विद्यालय की अकादमिक तथा परीक्षा परिणाम उन्नयन कार्ययोजना

Academic and result improvement plan of school.
Om Prakash Patidar

शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय शाजापुर के लिए परीक्षा परिणाम उन्नयन योजना 


कार्ययोजना का उद्देश्य :
1. विद्यालय में सभी विद्यार्थियों में पाररपरीक सकारात्मक प्रतियोगिता का भाव विकसीत करना ।
2. विद्यालय की जिला स्तरीय एवं  राज्य स्तरीय रैंकिग में सुधार व विद्यालय को प्रथम पाँच जिलों में सम्मिलित करना।
3. बोर्ड परीक्षा परिणामों में संख्यात्मक व गुणात्मक सुधार।
4. विद्यालय के कुशाग्र विधार्थियों को बेहतर अवसर देना।

परीक्षा परिणाम उन्नयन कार्ययोजना के क्षेत्र :
1. विद्यालय स्तर करणीय कार्य ।
2. अभिभावक स्तर/व्यक्तिगत स्तर पर करणीय कार्य।
3. विद्यार्थी स्तर पर करणीय कार्य।


विद्यालय स्तर पर करणीय कार्य /प्रयास :
1 संस्था प्रधान द्वारा अर्द्ध वार्षिक परीक्षा परिणाम की समीक्षा पश्चात स्तरानुसार विधार्थियों का वर्गीकरण करना।
2 वर्गीकरण पश्चात सीमा स्तर पर (Marginal Students) चिन्हित विधार्थियों के अभिभावकों से संवाद स्थापित करना व विधार्थियों को सम्बलन (Support) प्रदान करना।
3 जीरो पीरीयड़ के माध्यम से कक्षा 10 व 12 के कमजोर विधार्थियों को विषयवार परीक्षा हेतु तैयारी करवाना।
4 विषयाध्यापकों व बोर्ड कक्षाओं के शिक्षकों के साथ बैठक करके शेष समय में करणीय कार्यों की समयबद्ध सूची बनाना व निरन्तर फोलोअप करना।
5 विषयाध्यापकों को निर्देशित करना कि कक्षा में रोजाना 5-5 संभावित प्रश्नों पर विधार्थियों की तैयारी करवाये।
6 पिछले वर्ष के बोर्ड परीक्षा प्रश्न पत्रों व उत्तर पुस्तिकाओं की सहायता से निरन्तर अभ्यास करवाना।
7 ब्लयू प्रिन्ट के अनुसार उस पाठ/ईकाई को बोर्ड परीक्षा में दिए जाने वाले अंकभार के आधार पर अध्यापन व अभ्यास करवाना।
8 शिक्षको द्वारा बोर्ड परीक्षा तैयारी के समय सकारात्मक माहौल कक्षाकक्ष में बनाए रखे तथा तैयारी के समय सरल प्रश्न सदैव शामिल रखेगे ताकि सीमान्त व औसत स्तर के विद्यार्थीयो में नकारात्मक भाव नहीं आये।
9 प्रत्येक शिक्षक अपने द्वारा करणीय कार्य योजना का लिखित अभिलेख अवश्य संधारित करे तथा संस्था प्रधान के साथ निरन्तर संवाद स्थापित रखे।
10 शिक्षक स्वयं के द्वारा तैयार किए गए प्रश्न-बैंक में अथवा RMSA द्वारा प्रदत् परीक्षा सामग्री से पूर्व सूचित साप्ताहिक,
मासिक टेस्ट परीक्षा का आयोजन करे।
11 संस्था प्रधान व शिक्षक परीक्षा समय विधार्थियों को तनाव मुक्त रहकर परीक्षा की तैयारी में जुटने हेतु प्रार्थना सभा व सूचना पट्टों पर सकारात्मक संदेश वाचन करेंगे।
12 बोर्ड परीक्षा से पूर्व बोर्ड परीक्षा में प्रविष्ट होने वाले विधार्थियों को परीक्षा के समय उत्तर पुस्तिका को भरने के लिए प्रशिक्षित किया जावे।
13 अन्य समान स्तर का विद्यालय नजदीक होने पर प्री-बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं की जाँच दूसरे सहपाठियों से करवाकर त्रुटियों को इंगित करना।
14 आवश्यकता प्रतीत होने पर अवकाश के दिन का भी बोर्ड परीक्षा तैयारी हेतु उपयोग किया जाए।


अभिभावक स्तर पर करणीय कार्य :
संस्था प्रधान व शिक्षक से यह अपेक्षित है कि वे स्वयं के माध्यमों से अभिभावकों से संवाद स्थापित करते हुए उन्हे निम्न कार्य करने हेतु प्रेरित करे :
1 विधार्थियों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने हेतु ।
2 विधार्थियों को पढ़ाई करने हेतु घर में सकारात्मक वातावरण निर्माण करने हेतु ।
3 विधार्थियों को घरेलू कार्यों से मुक्त रखने हेतु।
4 विधार्थियों द्वारा प्रतिदिन स्कूल में किए गए कार्य के अवलोकन व हस्ताक्षर हेतु।
5 संस्था प्रधान से आवश्यक होने पर संवाद स्थापित करने हेतु।
6 विधार्थियों को तनावमुक्त रहकर परीक्षा तैयारी हेतु प्रोत्साहित करने हेतु।
7 विधार्थियों को परीक्षा तैयारी हेतु संसाधन उपलब्ध करवाने हेतु।

विद्यार्थी स्तर पर करणीय कार्य:
1 नियमित रूप से विद्यालय आना एवं कक्षाकक्ष शिक्षण में ध्यान देना।
2 प्रत्येक विषय की पाठ्यपुस्तक की अनुक्रमणिका आधार पर स्वम हेतु मुश्किल क्षेत्र चिन्हित कर सम्बंधित विषय अध्यापक से मार्गदर्शन लेना।
3 परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित रखना ना कि सम्भावित परीक्षा परिणाम पर।
4 परीक्षा काल मे सामाजिक गतिविधियों का परित्याग करना।
5 खुद का स्वास्थ्य अच्छा रखने हेतु साधारण भोजन करना एवम हल्का-फुल्का व्यायाम करना।
6 वर्ष भर में खुद के बनाये नोट्स का दोहराव करना।
7 परीक्षा को परीक्षा की भावना से देवे एवम अपना शत प्रतिशत प्रयास सुनिश्चित करे लेकिन पहले से ही परिणाम पर विचार नही करे।
8 यदि कोई सहपाठी शैक्षिक मदद मांगे तो सहज रूप से करें।

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