Why does bleeding stop (Blood Clotting) shortly after injury?
Om Prakash Patidar
जब हम चोट लगती है तब रक्त वाहिनियों के फटने के कारण खून निकलने लगता है लेकिन कुछ देर बाद रक्त का रिसाव स्वतः ही बंद भी हो जाता है। हमारा रक्त में लाल रक्त कण, श्वेत रक्त कण और प्लेटलेट्स होते हैं, जो एक तरल जिसे प्लाज्मा कहते है में बहते (तैरते) रहते है।
चोट लगने के बाद चोटिल स्थान से रक्त प्लाज्माके साथ रक्त कणिकाओं और रक्त पट्टिकाओं का रिसाव होने लगता है, लेकिन रक्त में उपस्थित रक्त पट्टीकाए ही रक्त को बहने से रोकने का कार्य करती है। ये प्लेटलेट्स घाव के चारो ओर जमा हो जाते हैं और रक्त प्लाज्मा के कुछ पदार्थों के साथ मिलकर थ्रोम्बोप्लासटिन बनाते हैं। यह पदार्थ प्लाज्मा में उपस्थित फिब्रोनिजिन नामक प्रोटीन को फाइब्रिन में बदल देता है। फाइब्रिन के पतले-पतले रेशे घाव के चारो ओर एक जाला सा बना लेते हैं और यही जाला खून को बाहर आने से रोकता है। इस प्रकार घाव तो नहीं भरता लेकिन खून बहना रुक जाता है। और आपातकाल की स्थिति की तरह हमारा रक्त बहने से रुक जाता है। इस क्रिया को रक्त का थक्का जमना (Blood Clotting) कहते है।
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