हम सभी ने अपने जीवन में पहली बार यह आसमानी अचंभा देखा है इस कारण हर किसी ने इसे अपने कैमरे में भी कैद कर लिया और इस आकाशीय घटना को सोशल मीडिया पर जंगल में आग की तरह फैला दिया। सितारों की ट्रेन का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। कुछ लोग गंभीरता से तो कुछ लोग मजाक में इसे कोई (UFO) यूएफओ यानी की अनआइडेंटिफाइड ऑब्जेक्ट बता रहे हैं जो आमतौर पर एलियन्स की सवारी मानी जाती है। कुछ लोगों का कहना है कि धरती पर एलियन उतर रहे हैं। इन सब चीजों को लेकर काफी बातें हो रही है।
वास्तव में, सितारों की कतारों जैसी दिखने वाली यह चीज एलियन की सवारी नहीं थी। यह दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी का सैटैलाइट था, जो धरती से काफी कम दूरी पर होने की वजह से इतना साफ दिखाई पड़ रहा था।
क्या है ये सैटेलाइट और क्या काम करता है?
आसमान में चमकीली कतारों की तरह दिखने वाली यह चीज अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी टेस्ला और स्पेसएक्स की ओर से छोड़े गए छोटे-छोटे 53 उपग्रहों यानी कि सैटेलाइट्स की चेन है। इन्हें स्टारलिंक सैटेलाइट कहा जाता है, जो धरती की लो ऑर्बिट में चक्कर लगाती हैं। ये धरती से सिर्फ 550 से 570 किलोमीटर की दूरी पर हैं, इसलिए ही ये हमें दिखाई दे रही हैं और हमें आसमान में उड़ती ट्रेन की तरह लग रही हैं।
दरअसल एलन मस्क इन सैटेलाइट्स को हर दूसरे महीने अपने फॉल्कन-9 रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजते हैं। दो स्टेज वाले इस पूरे प्रोग्राम के दूसरे चरण में रॉकेट स्टारलिंक सैटेलाइट्स को धरती की निचली कक्षा यानी कि लोअर ऑर्बिट में स्थापित करता है। धरती की जिन जगहों पर इंटरनेट की सुविधा अच्छी नहीं है, वहां पर सुविधा बेहतर तरीके से पहुंचाने के लिए ये सैटेलाइट्स इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की आकृतियां भारत में अभी और भी देखने को मिलेंगी।
आने वाले दो दिन आसमान में दिखाई देगी तारों की रेलगाडी
कुछ दिनों से अनेक स्थानों पर शाम के समय एक रहस्यमय रोशनी रेल की आकृति के रूप में आकाश में देखने को मिली जो देखने में एक चमकीले बिंदुओं की लाइन की तरह दिखाई दे रही है। कई नागरिकों द्वारा मोबाइल से वीडियो बनाकर इसे अंतरिक्ष यान, मिसाइल, उल्कापिंड और यहां तक की परग्रही यूएफओ तक होने की आशंका बताते हुए सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। यह रहस्यमय रोशनी भारत सहित पूरे विश्व में अलग अलग समय देखे जाने पर चर्चा और सुर्खियों का कारण बनती जा रही है और यह फिर से मध्यप्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यो में 6 तथा 7 फरवरी की सुबह और शाम को आकाश में फिर से दिखाई देने वाली है।
इस घटना पर जानकारी देते हुए शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक ओम प्रकाश पाटीदार ने बताया कि रात को आकाश में चमकीले बिंदुओं की रेखा या लाइन के रूप में एक छोर से दुसरे छोर तक बिना किसी आवाज के जाती हुए रहस्यमय रोशनी दरअसल प्रसिद्ध अमेरिकी खरबपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के उपग्रहों या सैटेलाइटस का समूह है। इन्हें अमेरिका के फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा 53 के समूह में प्रक्षेपित किया गया था। जब भी इन सैटेलाइट को लॉन्च किया जाता है ,तो कुछ दिनों के लिए ये सैटेलाइट निचली कक्षाएँ में होने से लाइनों में चमकते हुए दिखाई देते हैं।
स्टारलिंक सैटेलाइटो को अधिकतम सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है ,इस कारण यह चमकीले बिंदुओं के रूप में दिखाई देते है ताकि इन सैटेलाइट को ट्रैक करना आसान हो सके। सैटेलाइटस को प्रक्षेपित किए जाने के बाद, लोगों को आकाश में प्रकाश का एक अजीब पैटर्न दिखाई देता है, जो आकाश में यात्रा करने वाली तारों की ट्रेन के समान होता है। जिसे स्टारलिंक ट्रेन या स्काय ट्रेन भी कहते है। प्रक्षेपण के कुछ समय के बाद इन सैटलाइट की एक-दूसरे से दूरी बढ़ने लगती है जिसके कारण इन चमकीले बिंदुओं वाली लाइन पहले से लम्बी दिखाई देती है और यह सभी सैटेलाइट सतह से लगभग 550 से 570 किमी की ऊंचाई पर स्थित कक्षा या ऑर्बिट में होते है जहां कुछ दिनों के बाद अपनी मूल कक्षा में स्थापित हो जाते हैं। तब इन्हें एक सैटेलाइट के रूप में नग्न आंखों से देखना मुश्किल हो जाता है।
इनको आसमान में क्यो छोड़ा गया है?
पृथ्वी के प्रत्येक भाग में हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए ऐसे 12000 सैटेलाइटो को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने की स्टारलिंक कंपनी की योजना है। जिसमें से अभी तक केवल 3800 लगभग सैटेलाइट को कक्षाओं में स्थापित किया जा चुका है। इस कारण भविष्य में आकाश में ये घटना बार-बार देखने को मिलती रहेगी। स्टारलिंक ट्रेन को सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद ही को देख पाना संभव होता है।
स्टारलिंक एक वैज्ञानिक रिसर्च आधारित घटना हैं इनसे बिना डरे या आतंकित हुए नागरिक बिना किसी उपकरण के नग्न आंखों से इसका आनन्द ले सकते है। इस घटना की दृश्यता आसपास के वातावरण के प्रकाशीय प्रदूषण के स्तर पर भी निर्भर करती है। यह घटना शहरों में प्रदूषण का स्तर अधिक होने के कारण दूर ग्रामीण क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक स्पष्ट दिखाई देगी। साथ ही 7 फरवरी को सुबह दिखाई देने वाले सैटेलाइटस अधिक अन्य की अपेक्षा अधिक स्पष्ट दिखाई देंगे।
यह घटना 6 फरवरी सोमवार को सुबह 5:24 बजे जिसमे स्टारलिंक सैटेलाइटस 1 मिनिट के लिए आकाश में उत्तर-पूर्व से पूर्व दिशा की ओर जाते हुए दिखाई देगे।
कब कब दिखेगी आसमानी ट्रेन?
आसमान में सुबह तथा शाम के समय इस आसमानी ट्रेन को रविवार सुबह देखने के साथ-साथ 6 फरवरी सोमवार को शाम 8:06 बजे स्टारलिंक सैटेलाइटस आकाश में दक्षिण-पश्चिम दिशा में 5 मिनिट के लिए दिखाई देगे। फरवरी मंगलवार को सुबह 5:49 बजे जिसमे स्टारलिंक सैटेलाइटस 2 मिनिट के लिए आकाश में दक्षिण से दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर जाते हुए दिखाई देगे। इसी दिन शाम 6:58 बजे सैटेलाइट को दक्षिण-पूर्व से पूर्व दिशा की ओर जाते हुए 3 मिनट के लिए देखा जा सकेगा।