भारत के इस राज्य में मनाते हैं पीरियड्स का जश्न,
देश के कई हिस्सों में महिलाओं के मासिक धर्म (पीरियड्स) पर अभी भी खुलकर बात नहीं होती है. लेकिन ओडिशा एक ऐसा राज्य है, जहां मासिक धर्म को लेकर बाकायदा एक पर्व मनाया जाता है. इतना ही नहीं यह राज्य के मुख्य पर्वों में से एक है. इसे रजो पर्व के नाम से जाना जाता है।
यह पर्व हर साल 14 जून को शुरू होता है. चार दिन तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन को पहीली रजो, दूसरे दिन को मिथुन संक्रांति, तीसरे दिन को भूदाहा या बासी रजा और आखिरी दिन को वासुमति स्नान के नाम से जाना जाता है।
खास बात यह है कि इस पर्व में वही स्त्रियां भाग लेती हैं जो मासिक धर्म से गुजर रही होती हैं. इस दौरान चार-पांच दिन तक घर के सारे कामकाज ठप रहते हैं. जमीन से जुड़े और खेती से सम्बंधित, कटाई-बुआई जैसे कोई काम नहीं होते हैं. रसोई के काम पुरुषों को सौंप दिए जाते हैं.
पर्व के दौरान लड़कियां और महिलाएं झूला झूलती हैं और नए कपड़े भी पहनती हैं. तीन या चार दिन के दौरान वे कोई काम नहीं करती. घर और बाहर के सारे काम रोक दिए जाते हैं. इस दौरान रसोई के सारे काम पुरुष ही करते हैं।
ओडिशा देश का इकलौता राज्य है जहां मासिक धर्म पर पर्व मनाया जाता है. पश्चिम और दक्षिण ओडिशा में यह परंपरा कई सालों से जारी है. हालांकि रजो पर्व को मॉनसून के आगमन का संकेत भी माना जाता है कि रजो पर्व के बाद से ही मॉनसून शुरू हो जाता है।