शाजापुर। विज्ञान एवं स्वास्थ्य जागरूकता वर्ष गतिविधि अंतर्गत कोरोना वैक्सीनशन क्यो अनिवार्य ह? विषय पर जागरूकता वेबिनार का आयोजन किया गया।
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय शाजापुर द्वारा इन्नोवेशन वर्कशॉप, शासकीय उ मा वि छतवाई के संयुक्त प्रयास से साइंस सेंटर भोपाल के सहयोग से जनजागरूकता हेतु आमजन के मन मे व्याप्त शंकाओं को दूर करने के उद्देश्य से ऑनलाइन कार्यक्रम अयोजित किया इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ अंशुमान सोनारे शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल के टीकाकरण अधिकारी एवं डॉक्टर योगेश शर्मा WHO के रेपिड प्रभारी अधिकारी ने बताया कि हमारे देश में टीकाकरण को लेकर अनेक भ्रांतिया फैली है,जबकि महामारी को रोकने लिए टीकाकरण एक वरदान है टीकाकरण को लेकर बहुत सारे मिथक बहुत सारी भ्रांतियां ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में व्याप्त है जिसके कारण लोग वैक्सीनेशन के लिए तैयार नहीं होते है। जबकि कोरोना के लिए कोविशिल्ड व को वैक्सीन दोनों ही सुरक्षित है। भारत सरकार के विज्ञान एवं स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत लोगों में टीकाकरण के लिए उत्पन्न भ्रांति एवम कई मिथक समस्याओं को दूर करने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें विद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के माध्यम से उनके घरों में उनके माता-पिता से संपर्क करके उन्हें टीकाकरण के फायदे समझाएं एवं ग्रामीण जन को समझाया जा रहा है।
कार्यक्रम समन्वयक ओम प्रकाश पाटीदार ने बताया कि टीकाकरण ही एक ऐसा विकल्प है जिससे हम इस भयावह बीमारी से हम बच सकते हैं टीकाकरण कोवीड महामारी के दौरान हमारे लिए एक वरदान है एक अमृत्तुल्य है जिसके द्वारा हम सब सुरक्षित रह सकते हैं और अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकते हैं टीकाकरण ही एक ऐसा विकल्प है जिसके द्वारा हम अपने गांव अपने समाज अपने राज्य अपने राष्ट्र को बचा सकते हैं टीके से संबंधित फैली भ्रांतियों को एवं कई प्रकार के दुष्प्रचार को दूर करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे है। कार्यक्रम में शैलेन्द्र कसेरा तथा सामाजिक कार्यकर्ता कल्याणी वाजपेयी उपस्थित थी। संचालन डॉ निधि शुक्ला ने किया।
किन किन भ्रांतियां पर हुई चर्चा-
कार्यक्रम के माध्यम से वेक्सीनेशन से संबंधित अनेक भ्रामक प्रश्नों का जवाब दिया गया जैसे लोगों के मन में यह बात होती है कि टीकाकरण से कोरोना हो जाता है, टीकाकरण से हमारी जान चली जाती है, टीकाकरण से बुखार आ जाता है जो कि फिर उतरता नहीं है, टीकाकरण से बांझपन नपुंसकता हो जाती है।
क्या है YASH कार्यक्रम -
भारत सरकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद नई दिल्ली द्वारा साइंस सेंटर (ग्वालियर) द्वारा मध्यप्रदेश के शाजापुर सहित 31 जिलों में कोरोना महामारी से सम्बंधित जागरूकता पर केन्द्रित इस कार्यक्रम अंतर्गत विज्ञान एवं स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगो की धारणाओं का आकलन करना, सार्वजनिक सहभागिता को प्रोत्साहित करना तथा जन संचार गतिविधियों के माध्यम से सभी स्तरों पर जागरूकता पैदा करना है। इस कार्यक्रम के तहत सामुदायिक देखभाल के लिए लोगो के मध्य विज्ञान की सामान्य समझ को बढ़ाने और व्यक्तिगत स्वच्छता , सोशल डिस्टेंसिंग, और स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय पर विशेष जोर दिया जाएगा। जिससे लोगो में भय कम हो सके तथा वे स्वस्थ एवं स्वच्छ जीवन शैली को अपना सकें। यह कार्यक्रम गलत धारणाओं , गलत विश्वासो, को स्पष्ट करने और वैज्ञानिक प्रक्रियाओं द्वारा विधिवत प्रमाणिक ज्ञान के आधार पर प्रथाओं को पेश करने की क्षमता में सुधार लायेगा।

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