फ़ास्ट टैग (Fast tag) क्या है?

What is Fast-tag?
Om Prakash Patidar
फास्‍ट टैग, रेडियो फ्रीक्‍वेंसी आईडीफिकेशन टैक्‍नोलॉजी (RFIT) पर आधारित (Electronic Toll Collection) टैग है, जिसे यदि आप अपनी गाड़ी पर लगा लेते हैं तो टोल प्‍लाजा पर लगे डिवाइस टैग को रीड कर लेता है और टोल गेट खुल जाता है। टोल प्लाजा पर विवाद से बचने तथा लंबी कतार से बचने के लिए अब गाड़ियों में फ़ास्ट टैग लगाना अनिवार्य कर दिया गया हैं। यही वजह है कि नेशनल हाईवे के हर टोल प्‍लाजा पर एक लेन केवल फास्‍ट टैग लगी गाड़ी के लिए रखी गई है। जहां से आप बिना किसी रोक-टोक के गुजर सकते हैं। अब बिना फ़ास्ट टैग लगी गाड़ियों को लंबी कतार में लग कर दोगुना टोल देना पड़ेगा।

फास्टैग कैसे कार्य करता है?
फ़ास्ट टैग वाहन के विंडस्क्रीन में फास्टैग लगाया जाता है और इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) लगा होता है. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आ जाती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन में लगे फास्टैग के संपर्क में आते ही, आपके फास्टैक अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क काट देता है और आप बिना वहां रूके अपना प्लाजा टैक्स का भुगतान कर देते हैं. वाहन में लगा ये टैग, आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना कार्य शुरू कर देगा. वहीं जब आपके फास्टैग अकांउट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा. फास्टैग की वैधता 5 वर्ष तक की होगी यानि पांच वर्ष के बाद आपको नया फास्टैग अपनी गाड़ी पर लगवाना होगा.

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