बर्ड फ्लू क्या है?

What is Bird Flu?
कोविड महामारी से जूझते देश मे नई आफत बर्ड फ्लू (Bird Flu) के रूप में दस्तक दे रही है। आइए जानते हैं कि आखिर बर्ड फ्लू होता क्या है और ये कैसे फैलता है?

बर्ड फ्लू क्या है?
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) भी कहते हैं. ये पक्षियों में फैलने वाला फ्लू है। इसकी सबसे घातक स्ट्रेन H5N1 होती है। यह वायरस संक्रमित पक्षियों से अन्य जानवरों और इंसानों में भी फैल सकता है। मनुष्य में बर्ड फ्लू का पहला मामला 1997 में हॉन्ग कॉन्ग में आया था. उस समय इसके प्रकोप की वजह पोल्ट्री फार्म में संक्रमित मुर्गियों को बताया गया था. 1997 में बर्ड फ्लू से संक्रमित लगभग 60 फीसदी लोगों की मौत हो गई थी. ये बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह की लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से होती है। H5N1 बर्ड फ्लू इंसानों में होने वाले आम फ्लू की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से नहीं फैलता है. एक इंसान से दूसरे इंसान में तभी फैलता है जब दोनों के बीच बहुत करीबी संपर्क हो. जैसे कि संक्रमित बच्चे की देखभाल करने वाली मां या घर के किसी अन्य संक्रमित सदस्य का ख्याल रखने वाले लोग।
 
बर्ड फ्लू किन पक्षियों में होता है?
बर्ड फ्लू प्रवासी जलीय पक्षियों खासतौर से जंगली बतख से प्राकृतिक रूप से फैलता है. इन जंगली पक्षियों से ये वायरस घरेलू मुर्गियों में फैल जाता है. जंगली पक्षियों से ये बीमारी सूअरों और गधों तक भी फैल सकती है।

बर्ड फ्लू इंसानों में कैसे फैलता है?
बर्ड फ्लू- बर्ड फ्लू इंसानों में तभी फैलता है जब वो किसी संक्रमित पक्षी के संपर्क में आए हों. ये करीबी संपर्क कई मामलों में अलग-अलग हो सकता है. कुछ लोगों में ये संक्रमित पक्षियों की साफ-सफाई से फैल सकता है।संक्रमित पक्षियों से दूषित पानी में तैरने-नहाने से तथा संक्रमित अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले लोगों में भी बर्ड फ्लू फैलने का खतरा हो सकता है।

बर्ड फ्लू के लक्षण-
बर्ड फ्लू होने पर आपको कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बहना और बेचैनी जैसी समस्या हो सकती है।

बर्ड फ्लू का उपचार-
इस बीमारी के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए तथा स्वयं को परिवार से अलग (Qurentine) कर लेना चाहिए। बर्ड फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के अलावा, उसके संपर्क में आए घर के अन्य सदस्यों को भी ये दवाएं ली जाने की सलाह दी जाती है, भले ही उन लोगों में बीमारी के लक्षण ना हों।

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