्ट्स को पैक करने के लिए करती हैं। जैसे दूध या खाद्य तेल पैक करने की थैलियां। इन्हें हम आसानी से फाड़ नहीं सकते, इन्हें काट कर ही इस्तेमाल किया जा सकता है। 40 माइक्रोन से कम की पॉलिथीन का प्रॉडक्शन एवं उपयोग प्रतिबंध होता है।

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