विश्व थायराइड दिवस(25 मई)
क्यों कहते हैं इसे "साइलेंट किलर"l
हर साल 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस मनाया जाता है। इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। वहीं थायरॉइड एक ऐसी ग्रंथि है, जो गले में मौजुद होती है। ये ग्रंथि शरीर के लिए कई जरूरी हार्मोन्स का निर्माण करती है और रसायनों को संतुलित करता हैl
हर साल 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस मनाया जाता है। इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। वहीं थायरॉइड एक ऐसी ग्रंथि है, जो गले में मौजुद होती है। ये ग्रंथि शरीर के लिए कई जरूरी हार्मोन्स का निर्माण करती है और रसायनों को संतुलित करती है। ऐसे तो यह रोग अनुवांशिक होता है, मगर गलत खानपान और गलत जीवनशैली के कारण भी ये रोग आपको अपना शिकार बना सकता है। पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को थायरॉइड का खतरा होता है।
थायरॉइड को साइलेंट किलर क्यों कहते हैं?
बता दें ऐसे तो थायरॉइड विकार बहुत आम है, जिसकी संभावना हमारे जीवन में तीस फीसदी तक होती है। लेकिन यह एक ऐसी बिमारी है, जिसके लक्षणों का पता धीरे-धीरे चलता है। इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते हैं। पहले तो इस बिमारी के लक्षणों का पता नहीं चलता है, जब इसका पता चलता है, तो यह गंभीर स्थिति में पंहुच गया होता है। वहीं इसके लक्षणों की बात करें तो वजन कम होना, जल्दी थकना, शरीर सुस्त रहना, जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द, मानसिक तनाव आदि शामिल हैं।
कैसे करें थायरॉइड से बचाव
अपने जीवनशैली में बदलाव कर आप इस बिमारी को कंट्रोल कर सकते है इसके लिए संतुलित आहार बेहद जरुरी है वहीं साबुत अनाज का ज्यादा प्रयोग करेम क्योंकी इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल, प्रोटीन और विटामिन होता है इनमें आप जई, जौ, भूरा चावल, आदि शामिल करें वहीं खाने में मशरुम को प्रयोग करें इसके अलावा दही, अंडे, बादाम और आखरोट का सेवन फायदेमंद है। सबसे अहम बात इस बिमारी से बचने के लिए मोटापे से बचना बेहद जरुरी है। अध्ययनों के अनुसार 40 बीएमआई वाले या उससे अधिक लोगों के पास थोड़ा कम थायरॉइड फंक्शन होता है। अक्सर आयोडीन की कमी से थायरॉइड की समस्या उत्पन्न होती है। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में ये समस्या आम है। प्रोसेस्ड फूड के प्रयोग से बचें जिन खाद्य पदार्थों में चीनी, रंग, कृत्रिम स्वाद और स्वीटर्स शामिल हैं उन्हें आहार में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।